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जीवित रहने के लिये जल, वायु और भोजन की आवश्यकता होती है-स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन में अनादि फाउंडेशन तमिलनाडु के सदस्य और विश्वास प्रतिनिधिमंडल पधारा। उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भेंटवार्ता की।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

परमार्थ निकेतन में अनादि फाउंडेशन तमिलनाडु के सदस्य और विश्वास प्रतिनिधिमंडल पधारा। उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भेंटवार्ता की। परमार्थ निकेतन में एक दिवसीय मूल्यपरक शिक्षा विषय पर आयोजित ’विकास नेतृत्व कार्यक्रम’ अनादि फाउंडेशन और विजन इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। यह प्रतिनिधिमंडल परमार्थ गंगा आरती और स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के विचारों से प्रेरित होकर प्रतिवर्ष परमार्थ निकेतन आते है। विकास नेतृत्व कार्यक्रम के अन्तर्गत मूल्यपरक शिक्षा, शिक्षा प्रणाली को वर्तमान परिप्रेक्ष्य के आधार पर विकसित करना शिक्षण पाठ्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण को जोड़ना जैसे विषयों पर चर्चा हुई। अनादि फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से निवेदन किया की वे इस पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के विषय में मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार से चर्चा करे तो बेहतर होगा। अनादि फाउंडेशन और विश्वास प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने स्वामी जी महाराज को मानव मूल्यों पर आधारित पाठ्यक्रम का एक शिक्षा किट भेंट किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि यह केवल एक पाठ्यक्रम किट नहीं है बल्कि इसमें मानव मूल्यों पर आधारित वर्तमान समय की जरूरतों से युक्त शिक्षण पद्धति समाहित है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’सच्ची शिक्षा न केवल हमें ज्ञान देती है बल्कि सभी प्राणियों के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन की सीख भी देती है’। श्री रबीन्द्र नाथ टैगोर जी के इस कथन का आशय है कि शिक्षा हमें साक्षर बनाने के साथ चरित्र निर्माण, शान्ति व सद्भाव युक्त जीवन जीने का संदेश देती है। शिक्षा, जीवन के लिये उसी प्रकार आवश्यक है जिस प्रकार जीवित रहने के लिये जल, वायु और भोजन की आवश्यकता होती है। स्वामी जी ने कहा कि शिक्षक वही जो शिक्षा के साथ दीक्षा भी प्रदान करता है। ऐसी दीक्षा जो छात्रों के जीवन को एक नई दिशा प्रदान करे और उनके जीवन की दशा को बदल दें। शिक्षक वह है जो छात्रों को सिर्फ जीविका ही नहीं प्रदान करता बल्कि उनके जीवन का मार्ग भी प्रशस्त करता है। अनादि फाउंडेशन की स्वास्थय पहल निदेशक वरलक्ष्मी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन माँ गंगा के तट और पूज्य स्वामी के दर्शन कर अपार शान्ति का अनुभव होता है। उन्होने बताया कि हमने पूज्य स्वामी जी को एक मूल्यपरक शिक्षण सामग्री किट भंेट किया है हमारा निवेदन है कि इस पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू कराया जाये। अभी इस पाठ्यक्रम के आधार पर सत्य साई बाबा के स्कूल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अनादि फाउंडेशन के संस्थापक श्री आदिनारायण, श्रीमती स्मृति रेखा जी है। इस फाउंडेशन के अन्तर्गत विकास युवा नेतृत्व कार्यक्रम संचालित किये जाते है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में अनादि फाउंडेशन और विश्वास प्रतिनिधिमंडल ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाॅटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।

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