परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और गीता परिवार के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गोविनà¥à¤¦à¤—िरिजी ने आज आनलाइन पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® के माधà¥à¤¯à¤® से विशà¥à¤µ के अनेक देशों के हजारों गीता पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¤•à¤° गीता का दिवà¥à¤¯ संदेश दिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 7 मारà¥à¤šà¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और गीता परिवार के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गोविनà¥à¤¦à¤—िरिजी ने आज आनलाइन पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® के माधà¥à¤¯à¤® से विशà¥à¤µ के अनेक देशों के हजारों गीता पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¤•à¤° गीता का दिवà¥à¤¯ संदेश दिया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि महागà¥à¤°à¤‚थ गीता सनातन धरà¥à¤® तथा वेदांत दरà¥à¤¶à¤¨ का अतà¥à¤¯à¤‚त महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ गà¥à¤°à¤‚थ है। जिसमें जà¥à¤žà¤¾à¤¨, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा करà¥à¤® तीनों मारà¥à¤—ों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का रहसà¥à¤¯ बताया गया है। गीता में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने जीवन के हर पहलू का वरà¥à¤£à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤œà¥à¤ž की अवधारणा का दिवà¥à¤¯ मंतà¥à¤° दिया और कहा कि निषà¥à¤•à¤¾à¤® करà¥à¤®à¤¯à¥‹à¤— का पालन करने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤œà¥à¤ž कहलाता है। वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप से देखें तो यदि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤– से सà¥à¤–ी नहीं है और यदि वह दà¥à¤– से दà¥à¤–ी नहीं है वही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤œà¥à¤ž है। जीवन में आने वाले सà¥à¤– व दà¥à¤– दोनों ही à¤à¤• सिकà¥à¤•à¥‡ के दो पहलू हैं। सà¥à¤– और दà¥à¤– दोनों का जीवन में आना-जाना निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ हैं ठीक वैसे ही जैसे दिन के बाद रातà¥à¤°à¤¿ और जीवन के बाद मृतà¥à¤¯à¥ का आना तय है इसलिये मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सà¤à¥€ इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं से ऊपर उठकर निषà¥à¤•à¤¾à¤® करà¥à¤® करते रहना चाहिये। सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤œà¥à¤ž से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ अकरà¥à¤®à¤£à¥à¤¯ होना नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सम रहने से है। गीता परिवार के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गोविनà¥à¤¦à¤¦à¥‡à¤µ गिरिजी ने अपने संदेश में कहा कि समतà¥à¤µ का जीवन जीना ही तो à¤à¤—वतगीताकार योग है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अतà¥à¤¯à¤‚त पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ हो रही है कि विशà¥à¤µ के 117 देशों से तीन लाख से अधिक साधक 10 à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में गीता सीख रहे हैं। इसे देखकर लगता है कि यह कारà¥à¤¯ हम नहीं बलà¥à¤•à¤¿ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ कर रहे हैं। उनकी ही कृपा से यह कारà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो रहा है-निमितà¥à¤¤ मातà¥à¤°à¤‚ à¤à¤µ सवà¥à¤¯à¤¸à¤¾à¤šà¤¿à¤¨à¥! उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि धनà¥à¤¯ है वे लोग जो गीता पà¥à¤¤à¥‡ हैं, पà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं तथा जीवन में लाते है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि आईये गीता मैतà¥à¤°à¥€ परिवार ने जो गीता जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अमृत की धारा पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ की है उसमें गोते लगाकर अपने और अपनी आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का जीवन धनà¥à¤¯ बनाये।