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यूक्रेन में भारतीय छात्रों के सामने भोजन का संकट, भारतीय छात्रों को सामान नहीं दे रहे दुकानदार


लगातार हो रही बमबारी से यूक्रेन के खार्किव में छात्र फंसे हुए थे। वे बंकरों के अंदर दिन काट रहे थे और बमबारी रुकने का इंतजार कर रहे थे। जब भोजन का संकट खड़ा हो गया और बमबारी रुकने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी तो वे जान हथेली पर लेकर खार्किव से निकले।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

लगातार हो रही बमबारी से यूक्रेन के खार्किव में छात्र फंसे हुए थे। वे बंकरों के अंदर दिन काट रहे थे और बमबारी रुकने का इंतजार कर रहे थे। जब भोजन का संकट खड़ा हो गया और बमबारी रुकने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी तो वे जान हथेली पर लेकर खार्किव से निकले। पैदल ही रेलवे स्टेशन पहुंचे। गोरखपुर के आकाश सिंह ने बताया कि अब खाने-पीने के सामान भी नहीं मिल रहे हैं। हम लोग खार्किव रेलवे स्टेशन पर आ गए हैं। अभी ट्रेन नहीं मिली है।बमबारी के बीच खार्किव से निकले भारतीय छात्र, बीस किमी पैदल चलकर पहुंचे रेलवे स्टेशन,वही आकाश ने बताया कि खार्किव में लगातार बमबारी हो रही है। बच्चे बंकरों में छिपे हुए थे। शहर में एक घंटे के लिए बाजार खुला था लेकिन यूक्रेन के लोगों को ही दुकानदारों ने सामान दिया। भारतीयों को नहीं दे रहे हैं। दूतावास ने छात्रों से कहा है कि ट्रेन पकड़कर पोलैंड की तरफ निकलें। इसके बाद सभी छात्र बंकरों से निकलकर गोलाबारी से बचते हुए किसी तरह पैदल रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन की दूरी खार्किव शहर से लगभग 20 किमी है। पूरे खार्किव में लगभग 2500 भारतीय बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई करते हैं। वे सभी रेलवे स्टेशन पहुंच गए हैं। वहां से लवीव जाएंगी, ट्रेन वहीं तक जाती है। उसके बाद बस से पोलैंड या हंग्री के लिए रवाना होंगे।

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