यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में यà¥à¤¦à¥à¤§ के बीच à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ छातà¥à¤° परेशान हैं। कोई यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में फंसा है तो कोई रोमानिया पहà¥à¤‚च गया है। कड़ाके की सरà¥à¤¦à¥€ के बीच बंकर और कैंप में बचà¥à¤šà¥‡ समय काट रहे हैं। सादाबाद के मड़नई के à¤à¤• और छातà¥à¤° के यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में फंसे होने की जानकारी सोमवार को सामने आई है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में यà¥à¤¦à¥à¤§ के बीच à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ छातà¥à¤° परेशान हैं। कोई यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में फंसा है तो कोई रोमानिया पहà¥à¤‚च गया है। कड़ाके की सरà¥à¤¦à¥€ के बीच बंकर और कैंप में बचà¥à¤šà¥‡ समय काट रहे हैं। सादाबाद के मड़नई के à¤à¤• और छातà¥à¤° के यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में फंसे होने की जानकारी सोमवार को सामने आई है। अब तक जिले के कà¥à¤² विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ 12 हो गई है, जिनमें 10 सादाबाद और दो हाथरस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के हैं। छातà¥à¤° घर आने को बेताब हैं। उनके सà¥à¤µà¤œà¤¨ का बà¥à¤°à¤¾ हाल है।हाथरस के गांव मूंगसा निवासी अंकित शरà¥à¤®à¤¾ ने यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ इवानो फà¥à¤°à¥‡à¤‚कविस नेशनल मेडिकल यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ में पढ़ रहा है। वह इवानो शहर में ही रह रहा था। पिछले पांच दिन से हालात बिगड़ने पर वह हासà¥à¤Ÿà¤² में कैद रहा। अंकित ने जागरण से बातचीत में बताया कि दो दिन पहले बसों के जरिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤Ÿà¥‚डेंट रोमानिया के लिठरवाना हà¥à¤à¥¤ रविवार शाम को रोमानिया पहà¥à¤‚च गà¤à¥¤ वहां बारà¥à¤¡à¤° पर हजारों सà¥à¤Ÿà¥‚डेंट जमा हैं। कोई à¤à¥€ सही जानकारी देने को तैयार नहीं है। साथी छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ रोमानिया के किसी à¤à¤¨à¤œà¥€à¤“ ने कैंप में छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को शरण दी है। à¤à¤• बिलà¥à¤¡à¤¿à¤— के à¤à¥€à¤¤à¤° ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रखा जा रहा है। वहीं से बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ खाना खिलाने के लिठले जाते हैं और बाद में फिर बिलà¥à¤¡à¤¿à¤— पर छोड़ दिया जाता है। वह बार-बार à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दूतावास से संपरà¥à¤• करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है, लेकिन कोई संपरà¥à¤• नहीं हो पा रहा है। अंकित को फिकà¥à¤° है कि कैंप में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कब तक रखा जाà¤à¤—ा कà¥à¤› नहीं पता। वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ आने को परेशान है।