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महर्षि दयानन्द की जयंती के उपलक्ष्य में यज्ञ एवं सूर्य नमस्कार के साथ योग अभ्यास


आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने अमृत महोत्सव के अन्तर्गत अनेक मंत्रलयों के सहयोग व प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के योग संस्थानों विशेषतः पतंजलि योगपीठ, क्रीड़ा भारती नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन, गीता परिवार एवं हार्टफुलनेस संस्थान के लाखों योग साधकों ने 100 करोड़ से अधिक सूर्य-नमस्कार से करके विश्व रिकॉर्ड बनाने के कार्य को गति दी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 12 फरवरी। आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने अमृत महोत्सव के अन्तर्गत अनेक मंत्रलयों के सहयोग व प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के योग संस्थानों विशेषतः पतंजलि योगपीठ, क्रीड़ा भारती नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन, गीता परिवार एवं हार्टफुलनेस संस्थान के लाखों योग साधकों ने 100 करोड़ से अधिक सूर्य-नमस्कार से करके विश्व रिकॉर्ड बनाने के कार्य को गति दी। इस मिशन के तहत सम्पूर्ण भारत व विश्व में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार 20 फरवरी तक करने का लक्ष्य रखा गया था। जोकि स्वामी महाराज के आह्वान पर व उनके सानिध्य में यह संकल्प 7 फरवरी को ही पूरा हो गया। महर्षि दयानन्द सरस्वती के 198वीं जन्म जयंती के अवसर पर पतंजलि योगपीठ की भारत स्वाभिमान जिला इकाई हरिद्वार, ने पवित्र पावनी माँ गँगा का पावन तट ‘‘हर की पौड़ी’’ पर सामूहिक यज्ञ के साथ-साथ सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश ने अपने विशेष उद्बोधन में बताया कि कि आज ऐतिहासिक दिन है। आज से 198 वर्ष पूर्व ऐसे महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का जन्म हुआ था जिन्होंने इस देश को स्वराज का मार्ग दिखाया। महर्षि दयानन्द एक आध्यात्मिक व्यक्ति नहीं बल्कि महान क्रान्तिकारी थे। जिन्होंने भारत में गुरूकुलीय परम्परा को स्थापित किया तथा गुरुकुल काँगड़ी महाविद्यालय की स्थापना की और वेदों का ज्ञान दिया। आगे मुख्य केन्द्रीय प्रभारी ने बताया कि महान क्रान्तिकारी वीर सावरकर जिनको दो जन्मों की सजा हुई थी वे महर्षि दयानन्द जी के विचारों से प्रभावित थे। अमर शहीद भगतसिंह को जो प्रेरणा मिली वह महर्षि दयानन्द से मिली। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव हँसते-हँसते फाँसी पर चढे़।

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