शहीद हवलदार जगेंदà¥à¤° सिंह चौहान का आज यहां नमामि गंगे घाट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मोकà¥à¤· धाम मैं पूरे सैनà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° किया गया ,1987 में à¤à¤¨à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤¡à¥€ टिहरी गà¥à¤µà¤¾à¤² में जनà¥à¤®à¥‡ और इस समय कनà¥à¤¹à¤¾à¤° वागला à¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤²à¤¾ में रहने वाले शहीद जगेंदà¥à¤° सिंह सियाचिन में तैनाती के दौरान सियाचिन गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° में पेटà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤‚ग के दौरान बरà¥à¤« में दबने के चलते शहीद हो गठथे|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में शहीद हवलदार जगेंदà¥à¤° सिंह चौहान का आज यहां नमामि गंगे घाट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मोकà¥à¤· धाम मैं पूरे सैनà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° किया गया ,1987 में à¤à¤¨à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤¡à¥€ टिहरी गà¥à¤µà¤¾à¤² में जनà¥à¤®à¥‡ और इस समय कनà¥à¤¹à¤¾à¤° वागला à¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤²à¤¾ में रहने वाले शहीद जगेंदà¥à¤° सिंह सियाचिन में तैनाती के दौरान सियाचिन गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° में पेटà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤‚ग के दौरान बरà¥à¤« में दबने के चलते शहीद हो गठथे कई दिन तक चले रेसà¥à¤•à¥à¤¯à¥‚ ऑपरेशन के बाद उनका शव बरामद हो सका था आज उनका शव रà¥à¤¡à¤¼à¤•à¥€ पहà¥à¤‚चा जहां से उनके शवॠको डोईवाला ले जाया गया जहां उनके अंतिम दरà¥à¤¶à¤¨ के बाद उनका पारà¥à¤¥à¤¿à¤µ शरीर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° नमामि गंगे घाट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मोकà¥à¤· धाम लाया गया जहां उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ अधिकारी मंतà¥à¤°à¥€ गणेश जोशी की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में पूरà¥à¤µ सैनà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई ।शहीद का शव जैसे ही मोकà¥à¤· धाम पहà¥à¤‚चा कि पूरा मोकà¥à¤· धाम à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की जय के जयकारों से गूंज उठा मोकà¥à¤· धाम पर शहीद को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी गई वही सेना दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 21 गोलियों की सलामी देकर अपने शहीद को नम आंखों के साथ विदा किया । शहीद को विदा करते समय उनके पिता इस समय फफक फफक कर रो पड़े जब सेना दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनके शहीद पà¥à¤¤à¥à¤° से पारà¥à¤¥à¤¿à¤µ शरीर से तिरंगे को लेकर उनके हाथों में दिया। शहीद के पिता सूबेदार मेजर राजेंदà¥à¤° सिंह चौहान का कहना है कि इससे बड़ा कोई संदेश नहीं है देश के लिठपà¥à¤¤à¥à¤° बलिदान à¤à¤• देश के लिठहमने à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ किया था सेना में देश की सेवा में चला गया इससे बड़ा बलिदान नहीं है मैं इतना ही कहना चाहता हूं मेरे को मेरे बेटे के ऊपर बहà¥à¤¤ गरà¥à¤µ है जिसने देश के लिठअपना बलिदान दिया है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ गणेश जोशी का कहना है कि शहीदों का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना हर देशवासी का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है और सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ होने के नाते मेरी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ है कि हमारा जो जवान देश की सीमा पर रकà¥à¤·à¤¾ करते हà¥à¤ शहीद हà¥à¤† जगेंदà¥à¤° सिंह उसकी अंतà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ में मैं खà¥à¤¦ यहां पर आया हूं आज संकट की घड़ी में हम उस पूरे परिवार के साथ में है देखिठहम किसी