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महिला उत्तरजन ने महिला दिवस पर किया ग्रामीण महिलाओं को समानित


महिला दिवस के अवसर पर महिला उत्तर जन के संयोजन में लक्ष्मोली गांव में महिला सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित महिला समूहों की ओर से जन जागरूकता गीत और कथा लोक नृत्य का भी प्रदर्शन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

श्रीनगर, महिला दिवस के अवसर पर महिला उत्तर जन के संयोजन में लक्ष्मोली गांव में महिला सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित महिला समूहों की ओर से जन जागरूकता गीत और कथा लोक नृत्य का भी प्रदर्शन किया गया। विपरीत परिस्थितियों में भी अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने में कामयाब रही रुक्मा देवी, धनेश्वरी देवी, मकानी देवी व बबली देवी को सम्मानित किया गया। समाज सेवी रमा अग्रवाल ने इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं को पुरस्कृत किया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान अंशी देवी ने कहा क्या ग्रामीण महिलाएं अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो रही हैं। शिक्षा के बढ़ते स्तर से ऐसा हो पाया है। समाज कार्य विशेषज्ञ डॉक्टर सरिता पवार ने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्हें सबसे अधिक अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। इस मौके पर लेखिका मधु झुनझुनवाला ने कहां कि पहाड़ी क्षेत्रों में महिला और पुरुष कर्मठता से अपना कार्य करते हैं। यह महिलाओं की सबलता का प्रतीक है। डॉ. मारिशा पंवार ने कहा कि महिलाएं जीवन की भागदौड़ में अपनी अभिरुचियों को खो देती हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक उमा घिल्डियाल ने कहा कि बदलते समय में महिलाओं ने अपना मुकाम बनाया है। इसके लिए जिन पुरुषों ने अपने घरों में महिलाओं को मुकम्मल स्थान दिया, वहां महिलाओं ने भरसक प्रगति की है। इस मौके पर 6 फरवरी को दिवंगत हुई स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए रीजनल रिपोर्टर की संपादक गंगा असनोड़ा थपलियाल ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन की जानकारी दी। इस अवसर पर अवकाश प्राप्त शिक्षिका प्रेमा कालड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अरविंद दरमोड़ा, प्रधानाचार्य कुसुम बिष्ट, प्रभाकर बाबुलकर, साइनी उनियाल, रेनू रतूड़ी, अंशी कमल, चेतना थपलियाल ने विचार व्यक्त किए।

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