हमारे जीवन में रोगों का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता ही रहता है -हम छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कर सकते है आज हम आप के लिठलाये हैं साधारण छोटे-छोटे पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— जिनको आप अवशà¥à¤¯ अपनाठकà¥à¤› पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— नीचे दिठगठहै जो आपके घर में ही उपलबà¥à¤§ है अजमाठऔर लाठले|
रिपोर्ट -
1.दमे के लिये तà¥à¤²à¤¸à¥€ और वासा: दमे के रोगियों को तà¥à¤²à¤¸à¥€ की 10 पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ वासा (अडूसा या वासक) का 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर काà¥à¤¾ बनाकर दें। लगà¤à¤— 21 दिनों तक सà¥à¤¬à¤¹ यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता हैl 2.मौसमी खाà¤à¤¸à¥€ के लिये सेंधा नमक: सेंधा नमक की लगà¤à¤— à¤à¤• सौ गà¥à¤°à¤¾à¤® डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अचà¥à¤›à¥€ तरह गरà¥à¤® कर लें। जब लाल होने लगे तब गरà¥à¤® डली को तà¥à¤°à¤‚त आधा कप पानी में डà¥à¤¬à¥‹à¤•à¤° निकाल लें और नमकीन गरà¥à¤® पानी को à¤à¤• ही बार में पी जाà¤à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाà¤à¤¸à¥€, विशेषकर बलगमी खाà¤à¤¸à¥€ से आराम मिलता है। नमक की डली को सà¥à¤–ाकर रख लें à¤à¤• ही डली का बार बार पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जा सकता हैl 3.बैठे हà¥à¤ गले के लिये मà¥à¤²à¥‡à¤ ी का चूरà¥à¤£: मà¥à¤²à¥‡à¤ ी के चूरà¥à¤£ को पान के पतà¥à¤¤à¥‡ में रखकर खाने से बैठा हà¥à¤† गला ठीक हो जाता है। या सोते समय à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤® मà¥à¤²à¥‡à¤ ी के चूरà¥à¤£ को मà¥à¤– में रखकर कà¥à¤› देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मà¥à¤à¤¹ में रखकर जाà¤à¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दरà¥à¤¦ और सूजन में à¤à¥€ आराम आ जाता हैl 4.मà¥à¤à¤¹ और गले के कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ के लिये सौंफ और मिशà¥à¤°à¥€: à¤à¥‹à¤œà¤¨ के बाद दोनों समय आधा जमानत सौंफ चबाने से मà¥à¤– की अनेक बीमारियाठऔर सूखी खाà¤à¤¸à¥€ दूर होती है, बैठी हà¥à¤ˆ आवाज़ खà¥à¤² जाती है, गले की खà¥à¤¶à¥à¤•à¥€ ठीक होती है और आवाज मधà¥à¤° हो जाती हैl 5.खराश या सूखी खाà¤à¤¸à¥€ के लिये अदरक और गà¥à¤¡à¤¼: गले में खराश या सूखी खाà¤à¤¸à¥€ होने पर पिसी हà¥à¤ˆ अदरक में गà¥à¤¡à¤¼ और घी मिलाकर खाà¤à¤à¥¤ गà¥à¤¡à¤¼ और घी के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर शहद का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤à¥€ किया जा सकता है। आराम मिलेगाl 6.पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक: आधा गà¥à¤°à¤¾à¤® अजवायन चूरà¥à¤£ में सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° काला नमक मिलाकर रातà¥à¤°à¤¿ के समय रोजाना गरà¥à¤® जल से देने से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के पेट के कीडे नषà¥à¤Ÿ होते हैं। बडों के लिये- चार à¤à¤¾à¤— अजवायन के चूरà¥à¤£ में à¤à¤• à¤à¤¾à¤— काला नमक मिलाना चाहिये और दो गà¥à¤°à¤¾à¤® की मातà¥à¤°à¤¾ में सोने से पहले गरà¥à¤® पानी के साथ लेना चाहियेl 7.अरà¥à¤šà¤¿ के लिये मà¥à¤¨à¤•à¥à¤•à¤¾ हरड़ और चीनी: à¤à¥‚ख न लगती हो तो बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में मà¥à¤¨à¤•à¥à¤•à¤¾ (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाà¤à¤š छह गà¥à¤°à¤¾à¤® की मातà¥à¤°à¤¾ में (à¤à¤• छोटा चमà¥à¤®à¤š), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटेंl 8.