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कोई कैंप तो कोई बंकर में काट रहा दिन-रात


यूक्रेन में युद्ध के बीच भारतीय छात्र परेशान हैं। कोई यूक्रेन में फंसा है तो कोई रोमानिया पहुंच गया है। कड़ाके की सर्दी के बीच बंकर और कैंप में बच्चे समय काट रहे हैं। सादाबाद के मड़नई के एक और छात्र के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी सोमवार को सामने आई है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

यूक्रेन में युद्ध के बीच भारतीय छात्र परेशान हैं। कोई यूक्रेन में फंसा है तो कोई रोमानिया पहुंच गया है। कड़ाके की सर्दी के बीच बंकर और कैंप में बच्चे समय काट रहे हैं। सादाबाद के मड़नई के एक और छात्र के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी सोमवार को सामने आई है। अब तक जिले के कुल विद्यार्थियों की संख्या 12 हो गई है, जिनमें 10 सादाबाद और दो हाथरस क्षेत्र के हैं। छात्र घर आने को बेताब हैं। उनके स्वजन का बुरा हाल है।हाथरस के गांव मूंगसा निवासी अंकित शर्मा ने यूक्रेन इवानो फ्रेंकविस नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है। वह इवानो शहर में ही रह रहा था। पिछले पांच दिन से हालात बिगड़ने पर वह हास्टल में कैद रहा। अंकित ने जागरण से बातचीत में बताया कि दो दिन पहले बसों के जरिए भारतीय स्टूडेंट रोमानिया के लिए रवाना हुए। रविवार शाम को रोमानिया पहुंच गए। वहां बार्डर पर हजारों स्टूडेंट जमा हैं। कोई भी सही जानकारी देने को तैयार नहीं है। साथी छात्रों के साथ रोमानिया के किसी एनजीओ ने कैंप में छात्रों को शरण दी है। एक बिल्डिग के भीतर ही उन्हें रखा जा रहा है। वहीं से बस द्वारा खाना खिलाने के लिए ले जाते हैं और बाद में फिर बिल्डिग पर छोड़ दिया जाता है। वह बार-बार भारतीय दूतावास से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। अंकित को फिक्र है कि कैंप में उन्हें कब तक रखा जाएगा कुछ नहीं पता। वह भारत आने को परेशान है।

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