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यूक्रेन के बाद स्वीडन और फिनलैंड को रूस की चेतावनी, नाटो में शामिल हुए तो अंजाम होगा बहुत बुरा


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से स्वीडन और फिनलैंड से कहा गया है कि, वे नाटो में न शामिल हों। अगर ऐसा होता है तो इसके परिणाम बहुत ही भयानक होंगे। क्रेमलिन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुकी है और कब्जे की जंग अंतिम चरणों में है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से स्वीडन और फिनलैंड से कहा गया है कि, वे नाटो में न शामिल हों। अगर ऐसा होता है तो इसके परिणाम बहुत ही भयानक होंगे। क्रेमलिन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुकी है और कब्जे की जंग अंतिम चरणों में है। यूक्रेन पर हमलावर रूस ने अब स्वीडन और फिनलैंड को चेतावनी जारी की है। रूस ने कहा है कि अगर दोनों देश नाटो में शामिल होते हैं, तो उनका अंजाम भी यूक्रेन की तरह भयानक होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से स्वीडन और फिनलैंड से कहा गया है कि, वे नाटो में न शामिल हों। अगर ऐसा होता है तो इसके परिणाम बहुत ही भयानक होंगे। क्रेमलिन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुकी है और कब्जे की जंग अंतिम चरणों में है।रूस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की को सत्ता से बेदखल करने के लिए जंग और भी तेज कर दी है। खबर है कि, रूस के पैराट्रूपर्स कीव में दाखिल हो चुके हैं। इस बीच रूस की ओर से वार्ता के लिए प्रतिनिधमंडल भेजने की भी बात सामने आई है। स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की के साथ वार्ता के लिए पुतिन जल्द ही अपना प्रतिनिधमंडल भी भेज सकते हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के अनुसार, विदेश मंत्रालय, रक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों सहित एक रूसी राजनयिक प्रतिनिधिमंडल को यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए मिन्स्क भेजा जा सकता है। यह बयान तब आया है जब रूस की ओर से अपील की गई थी कि यूक्रेन आत्मसमर्पण के लिए तैयार हो तो वह वार्ता के लिए तैयार हैं। हालांकि, यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

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