बदन के दरà¥à¤¦ में कपूर और सरसों का तेल: 10 गà¥à¤°à¤¾à¤® कपूर, 200 गà¥à¤°à¤¾à¤® सरसों का तेल – दोनों को शीशी में à¤à¤°à¤•à¤° मजबूत ठकà¥à¤•à¤¨ लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ मिलकर à¤à¤• रस होकर घà¥à¤² जाठतब इस तेल की मालिश से नसों का दरà¥à¤¦, पीठऔर कमर का दरà¥à¤¦ और, माà¤à¤¸à¤ªà¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¦ शीघà¥à¤° ही ठीक हो जाते हैंl 9.जोड़ों के दरà¥à¤¦ के लिये बथà¥à¤ का रस: बथà¥à¤† के ताजा पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का रस पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ गà¥à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कà¥à¤› न मिलाà¤à¤à¥¤ नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कà¥à¤› न लें। दो तीन माह तक लेंl 10.पेट में वायà¥-गैस के लिये मटà¥à¤ ा और अजवायन: पेट में वायॠबनने की अवसà¥à¤¥à¤¾ में à¤à¥‹à¤œà¤¨ के बाद 125 गà¥à¤°à¤¾à¤® दही के मटà¥à¤ े में दो गà¥à¤°à¤¾à¤® अजवायन और आधा गà¥à¤°à¤¾à¤® काला नमक मिलाकर खाने से वायà¥-गैस मिटती है। à¤à¤• से दो सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ तक आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° दिन के à¤à¥‹à¤œà¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ लेंl 11.फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल: नाà¤à¤¿ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ सरसों का तेल लगाने से होंठनहीं फटते और फटे हà¥à¤ होंठमà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® और सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° हो जाते है। साथ ही नेतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की खà¥à¤œà¤²à¥€ और खà¥à¤¶à¥à¤•à¥€ दूर हो जाती हैl 12.सरà¥à¤¦à¥€ बà¥à¤–ार और साà¤à¤¸ के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ रोगों के लिये तà¥à¤²à¤¸à¥€: तà¥à¤²à¤¸à¥€ की 21 पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ सà¥à¤µà¤šà¥à¤› खरल या सिलबटà¥à¤Ÿà¥‡ (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ पीस लें और 10 से 30 गà¥à¤°à¤¾à¤® मीठे दही में मिलाकर नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ खाली पेट तीन मास तक खाà¤à¤à¥¤ दही खटà¥à¤Ÿà¤¾ न हो। यदि दही माफिक न आये तो à¤à¤•-दो चमà¥à¤®à¤š शहद मिलाकर लें। छोटे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को आधा गà¥à¤°à¤¾à¤® तà¥à¤²à¤¸à¥€ की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ à¤à¥‚लकर à¤à¥€ न दें। औषधि पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ खाली पेट लें। आधा à¤à¤• घंटे पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ नाशà¥à¤¤à¤¾ ले सकते हैंl 13.अधिक कà¥à¤°à¥‹à¤§ के लिये आà¤à¤µà¤²à¥‡ का मà¥à¤°à¤¬à¥à¤¬à¤¾ और गà¥à¤²à¤•à¤‚द: बहà¥à¤¤ कà¥à¤°à¥‹à¤§ आता हो तो सà¥à¤¬à¤¹ आà¤à¤µà¤²à¥‡ का मà¥à¤°à¤¬à¥à¤¬à¤¾ à¤à¤• नग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ खाà¤à¤ और शाम को गà¥à¤²à¤•à¤‚द à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š खाकर ऊपर से दूध पी लें। कà¥à¤°à¥‹à¤§ आना शांत हो जाà¤à¤—ाl 14.घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ में दरà¥à¤¦ के लिये अखरोट: सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाठखाने से घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ का दरà¥à¤¦ मैं आराम हो जाता हैl 15.काले धबà¥à¤¬à¥‹à¤‚ के लिये नीबू और नारियल का तेल: चेहरे व कोहनी पर काले धबà¥à¤¬à¥‡ दूर करने के लिये आधा चमà¥à¤®à¤š नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर रगड़ें, फिर गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¥‡ पानी से धो लेंl 16.कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤² पर नियंतà¥à¤°à¤£ सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ से: à¤à¥‹à¤œà¤¨ के बाद कचà¥à¤šà¥€ सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ 20 से 40 मिनट तक चबाà¤à¤ फिर मà¥à¤à¤¹ साफ़ कर लें। सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ का रस लार के साथ मिलकर रकà¥à¤¤ को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤² में गिरावट आती है और रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª à¤à¥€ कम हो जाता हैl 17.मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन: मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कà¥à¤› बूà¤à¤¦à¥‡à¤‚ पानी में मिलाकर कà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ करने से सूजन में आराम आ जाता हैl 18.हृदय रोग में आà¤à¤µà¤²à¥‡ का मà¥à¤°à¤¬à¥à¤¬à¤¾: आà¤à¤µà¤²à¥‡ का मà¥à¤°à¤¬à¥à¤¬à¤¾ दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामानà¥à¤¯ होना तथा दिल के रोग में अतà¥à¤¯à¤‚त लाठहोता है, साथ ही पितà¥à¤¤, जà¥à¤µà¤°, उलà¥à¤Ÿà¥€, जलन आदि में à¤à¥€ आराम मिलता हैl 19.शारीरिक दà¥à¤°à¥à¤¬à¤²à¤¤à¤¾ के लिये दूध और दालचीनी: दो गà¥à¤°à¤¾à¤® दालचीनी का चूरà¥à¤£ सà¥à¤¬à¤¹ शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दà¥à¤°à¥à¤¬à¤²à¤¤à¤¾ दूर होती है और शरीर सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हो जाता है। दो गà¥à¤°à¤¾à¤® दालचीनी के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤® जायफल का चूरà¥à¤£ à¤à¥€ लिया जा सकता हैl 20.हकलाना या तà¥à¤¤à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ दूर करने के लिये दूध और काली मिरà¥à¤š: हकलाना या तà¥à¤¤à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ दूर करने के लिये 10 गà¥à¤°à¤¾à¤® दूध में 250 गà¥à¤°à¤¾à¤® कालीमिरà¥à¤š का चूरà¥à¤£ मिलाकर रख लें। 2-2 गà¥à¤°à¤¾à¤® चूरà¥à¤£ दिन में दो बार मकà¥à¤–न के साथ मिलाकर खाà¤à¤l 21.शà¥à¤µà¤¾à¤¸ रोगों के लिये दूध और पीपल: à¤à¤• पाव दूध में 5 पीपल डालकर गरà¥à¤® करें, इसमें चीनी डालकर सà¥à¤¬à¤¹ और ‘शाम पीने से साà¤à¤¸ की नली के रोग जैसे खाà¤à¤¸à¥€, जà¥à¤•à¤¾à¤®, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीरà¥à¤¯ की कमी आदि रोग दूर होते हैंl 22.अचà¥à¤›à¥€ नींद के लिये मलाई और गà¥à¤¡à¤¼: रात में नींद न आती हो तो मलाई में गà¥à¤¡à¤¼ मिलाकर खाà¤à¤ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाà¤à¤—ीl 23.कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय: à¤à¤•-à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। सà¥à¤µà¤¾à¤¦ के लिये काला नमक या शहद मिलाà¤à¤l 24.घमौरियों के लिये मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€: घमौरियों पर मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ में पानी मिलाकर लगाने से रात à¤à¤° में आराम आ जाता हैl 25.पेट के रोग दूर करने के लिये मटà¥à¤ ा: मटà¥à¤ े में काला नमक और à¤à¥à¤¨à¤¾ जीरा मिलाà¤à¤ और हींग का तड़का लगा दें। à¤à¤¸à¤¾ मटà¥à¤ ा पीने से हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पेट के रोग में लाठमिलता है। यह बासी या खटà¥à¤Ÿà¤¾ नहीं होना चाहियेl 26.खà¥à¤œà¤²à¥€ की घरेलू दवा: फटकरी के पानी से खà¥à¤œà¤²à¥€ की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाà¤à¤ लाठहोगाl 27.