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धर्म संसद में हेड स्पीच केस में आज जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया


भूपतवाला में कुछ दिन पूर्व हुए धर्म संसद में हेट स्पीच केस में दर्ज एफआईआर में 10 से अधिक लोगों के नाम हैं. इसमें नरसिंहानंद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं. जिसमें 3 दिन पूर्व जितेंद्र नारायण त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और जमानत भी नामंजूर की है उसी मामले मैं जितेंद्र नारायण त्यागी को छोड़ने को लेकर सर्वानंद घाट बैठे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को आज रात्रि के दौरान गिरफ्तार कर लिया है ।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार भूपतवाला में कुछ दिन पूर्व हुए धर्म संसद में हेट स्पीच केस में दर्ज एफआईआर में 10 से अधिक लोगों के नाम हैं. इसमें नरसिंहानंद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं. जिसमें 3 दिन पूर्व जितेंद्र नारायण त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और जमानत भी नामंजूर की है उसी मामले मैं जितेंद्र नारायण त्यागी को छोड़ने को लेकर सर्वानंद घाट बैठे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को आज रात्रि के दौरान गिरफ्तार कर लिया है बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को कार्रवाई के बारे में 10 दिनों के भीतर एक हलफनामा देने का निर्देश दिया था.इसके बाद उत्तराखंड पुलिस हरकत में आई है औऱ अब आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है. पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई थी. याचिकाकर्ता ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषणों की घटनाओं की एक एसआईटी द्वारा ‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच' कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था. गौरतलब है कि उत्‍तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हिंदु साधुओं और अन्‍य नेताओं ने कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ हथियार उठाने और उनके कत्लेआम का आह्वान किया था। इससे पहले हरिद्वार एसएसपी ने गुरुवार को बताया था कि रिजवी को रुड़की के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. कुछ महीने पहले ही हिंदू धर्म के साथ जितेंद्र नारायण त्यागी का नाम रखने वाले रिजवी समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उतराखंड सरकार को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा था. कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने याचिकाकर्ता कुर्बान अली को छूट दी थी कि वह 23 जनवरी को अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास जा सकते हैं.

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