सावन हिंदू कलेंडर के à¤à¤• ठो महीना बा। काशी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ में बिकà¥à¤°à¤® संवत के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सावन साल के तीसरा महीना होला। अंगरेजी (गà¥à¤°à¥‡à¤—ोरियन कैलेंडर) के हिसाब से à¤à¤¹ महीना के सà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ कौनों फिकà¥à¤¸ डेट के ना पड़ेला बलà¥à¤• खसकत रहेला।
रिपोर्ट -
आमतौर पर ई जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ/अगसà¥à¤¤ के महीना में पड़े ला। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पंचांग, जेवन सà¥à¤°à¥à¤œ आधारित होला, में सावन पाà¤à¤šà¤µà¤¾à¤ महीना हवे आ गà¥à¤°à¥‡à¤—ोरियन कैलेंडर के 23 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से à¤à¤•à¤° सà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ होले। नेपाल में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ कैलेंडर के हिसाब से ई साल के चउथा महीना हवे। बंगाली कैलेंडर में à¤à¥€ ई चउथा महीना होला। 1.कà¥à¤› विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का कहना हैं की सबसे पहले à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® ने उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के बागपत के पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पूरा महादेव का कांवड़ से गंगाजल जल लाकर जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया था । परशà¥à¤°à¤¾à¤® इस पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिवलिंग का जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करने के लिठगढ़मà¥à¤•à¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से गंगा जी का जल लाठथे।अतः आज à¤à¥€ इस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पालन करतें हà¥à¤ सावन के महीने में गढ़मà¥à¤•à¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से जल लाकर पूरा महादेव का जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करतें हैं । आज हम गढ़मà¥à¤•à¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° को बजà¥à¤° घाट के नाम से जानतें हैं । 2.कहीं कहीं कई विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का कहना हैं की शà¥à¤°à¤µà¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° ने पहली कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ की थी । अपने माता पिता को तीरà¥à¤¥ यातà¥à¤°à¤¾ कराने के कà¥à¤°à¤® में शà¥à¤°à¤µà¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° हिमालय के उन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में थे जनà¥à¤¹à¤¾ उनके अंधे माता पिता ने हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने की इचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤—ट की थीं । माता पिता की इचà¥à¤›à¤¾ पूरà¥à¤¤à¤¿ हेतॠशà¥à¤°à¤µà¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कांवड़ पर बैठा कर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° लें जा कर गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करवाया । वापस लौटते वकà¥à¤¤ वह साथ में गंगाजल à¤à¥€ लें कर चले थे इसी दिन से कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤ शà¥à¤°à¤†à¤¤ माना जाता है। 3.मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ तो ये à¤à¥€ हैं की कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम ने की है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बिहार के सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤—ंज से कांवड़ में गंगाजल à¤à¤° के बाबाधाम का जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया था। 4. मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° समà¥à¤‚दà¥à¤° मंथन से निकले हलाहल के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को दूर करने के लिठदेवताओं ने शिव जी पर पवितà¥à¤° नदियों का शीतल जल चढ़ाया था । सà¤à¥€ देवता गंगाजल लाकर शिव जी को अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने लगे । अतः सावन मांस का कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤ आरंठयही से शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† था।