मà¥à¤¹à¤¾à¤à¤¸à¥‹à¤‚ के लिये संतरे के छिलके: संतरे के छिलके को पीसकर मà¥à¤¹à¤¾à¤à¤¸à¥‹à¤‚ पर लगाने से वे जलà¥à¤¦à¥€ ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से 5 मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हà¥à¤† मिशà¥à¤°à¤£ चेहरे पर लगाने से मà¥à¤¹à¤¾à¤à¤¸à¥‹à¤‚ के धबà¥à¤¬à¥‡ दूर होकर रंग में निखार आ जाता हैl 28.बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की à¤à¤¾à¤ª: à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी à¤à¤¾à¤ª में साà¤à¤¸ लें। कà¥à¤› ही मिनटों में आराम मालूम होगाl 29.चरà¥à¤®à¤°à¥‹à¤— के लिये टेसू और नीबू: टेसू के फूल को सà¥à¤–ाकर चूरà¥à¤£ बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के चरà¥à¤®à¤°à¥‹à¤— में लाठहोता हैl 30.माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ के लिये काली मिरà¥à¤š, हलà¥à¤¦à¥€ और दूध: à¤à¤• बड़ा चमà¥à¤®à¤š काली मिरà¥à¤š का चूरà¥à¤£ à¤à¤• चà¥à¤Ÿà¤•à¥€ हलà¥à¤¦à¥€ के साथ à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¥‡ दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ के दरà¥à¤¦ में आराम मिलेगाl 31.गले में खराश के लिये जीरा: à¤à¤• गिलास उबलते पानी में à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š जीरा और à¤à¤• टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¤¾ अदरक डालें 5 मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हलà¥à¤•à¤¾ गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾ दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सरà¥à¤¦à¥€ दोनों में लाठहोगाl 32.सरà¥à¤¦à¥€ जà¥à¤•à¤¾à¤® के लिये दालचीनी और शहद: à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤® पिसी दालचीनी में à¤à¤• चाय का चमà¥à¤®à¤š शहद मिलाकर खाने से सरà¥à¤¦à¥€ जà¥à¤•à¤¾à¤® में आराम मिलता हैl 33.टांसिलà¥à¤¸ के लिये हलà¥à¤¦à¥€ और दूध: à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¾ (200 मिलीली.) दूध में आधा छोटा चमà¥à¤®à¤š (2 गà¥à¤°à¤¾à¤®) पिसी हलà¥à¤¦à¥€ मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मà¥à¤à¤¹ साफ करना चाहिये लेकिन कà¥à¤› खाना पीना नहीं चाहियेl 34.लà¥à¤¯à¥‚कोरिया से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿: लà¥à¤¯à¥‚कोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का à¤à¤• आसान सा उपाय- à¤à¤•-à¤à¤• पका केला सà¥à¤¬à¤¹ और शाम को पूरे à¤à¤• छोटे चमà¥à¤®à¤š देशी घी के साथ खा जाà¤à¤ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिà¤l 35.मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के लिये आà¤à¤µà¤²à¤¾ और करेला: à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¾ करेले के रस में à¤à¤• बड़ा चमà¥à¤®à¤š आà¤à¤µà¤²à¥‡ का रस मिलाकर रोज पीने से दो महीने में मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ से आराम मिल जाता हैl 36.मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के लिये कालीचाय: मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ में सà¥à¤¬à¤¹ खाली पेट à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¾ काली चाय सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡ की कारà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को लाठपहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¤à¥€ है जिससे मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ में à¤à¥€ लाठपहà¥à¤à¤šà¤¤à¤¾ हैl 37.उचà¥à¤š रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª के लिये मेथी: सà¥à¤¬à¤¹ उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उचà¥à¤šà¤°à¤•à¥à¤¤ चाप को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने में सफलता मिलती हैl 38.माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ और सिरदरà¥à¤¦ के लिये सेब: सिरदरà¥à¤¦ और माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ से परेशान हों तो सà¥à¤¬à¤¹ खाली पेट à¤à¤• सेब नमक लगाकर खाà¤à¤ इससे आराम आ जाà¤à¤—ाl 39.अपच के लिये चटनी: खटà¥à¤Ÿà¥€ डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, à¤à¥‚क न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में पà¥à¤¯à¤¾à¤œ और अदरक पीस कर चटनी बनाà¤à¤ इस चटनी में काला नमक डालें। à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ तक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ à¤à¥‹à¤œà¤¨ के साथ लें, आराम आ जाà¤à¤—ाl 40.मà¥à¤¹à¤¾à¤à¤¸à¥‹à¤‚ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿: जायफल, काली मिरà¥à¤š और लाल चनà¥à¤¦à¤¨ तीनो का पावडर बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चà¥à¤Ÿà¤•à¥€ à¤à¤° के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाठकि उबटन जैसा बन जाठखूब मिलाà¤à¤ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाà¤à¤, सà¥à¤¬à¤¹ उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 250 गà¥à¤°à¤¾à¤® मूली खाà¤à¤ ताकि रकà¥à¤¤ शà¥à¤¦à¥à¤§ हो जाठऔर अनà¥à¤¦à¤° से तà¥à¤µà¤šà¤¾ को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ पोषण मिले। 15-20 दिन में मà¥à¤¹à¤¾à¤à¤¸à¥‹à¤‚ से मà¥à¤•à¥à¤¤ होकर तà¥à¤µà¤šà¤¾ निखर जाà¤à¤—ीl 41.जलन की चिकितà¥à¤¸à¤¾ चावल से: कचà¥à¤šà¥‡ चावल के 8-10 दाने सà¥à¤¬à¤¹ खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित à¤à¤¸à¤¾ करने से पेट और सीन की जलन में आराम आà¤à¤—ा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाà¤à¤—ीl 42.दाà¤à¤¤à¥‹à¤‚ के कषà¥à¤Ÿ में तिल का उपयोग: तिल को पानी में 4 घंटे à¤à¤¿à¤—ो दें फिर छान कर उसी पानी से मà¥à¤à¤¹ को à¤à¤°à¥‡à¤‚ और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाà¤à¤š बार इसी तरह कà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ करे, मà¥à¤à¤¹ के घाव, दाà¤à¤¤ में सड़न के कारण होने वाले संकà¥à¤°à¤®à¤£ और पायरिया से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलती हैl 43.विष से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿: 10-10 गà¥à¤°à¤¾à¤® हलà¥à¤¦à¥€, सेंधा नमक और शहद तथा 5 गà¥à¤°à¤¾à¤® देसी घी अचà¥à¤›à¥€ तरह मिला लें। इसे खाने से कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡, साà¤à¤ª, बिचà¥à¤›à¥, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता हैl 44.खाà¤à¤¸à¥€ में पà¥à¤¯à¤¾à¤œ: अगर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ या बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को खांसी के साथ कफ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गिर रहा हो तो à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š पà¥à¤¯à¤¾à¤œ के रस को चीनी या गà¥à¤¡ मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार à¤à¤¸à¤¾ करने पर खाà¤à¤¸à¥€ से तà¥à¤°à¤‚त आराम मिलता हैl 45.सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ तà¥à¤µà¤šà¤¾ का घरेलू नà¥à¤¸à¥à¤–ा : नमक, हलà¥à¤¦à¥€ और मेथी तीनों को बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में लेकर पीस लें, नहाने से पाà¤à¤š मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबà¥à¤¨ की तरह पूरे शरीर में लगाà¤à¤ और 5 मिनट बाद नहा लें। सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• बार पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने से घमौरियों, फà¥à¤‚सियों तथा तà¥à¤µà¤šà¤¾ की सà¤à¥€ बीमारियों से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलती है। साथ ही तà¥à¤µà¤šà¤¾ मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® और चमकदार à¤à¥€ हो जाती हैl 46.