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जीवन का उद्देश्य को स्मरण कराता है वसंत - डा चिन्मय पण्ड्या


गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में वसंतोत्सव कार्यक्रम प्रारंभ हो गया। इसका शुभारंभ प्रातः चार बजे से अखण्ड जप साधना के साथ हिमालय से लाई गयी पवित्र अग्नि में गायत्री महायज्ञ के साथ हुआ। इस दौरान गायत्री के सिद्ध साधक युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के सपनों को साकार करने में प्राणपण से जुट जाने का आवाहन किया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार ४ फरवरी। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में वसंतोत्सव कार्यक्रम प्रारंभ हो गया। इसका शुभारंभ प्रातः चार बजे से अखण्ड जप साधना के साथ हिमालय से लाई गयी पवित्र अग्नि में गायत्री महायज्ञ के साथ हुआ। इस दौरान गायत्री के सिद्ध साधक युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के सपनों को साकार करने में प्राणपण से जुट जाने का आवाहन किया गया। इस अवसर पर अपने वर्चुअल संदेश में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि जीवन के महान उद्देश्यों का स्मरण कराने के लिए वसंत पर्व का आगमन होता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की भी पूजा अर्चना की जाती है, जिससे हमारे विचार सदैव ऊर्ध्वगामी बना रहे। उन्होंने कहा कि सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री मां गायत्री की नियमित उपासना, साधना आराधना से मानव महामानव बनने की ओर अग्रसर होता है। उनका जीवन दिव्य एवं पूर्णता की ओर बढ़ने लगता है। उन्होंने कहा कि गायत्री साधना में विश्व कल्याण का भाव भी सन्निहित होता है। इससे पूर्व वरिष्ठ कार्यकर्त्ता डॉ. ओपी शर्मा ने शांतिकुंज स्थापना की स्वर्ण जयंती वर्ष के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार के अधिष्ठाता युगऋषि ने गायत्री को सर्वसुलभ बनाकर सम्पूर्ण समाज को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया है।

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