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गंगा में खनन के खिलाफ मातृ सदन द्वारा जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण।


हरिद्वार में गंगा नदी में अवैध खनन के मातृ सदन द्वारा जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 8 मार्च तक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 4 मार्च (विकास शर्मा) हरिद्वार में गंगा नदी में अवैध खनन के मातृ सदन द्वारा जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 8 मार्च तक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। गंगा में खनन के मामले में मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके। अब खनन कुंभ क्षेत्र में भी किया जा रहा है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसी बोर्ड गठित किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है। राज्य सरकार को एनएमसी ने बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नही किया जाय। उसके बाद भी यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है। यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे, उसके बाद भी सरकार की ओर से गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है। कोर्ट ने सरकार से गंगा में खनन पर जवाब मांगा है।

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