पेट साफ रखे अमरूद: कबà¥à¤œ से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 गà¥à¤°à¤¾à¤® अमरà¥à¤¦ नमक लगाकर खा जाà¤à¤, फायदा अगली सà¥à¤¬à¤¹ से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ कबà¥à¤œ में लाठहोगा। बाद में जब आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ महसूस हो तब खाà¤à¤l 47.बीज पपीते के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ हमारा: पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आà¤à¤–ों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सà¥à¤–ा कर पावडर बना कर à¤à¥€ रखा जा सकता है। सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• बार à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š पावडर पानी से फाà¤à¤• लेन पर अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रोगाणà¥à¤“ं से रकà¥à¤·à¤¾ होती हैl 48.मà¥à¤²à¥‡à¤ ी पेपà¥à¤Ÿà¤¿à¤• अलसर के लिये: मà¥à¤²à¥‡à¤ ी के बारे में तो सà¤à¥€ जानते हैं। यह आसानी से बाजार में à¤à¥€ मिल जाती है। पेपà¥à¤Ÿà¤¿à¤• अलà¥à¤¸à¤° में मà¥à¤²à¥‡à¤ ी का चूरà¥à¤£ अमृत की तरह काम करता है। बस सà¥à¤¬à¤¹ शाम आधा चाय का चमà¥à¤®à¤š पानी से निगल जाà¤à¤à¥¤ यह मà¥à¤²à¥‡à¤ ी का चूरà¥à¤£ आà¤à¤–ों की शकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ बढ़ाता है। आà¤à¤–ों के लिये इसे सà¥à¤¬à¤¹ आधे चमà¥à¤®à¤š से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहियेl 49.सरसों का तेल केवल पाà¤à¤š दिन: रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूà¤à¤¦ सरसों का तेल पाà¤à¤š दिनों तक लगातार डालें तो खाà¤à¤¸à¥€-सरà¥à¤¦à¥€ और साà¤à¤¸ की बीमारियाठदूर हो जाà¤à¤à¤—ी। सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में नाक बंद हो जाने के दà¥à¤– से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलेगी और शरीर में हलà¥à¤•à¤¾à¤ªà¤¨ मालूम होगाl 50.à¤à¥‹à¤œà¤¨ से पहले अदरक: à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टà¥à¤•à¤¡à¥‡ को सेंधा नमक में लपेट कर (थोड़ा जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मातà¥à¤°à¤¾ में )अचà¥à¤›à¥€ तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने à¤à¥‹à¤œà¤¨ का आवशà¥à¤¯à¤• अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ बना रहेगा, दिल से समà¥à¤¬à¤‚धित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से à¤à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिल जाà¤à¤—ीl 51.अजवायन का सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—: सà¥à¤¬à¤¹ खाली पेट सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• बार à¤à¤• चाय का चमà¥à¤®à¤š अजवायन मà¥à¤à¤¹ में रखें और पानी से निगल लें। चबाà¤à¤ नहीं। यह सरà¥à¤¦à¥€, खाà¤à¤¸à¥€, जà¥à¤•à¤¾à¤®, बदनदरà¥à¤¦, कमर-दरà¥à¤¦, पेटदरà¥à¤¦, कबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¤ और घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¦ से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को आधा चमà¥à¤®à¤š 2 गà¥à¤°à¤¾à¤® और 10 से ऊपर सà¤à¥€ को à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š यानी 5 गà¥à¤°à¤¾à¤® लेना चाहिà¤l Vaid Deepak Kumar Adarsh Ayurvedic Pharmacy Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com 9897902760