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घर-घर अलख जगायेंगे के संकल्प के साथ शांतिकुंज से टोली रवाना


जिस परिवार, समाज में अपनापन के साथ आपसी सामंजस्य होगा, वह उत्तरोत्तर प्रगति करेगा। इन्हीं भावों के साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने शांतिकुंज टोली को विदाई दी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार २६ फरवरी। कोरोना महामारी के बाद उपजे परिस्थिति में सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है लोगों में आत्मीयता का विस्तार। जिस परिवार, समाज में अपनापन के साथ आपसी सामंजस्य होगा, वह उत्तरोत्तर प्रगति करेगा। इन्हीं भावों के साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने शांतिकुंज टोली को विदाई दी। अपने संदेश में गायत्री परिवार के अभिभावक श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भारत को विश्व गुरु की ओर आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, तो देव परिवार का विस्तार आवश्यक है। देव परिवार यानि संस्कृति एवं राष्ट्र के प्रति श्रद्धावान-निष्ठावान परिवार। इन दिनों मानवता संकट में है और इससे उबरने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने पर्यावरण एवं जल संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल करने के लिए जनमानस को प्रेरित करने की बात कही। श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि आस्था संकट के इस दौर में आस्था और विश्वास जगाना आवश्यक हैं। युवाओं में भारतीय संस्कृति एवं देश के प्रति निष्ठा जगाने पर उन्होंने बल दिया। इस अवसर पर प्रमुखद्वय ने क्षेत्रों की परिस्थिति का ऑकलन कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम विभाग के समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे बताया कि पन्द्रह टोली रवाना हुई। प्रत्येक टोली में पाँच-पाँच कायर्कर्त्ता शामिल हैं। ये टोली उत्तराखण्ड, उप्र, मप्र, पंजाब, जम्मू, दिल्ली, बिहार, झारखण्ड, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश आदि सहित देश के २२ राज्यों में शृंखलाबद्ध कार्यक्रम का संचालन करेगी। टोली १५ जून तक परिव्रज्या पर रहेगी। संदीप पाण्डेय, शशिकांत सिंह, परमेश्वर साहू, राजकुमार, बालरूप शर्मा, योगेश पटेल, विनय केसरी आदि के नेतृत्व में टोली रवाना हुई। टोली को वरिष्ठ कार्यकर्त्ता श्री शिवप्रसाद मिश्र ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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