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भारत की गौरवशाली संवैधानिक यात्रा का संदेश - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


भारत आज अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मनाया रहा है। इस पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें देते हुये भारत का गौरव राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों और वीर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 26 जनवरी। भारत आज अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मनाया रहा है। इस पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें देते हुये भारत का गौरव राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों और वीर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों के बैंड ने मार्शल धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ बजा कर मार्च-पास्ट कर तिरंगे को सलामी दी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे पावन अवसर पर भारत के प्रत्येक बच्चे को मौलिक अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों की भी समझ और संवैधानिक मूल्यों के बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। यह पर्व हम भारतीयों की गौरवशाली संवैधानिक यात्रा का संदेश देता है। आज 26 जनवरी के पावन अवसर पर ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, परमार्थ परिवार के सदस्यों ने ऋषिकेश शहर के समुदायों में जाकर, बस्तियों में रहने वाले बच्चों व युवाओं के साथ गणतंत्र दिवस मनाया। समुदायों के बच्चों ने इस अवसर पर सामाजिक कुरितियों जैसे कन्या भू्रण हत्या, दहेज प्रथा, नशा आदि विषयों पर नृत्य, नाटक और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये। स्वामी जी ने अपने संदेश में कहा कि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है और भारत की जनता सर्वोच्च संप्रभु है। भारत का संविधान भारतीय जनता को समर्पित है। भारत ना तो किसी पर निर्भर है और ना ही किसी अन्य देश का डोमिनियन है। हमारा भारत स्वतंत्र प्रभुत्वसम्पन्न राष्ट्र है और इस व्यवस्था को बनाये रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। स्वामी जी ने देश के युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि भाईचारे और बंधुत्व की भावना को विकसित करते हुये देश की एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिये मिलकर प्रयास करते रहे तभी हम आजादी के अमृत महोत्वस को चरितार्थ कर सकते हैं। इस अवसर पर रूचि राय, सुखनूर कौर, राकेश रोशन, सत्यवीर, गेवेन, सत्यवीर सिंह राठौर आदि परमार्थ निकेतन के सदस्यों ने मायाकुण्ड, गोविन्द नगर, चन्द्रेश्वर नगर और काले की ढ़ाल के बच्चों को फल और रिफ्रेशमेंट पैकेट वितरित किये।

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