परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विशà¥à¤µ शांति और समठदिवस की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आज का दिन ‘सेवा परमो धरà¥à¤®à¤ƒâ€™ का संदेश देता है। वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर सà¤à¥€ नागरिक समà¤, शांति और सदà¥à¤à¤¾à¤µ बनाठरखने के साथ ही à¤à¤• दूसरे की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, संसà¥à¤•à¤¾à¤° और जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करें तो शानà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¯ विशà¥à¤µ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ समà¥à¤à¤µ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 23 फरवरी। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विशà¥à¤µ शांति और समठदिवस की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आज का दिन ‘सेवा परमो धरà¥à¤®à¤ƒâ€™ का संदेश देता है। वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर सà¤à¥€ नागरिक समà¤, शांति और सदà¥à¤à¤¾à¤µ बनाठरखने के साथ ही à¤à¤• दूसरे की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, संसà¥à¤•à¤¾à¤° और जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करें तो शानà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¯ विशà¥à¤µ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ समà¥à¤à¤µ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है कि वह à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ बनाने में मदद करे जहां लोग शांति और समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ के साथ जीवन जी सके। यदि हम सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पर कारà¥à¤¯ करे तो हम à¤à¤• सà¥à¤–द à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर सकते है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯ में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¤• अहम मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ है। बà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥‚मंडलीय उषà¥à¤®à¤¨ गà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¹à¤¾à¤‰à¤¸ गैसों का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ, जैव विविधता संकट तथा पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करना आज के दौर की मà¥à¤–à¥à¤¯ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ के बिना वैशà¥à¤µà¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ नहीं की जा सकती। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि विशà¥à¤µ के लगà¤à¤— सà¤à¥€ धरà¥à¤® परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सदà¥à¤à¤¾à¤µ व नैतिकता का पालन करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि धरà¥à¤® और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में à¤à¤• गहरा संबंध है और सà¤à¥€ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ का दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सकारातà¥à¤®à¤• रहा है। विशà¥à¤µ के सà¤à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में धरà¥à¤® à¤à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखता है और बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग धरà¥à¤® में आसà¥à¤¥à¤¾ रखते हैं इसलिये परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ में धरà¥à¤® अहम à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ सकता है और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को हल करने में मदद मिल सकती है। हिंदू धरà¥à¤® में पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। à¤à¤—वदà¥à¤—ीता में कहा गया है कि ईशà¥à¤µà¤° सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ है तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ रूपों में सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है इसलिये सà¤à¥€ जीवों की रकà¥à¤·à¤¾ करनी चाहिये। सà¤à¥€ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने की बात कही गई है। विशà¥à¤µ के लगà¤à¤— सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ ने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकारà¥à¤¯ करने की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ की तथा उनकी इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ को ‘जीवंत पृथà¥à¤µà¥€ के लिये पवितà¥à¤° उपहार’ का नाम दिया गया परनà¥à¤¤à¥ इस मà¥à¤¹à¤¿à¤® में सà¤à¥€ का सहà¤à¤¾à¤— जरूरी है। विशà¥à¤µ शांति और समठदिवस, रोटरी कà¥à¤²à¤¬ का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ à¤à¥€ है। शांति के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिये इस दिन को पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में मनाया जाता है। बेहतर मानवीय संबंध बनाने के लिठà¤à¤•-दूसरे से पà¥à¤°à¥‡à¤®, समà¥à¤®à¤¾à¤¨, सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾, शांति और समठविकसित करना जरूरी है।