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वर्तमान युग के मानवता के सबसे महान योद्धा जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को उसके पराजित और असफल भाई यति नरसिंहानंद गिरी का पत्र


मैं यति नरसिंहानंद गिरी शिष्य स्वामी हरिगिरि जी महाराज आपके समक्ष बहुत शर्मिंदा हूँ। मैंने आपके जैसा निर्भीक और मानवतावादी व्यक्ति अपने जीवन मे दूसरा कोई नहीं देखा। ये मेरे जीवन की सबसे गौरवशाली उपलब्धि है कि आपने मुझे अपने भाई,अपने मित्र के रूप में स्वीकार किया

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

आदरणीय भाईसाब सादर नमन मैं यति नरसिंहानंद गिरी शिष्य स्वामी हरिगिरि जी महाराज आपके समक्ष बहुत शर्मिंदा हूँ। मैंने आपके जैसा निर्भीक और मानवतावादी व्यक्ति अपने जीवन मे दूसरा कोई नहीं देखा। ये मेरे जीवन की सबसे गौरवशाली उपलब्धि है कि आपने मुझे अपने भाई,अपने मित्र के रूप में स्वीकार किया। मैं अभिभूत हूँ कि मुझे इस जीवन में आपके साथ कुछ समय व्यतीत करने का अवसर मिला।सम्पूर्ण मानवता के लिये आपका प्रेम और अन्याय,अत्याचार और आतंकवाद से जूझने की आपकी जिजीविषा ने आपको मेरे लिये परम आदरणीय बनाया।आपके द्वारा इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद पर लिखी पुस्तक "मोहम्मद" ने भारत भूमि पर ऐसे सच को उद्घाटित किया जिसे इस तरह से बोलने का साहस आज तक इस देश में किसी ने नहीं किया था।आपके द्वारा बनाई गई दो फिल्में"श्रीराम की जन्मभूमि" और "हेल्पलेस" देखने के बाद मैंने पाया कि हिन्दुओ की ओर से इस्लाम के जिहाद के बारे में ऐसी फिल्में बनाने की तो क्या सोचने की भी हिम्मत किसी हिन्दू ने आज तक नहीं कि।आप शिया मुस्लिम समुदाय के अति प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।आपने इस्लाम के विषय मे गहन अध्ययन करके पाया कि इस्लाम सम्पूर्ण मानवता के लिये खतरा है।आपने अपने जीवन की परवाह न करते हुए इस्लाम को छोड़कर सनातन धर्म को अपना लिया और इस्लाम की सच्चाई सम्पूर्ण विश्व को बताने का मिशन आरम्भ कर दिया। आपके साहस,धैर्य और ज्ञान को प्रणाम करते हुए आज मैं उन क्षणों पर बहुत शर्मिंदा हूँ जब आपने मेरे कहने पर मेरा भाई बनना और मेरे परिवार में आना स्वीकार किया।उस दिन से ही दुर्भाग्य ने आपको पकड़ लिया।बिना किसी दोष के भी आपको 13 जनवरी 2022 को सनातन की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में जेल में डाल दिया गया और आज 25 फरवरी 2022 है।अभी हमे आपकी रिहाई का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है।मैं और मेरे साथी अपनी पूरी शक्ति लगाकर भी आपकी जमानत नहीं करवा पा रहे हैं।हमारी शक्ति उन षडयंत्रकरियों के सामने कुछ भी नहीं है जो इस्लाम के जिहादियों को खुश करने के लिये आपको तबाहो बर्बाद करना चाहते हैं ताकि आपके जैसा शक्तिशाली और बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी इस्लाम छोड़कर सनातन में ना आये और कभी भी कोई इस्लाम व मोहम्मद की सच्चाई दुनिया को बताने की हिम्मत न कर सके। ऐसे षडयंत्रकारी भारत की वर्तमान सत्ताओं के अति निकट है और प्रभावशाली हैं।मैं अपने सभी साथियों के साथ सदैव आपके साथ रहूँगा और कभी मुझे आपके लिये अपने प्राण देने का अवसर मिला तो स्वयं को भाग्यशाली समझूंगा। परन्तु मैं ये अच्छी तरह से समझ गया हूँ कि मैं अपने मुट्ठी भर साथियों के साथ आपके प्राण और आपके सम्मान की रक्षा कर पाने में असमर्थ हूँ। आप यह मत समझिये कि मैं आपके लिये लड़ना या आपका साथ नहीं देना चाहता।जब तक आप सनातन धर्मी हैं तब तक मैं अपनी अंतिम सांस तक आपके साथ रहूँगा और आपके सम्मान के लिये हर सम्भव लड़ाई लडूंगा। पर मैं आपको यूं जेल में तिल तिल कर टूटते हुए या मरते हुए नहीं देखना चाहता इसीलिये बहुत ही दुख और क्षोभ में साथ मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूँ कि आप हम मुर्दों की लड़ाई लड़ना बंद करके अपने प्राणों की रक्षा कीजिये।मुझे लगता है कि सौ करोड़ मुर्दों का यह आत्मगौरव और आत्मस्वाभिमान से विहीन समाज कभी भी आपके संघर्ष और आपके त्याग का सही मूल्यांकन नही कर सकेगा। आशा करता हूँ कि आप मेरी बात को समझेंगे और मुझे क्षमा कर देंगे।

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