आज सिखों के 10वें गà¥à¤°à¥ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सनातन धरà¥à¤® के रकà¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह जी का 356 वा पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ उपनगर कनखल में à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ तीजी पातशाही शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ अमर दास जी तप सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ गà¥à¤°à¤‚थ साहिब के अखंड पाठका à¤à¥‹à¤— चढ़ाया गया।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 9 जनवरी आज सिखों के 10वें गà¥à¤°à¥ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सनातन धरà¥à¤® के रकà¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह जी का 356 वा पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ उपनगर कनखल में à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ तीजी पातशाही शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ अमर दास जी तप सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ गà¥à¤°à¤‚थ साहिब के अखंड पाठका à¤à¥‹à¤— चढ़ाया गया अरदास की गई शबà¥à¤¦ कीरà¥à¤¤à¤¨ का आयोजन किया गया। बीबी बिनà¥à¤¨à¤¿à¤‚दर कौर ने कहा कि सिख समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ और सनातन धरà¥à¤® से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ लोगों के लिठयह दिन बहà¥à¤¤ बड़ा और खास दिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पौष माह की सपà¥à¤¤à¤®à¥€ तिथि पर गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। वहीं अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ कैलेंडर के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह का जनà¥à¤® 22 दिसंबर 1666 को पटना में हà¥à¤† था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी जिसे सिख धरà¥à¤® में पà¥à¤°à¤®à¥à¤– माना जाता है। गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह के बचपन का नाम गोविंद राय था । इनके पिता सिख धरà¥à¤® के नौवें गà¥à¤°à¥ गà¥à¤°à¥ तेग बहादà¥à¤° और माता का नाम गà¥à¤œà¤°à¥€ था। गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह à¤à¤• महान योदà¥à¤§à¤¾ और धारà¥à¤®à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ थे। मà¥à¤—ल शासक औरंगजेब ने इनके पिता गà¥à¤°à¥ तेग बहादà¥à¤° को इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® कबूल करने मजूबर किया था लेकिन इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤—लों के आगे नहीं à¤à¥à¤•à¥‡ और इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® कबूल करने से इंकार दिया। तब औरंगजेब ने नवंबर 1675 में इनका सिर कलम कर दिया था। तब गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह को मातà¥à¤° 9 वरà¥à¤· की अलà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ में सिंह धरà¥à¤® के 10वें गà¥à¤°à¥ पर आसीन हà¥à¤à¥¤ गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह की जयंती पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में विशेष अरदास और लंगर का आयोजन किया जाता है। गà¥à¤°à¤‚थि देवेंदà¥à¤° सिंह ने कहा कि गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह जी ने ही वाहे गà¥à¤°à¥ की फतेह, वाहे गà¥à¤°à¥ का खालसा का नारा दिया था। शौरà¥à¤¯, साहस, पराकà¥à¤°à¤® और वीरता के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह जी ने सिखों को पंच ककार धारण करने का आदेश दिया था। ये पांच चीजें ये है। केश, कड़ा, कचà¥à¤›à¤¾, कृपाण और कंघा। गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह जी के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गई शिकà¥à¤·à¤¾à¤à¤‚ आज à¤à¥€ लोगों को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दिलाती है। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मीनू शरà¥à¤®à¤¾ अतà¥à¤² शरà¥à¤®à¤¾ मनजीत सिंह समेत कई लोग मौजूद थे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ के मौके पर आइठजानते हैं गà¥à¤°à¥ 10 बातें... पहली शिकà¥à¤·à¤¾- धरम दी किरत करनी: अपनी जीविका ईमानदारी पूरà¥à¤µà¤• काम करते हà¥à¤ चलाà¤à¤‚। दूसरी शिकà¥à¤·à¤¾- दसवंत देना: हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अपनी कमाई का दसवां हिसà¥à¤¸à¤¾ दान में देना चाहिà¤à¥¤ तीसरी शिकà¥à¤·à¤¾- गà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ कंठकरनी: गà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ को कंठसà¥à¤¥ कर लें। चौथी शिकà¥à¤·à¤¾- कम करन विच देरदार नहीं करना: काम करने में कà¤à¥€ à¤à¥€ पीछे न हटें। काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें। पांचवीं शिकà¥à¤·à¤¾- धन, जवानी, तै कà¥à¤² जात दा अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ नहीं करना: अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जवानी, जाति और कà¥à¤² धरà¥à¤® को लेकर अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ नहीं करना चाहिà¤à¥¤ छठी शिकà¥à¤·à¤¾- किसी दि निंदा, चà¥à¤—ली, अतै इरà¥à¤–ा नहीं करना: किसी की चà¥à¤—ली-निंदा से बचें और किसी से ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾ करने के बजाय मेहनत करें। सातवीं शिकà¥à¤·à¤¾- परदेसी, लोरवान, दà¥à¤–ी, अपंग, मानà¥à¤– दि यथाशकà¥à¤¤ सेवा करनी: यानी किसी à¤à¥€ परदेशी नागरिक, दà¥à¤–ी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿, विकलांग व जरूरतमंद शखà¥à¤¸ की मदद जरूर करें। आठवीं शिकà¥à¤·à¤¾- बचन करकै पालना: अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें। नौवें शिकà¥à¤·à¤¾- शसà¥à¤¤à¥à¤° विदà¥à¤¯à¤¾ अतै घोड़े दी सवारी दा अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करना: खà¥à¤¦ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखने के लिठशारीरिक सौषà¥à¤ व, हथियार चलाने और घà¥à¤¡à¤¼à¤¸à¤µà¤¾à¤°à¥€ जरूर करें। दसवीं शिकà¥à¤·à¤¾- जगत-जूठतंबाकू बिखिया दी तियाग करना: किसी à¤à¥€ तरह के नशे का आदी न बनें। गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह के जी अनमोल वचन 1- à¤à¥ˆ काहू को देत नहि, नहि à¤à¤¯ मानत आन गà¥à¤°à¥ के बिना किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ नहीं हो सकती है 2- गà¥à¤°à¥ गोबिंद तà¥à¤® हो पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡, तà¥à¤® बिन मà¥à¤à¥‡ जग से कौन तार आप ही है वो जो लोगों को, करा दे खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वारे नà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ 3- ईशà¥à¤µà¤° ने मनà¥à¤·à¥à¤¯ को इसलिठजनà¥à¤® दिया है, ताकि वे संसार में अचà¥à¤›à¥‡ करà¥à¤® करें, और बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ से दूर रहें 4- वाहे गà¥à¤°à¥ का आशीष सदा मिले, à¤à¤¸à¥€ है कामना तेरी !! गà¥à¤°à¥ की कृपा से आà¤à¤—ी, घर-घर में खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ !! गà¥à¤°à¥ गोबिंद सिंह जयंती की बधाइयां !! 5- लख-लख बधाई आपको, गà¥à¤°à¥ गोविंद सिंह का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ मिले आपको!! खà¥à¤¶à¥€ का जीवन से रिशà¥à¤¤à¤¾ हो à¤à¤¸à¤¾, दीठका बाती संग रिशà¥à¤¤à¤¾ जैसे!! 6- सवा लाख से à¤à¤• लड़ाऊà¤, चिड़ियों सों मैं बाज तड़ऊà¤, तबे गोबिंदसिंह नाम कहाऊà¤, 7- à¤à¥ˆ काहू को देत नहि, नहि à¤à¤¯ मानत आन गà¥à¤°à¥ के बिना किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ नहीं हो सकती है