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आध्यात्मिक शान्ति और अल्पाइन के फूलों की मोहक सुगंध से युक्त उत्तराखंड़ राज्य - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आध्यात्मिक शान्ति और अल्पाइन के फूलों की मोहक सुगंध से युक्त उत्तराखंड़ राज्य में पर्यटन की अपार सम्भावनायें है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 25 जनवरी। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आध्यात्मिक शान्ति और अल्पाइन के फूलों की मोहक सुगंध से युक्त उत्तराखंड़ राज्य में पर्यटन की अपार सम्भावनायें है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक ऊर्जा का पावर बैंक; अध्यात्म और आनन्द की भूमि है; शान्ति और शक्ति का संचार करने वाला राज्य भी है। हमारा उत्तराखंड स्विट्जर लैण्ड भी है और स्पिरिचुअल लैण्ड भी है क्योंकि यहां पर माँ गंगा है और हिमालय भी है। योग और ध्यान के कारण उत्तराखंड ने पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया हैं। स्वामी जी ने कहा कि यह प्रदेश अपार शान्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा देने वाला है। उत्तराखंड राज्य को आॅक्सीजन बैंक, वाॅटर बैंक और आयुर्वेद व जड़ी-बूटी बैंक के रूप में विकसित कर विश्व को एक सौगात दी जा सकती है। अपार प्राकृतिक संपदाओं से युक्त यह राज्य आध्यात्मिक संस्कृति का उद्घोषक है। स्वामी जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर पर्यटन क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है क्योंकि घरेलू स्तर पर व सीमा पार से सुचारू रूप से आवागमन नहीं हो पा रहा है इसलिये स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देना होगा। स्थानीय दालें, दलहन और पहाड़ी उत्पादों को एक बाजार प्रदान करना होगा। उत्तराखंड के व्यंजन, उत्पाद और संस्कृति के साथ आयुर्वेद और हिमालयी जड़ी-बूटियों को लोकल से ग्लोबल की ओर लेकर जाना होगा। स्वामी जी ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अपने टाइम, टैलंेट, टेक्नोलाॅजी एवं टेनासिटी के साथ स्थानीय उत्पादों के लिये लोकल से ग्लोबल की ओर बढ़ना होगा। हम सभी प्रदेश वासियों को यूज एंड थ्रो कल्चर से यूज एंड ग्रो कल्चर की ओर बढ़ना होगा और इसके लिये सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूर्ण रूप से बंद करना होगा। आईये आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी टाइगर रिजर्व, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क आदि अनेक विविधताओं से युक्त उत्तराखंड राज्य में प्लास्टिक मुक्त पर्यटन को बढ़ावा देंगे।

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