जगजीतपà¥à¤° फूटबॉल गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚ड के निकट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ बालाजी धाम, शà¥à¤°à¥€à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¬à¤²à¤¿ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ नरà¥à¤®à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महंत दिगंबर आलोक गिरी के सानिधà¥à¤¯ में मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति परà¥à¤µ के पावन अवसर पर खिचड़ी महाà¤à¥‹à¤œ का आयोजन किया जा रहा है।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ जगजीतपà¥à¤° फूटबॉल गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚ड के निकट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ बालाजी धाम, शà¥à¤°à¥€à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¬à¤²à¤¿ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ नरà¥à¤®à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महंत दिगंबर आलोक गिरी के सानिधà¥à¤¯ में मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति परà¥à¤µ के पावन अवसर पर खिचड़ी महाà¤à¥‹à¤œ का आयोजन किया जा रहा है। महंत आलोक गिरी ने बताया कि सूरà¥à¤¯ का मकर राशि में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करना मकर-संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति कहलाता है. संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के लगते ही सूरà¥à¤¯ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤¯à¤£ हो जाता है. मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि मकर-संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति से सूरà¥à¤¯ के उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤¯à¤£ होने पर देवताओं का सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ होता है और दैतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ होने पर उनकी रातà¥à¤°à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहो जाती है. उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤¯à¤£ में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं।महापरà¥à¤µ संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के à¤à¤• रूप अनेक हैं। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि सूरà¥à¤¯ की मकर-संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति को महापरà¥à¤µ का दरà¥à¤œà¤¾ दिया गया है. उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में मकर-संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन खिचड़ी बनाकर खाने तथा खिचड़ी की सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को दान देने की पà¥à¤°à¤¥à¤¾ होने से यह परà¥à¤µ खिचड़ी के नाम से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हो गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि बिहार-à¤à¤¾à¤°à¤–ंड à¤à¤µà¤‚ मिथिलांचल में यह धारणा है कि मकर-संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति से सूरà¥à¤¯ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प तिल-तिल बà¥à¤¤à¤¾ है, अत: वहां इसे तिल संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति कहा जाता है. यहां पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प इस दिन तिल तथा तिल से बने पदारà¥à¤¥à¥‹ का सेवन किया जाता है। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जगहों पर अलग-अलग तरीके से मानाया जाता है. हरियाणा व पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है. उतर पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ व बिहार में इसे खिचड़ी कहा जाता है. उतर पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में इसे दान का परà¥à¤µ à¤à¥€ कहा जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि असम में इस दिन बिहू तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° मनाया जाता है. दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पोंगल का परà¥à¤µ à¤à¥€ सूरà¥à¤¯ के मकर राशि में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने पर होता है. वहां इस दिन तिल, चावल, दाल की खिचड़ी बनाई जाती है. वहां यह परà¥à¤µ चार दिन तक चलता है. नई फसल के अनà¥à¤¨ से बने à¤à¥‹à¤œà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥ à¤à¤—वान को अरà¥à¤ªà¤£ करके किसान अचà¥à¤›à¥‡ कृषि- उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ हेतॠअपनी कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हैं। संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति à¤à¤• विशेष तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° के रूप में देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंचलों में विविध पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से मनाई जाती है। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति पर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ का मान का à¤à¥€ खास महतà¥à¤µ है। कहा जाता है कि मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने पर सà¤à¥€ कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ का निवारण हो जाता है. इसीलिठइस दिन दान, तप, जप का विशेष महतà¥à¤µ है. à¤à¤¸à¤¾ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस दिन को दिया गया दान विशेष फल देने वाला होता है। मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• महतà¥à¤µ बताते हà¥à¤ आलोक गिरी महाराज ने कहा कि माना जाता है कि इस दिन à¤à¤—वान à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° अपने पà¥à¤¤à¥à¤° शनि से मिलने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ उनके घर जाते है. चूंकि शनिदेव मकर राशि के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हैं, अत: इस दिन को मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के नाम से जाना जाता है. महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ काल में à¤à¥€à¤·à¥à¤® पितामह ने अपनी देह तà¥à¤¯à¤¾à¤—ने के लिठमकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति का ही चयन किया था. मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन ही गंगाजी à¤à¤—ीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मà¥à¤¨à¤¿ के आशà¥à¤°à¤® से होकर सागर में जा मिली थीं। मकर-संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति से पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¥€ करवट बदलती है. इस दिन लोग पतंग à¤à¥€ उड़ाते हैं. उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ आकाश में उड़ती पतंगें देखकर सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अहसास होता है। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—त कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ किया गया है। साथ ही आने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं से निवेदन à¤à¥€ किया गया है कि वह कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मासà¥à¤•, सैनिटाइजर à¤à¤µà¤‚ 2 गज की दूरी के नियमों का पालन करें।