शहीद को वापस नहीं ला सकते लेकिन उसका शहीद का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना उसके परिवार की चिंता करना उसकी वीरता का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ करना हमारी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है और हम बहà¥à¤¤ ईमानदारी से इस काम को कर रहे हैं हम इन शहीदों के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में à¤à¤• विशाल सैनà¥à¤¯à¤§à¤¾à¤® देहरादून में बना रहे हैं हमने 1734 शहीद परिवारों के घरों से जाकर पवितà¥à¤° मिटटी वहां से à¤à¤•à¤¤à¥à¤° की है और उस का à¤à¥‚मि पूजन किया है और जब यह बनकर तैयार होगा तो जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° लोग बदà¥à¤°à¥€ केदार गंगोतà¥à¤°à¥€ यमनोतà¥à¤°à¥€ देखने के लिठआते हैं वह सैनà¥à¤¯à¤§à¤¾à¤® को देखने आà¤à¤‚गे, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि देश की सेना का 70 फीसदी आपूरà¥à¤¤à¤¿ हमारा छोटा सा राजà¥à¤¯ करता है देश की रकà¥à¤·à¤¾ करने वाला हर पांचवां सैनिक हमारे उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड से होता है और चाहे कोई à¤à¥€ घटना घटी हो ताज पर हमला हो चाहे संसद पर हमला हो कारगिल यà¥à¤¦à¥à¤§ हो पà¥à¤²à¤µà¤¾à¤®à¤¾ हो 62, 65, 71 कोई न कोई जवान हमारे उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के शहीद होता है हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और हमने शहीद के परिजनों को आशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ किया है कि शहीद के नाम पर सड़क या सà¥à¤•à¥‚ल जो à¤à¥€ गांव में होगा उसको रखेंगे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मैंने कहा कि शहीद की यादों को जिंदा रखना ताकि हमारी आने वाली यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी उससे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ ले सके इस काम को करना है, यह शहीद सियाचिन में थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहां पर 17500 मीटर की हाइट पर टेंपरेचर बहà¥à¤¤ डाउन रहता है और वहां तो कई बार यह देखने में आता है कि रात को आदमी सोता है सà¥à¤¬à¤¹ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ वहां पर बहà¥à¤¤ कम होती है आज हमारा जवान हमें छोड़कर चला गया है लेकिन मैंने कहा कि इस संकट की घड़ी में पूरी सरकार इस परिवार के साथ है। पूरà¥à¤µ सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ बोरà¥à¤¡ डोई वाला के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· कैपà¥à¤Ÿà¤¨ आनंद सिंह राणा का कहना है कि जब मैंने सà¥à¤¨à¤¾ कि मैं दो-तीन दिन परेशान रहा पूरà¥à¤µ सैनिक पूरà¥à¤µ सैनिक सब बोलते हैं लेकिन हमारे सैनिकों को याद करने वाला कौन है लगता है अà¤à¥€ à¤à¥€ जà¥à¤¨à¥‚न है देश हित के नाम पर कई लोग देश के साथ चलने के लिठखड़े हैं और सैनिक के साथ चलने के लिठखड़े हैं मेरी आंखों में सà¥à¤¬à¤¹ से आंसू है कि यह à¤à¥€ हमारा à¤à¤¾à¤ˆ था इसने à¤à¥€ उसी थाली का खाना खाया है इसी उसी थाली में इसने à¤à¥€ अपना टाइम पास किया है परंतॠमैं अब सरकार से कहना चाहता हूं जो माननीय गणेश जोशी जो सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ हैं उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जो वादे किठहैं उनके परिवार के साथ खड़ा होने का परिवार का हर गम हर परेशानी के साथ खड़ा होने का जो वादा किया है और सैनिक के नाम पर जो आसà¥à¤¥à¤¾ का केंदà¥à¤° बनाने है कि हम उस सà¥à¤•à¥‚ल उसके नाम से रखेंगे हम सड़क उसके नाम से रखेंगे माननीय सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ से और सरकार से यह कहना चाहता हूं कि सैनिकों की सहायता के लिठततà¥à¤ªà¤° रहें सैनिकों के नाम पर आप रखेंगे कोई कलह नहीं होगी ,सैनिक के नाम पर हर आदमी खड़ा रहेगा कि फला आदमी की याद उसकी याद आज जिंदा रहेगी सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹ तक जिंदा रहेगी हर समय उसका नाम लिया जाà¤à¤—ा।