à¤à¤• यà¥à¤¦à¥à¤§ यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में लड़ा जा रहा है और दूसरा मीडिया माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ पर जारी है। कौन-सी लड़ाई सचà¥à¤šà¥€ और कौन-सी à¤à¥‚ठी, इसका निरà¥à¤£à¤¯ करना वासà¥à¤¤à¤µ में कठिन है। खासतौर से मीडिया पर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ सूचनाà¤à¤‚ वसà¥à¤¤à¥à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करने की बजाय जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जटिल बना देती हैं।
रिपोर्ट - सà¥à¤¶à¥€à¤² उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯
à¤à¤• यà¥à¤¦à¥à¤§ यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में लड़ा जा रहा है और दूसरा मीडिया माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ पर जारी है। कौन-सी लड़ाई सचà¥à¤šà¥€ और कौन-सी à¤à¥‚ठी, इसका निरà¥à¤£à¤¯ करना वासà¥à¤¤à¤µ में कठिन है। खासतौर से मीडिया पर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ सूचनाà¤à¤‚ वसà¥à¤¤à¥à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करने की बजाय जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जटिल बना देती हैं। यदि à¤à¤• ही दिन में रूस का आरटी चैनल, चीन का सीजीà¤à¤Ÿà¥€à¤à¤¨ देखें तो यà¥à¤¦à¥à¤§ हर तरह से अनिवारà¥à¤¯ दिखाई देगा। इसके उलट फà¥à¤°à¤¾à¤‚स का फà¥à¤°à¤¾à¤‚स 24, इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड का बीबीसी चैनल देख लें तो लगेगा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पà¥à¤¤à¤¿à¤¨ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बड़ा कोई दूसरा गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार नहीं है। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ यà¥à¤¦à¥à¤§ जब अपने चरम की ओर बà¥à¤¤à¤¾ है तो वहां सà¤à¥à¤¯ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का कोई नियम मौजूद नहीं रहता। देर-सवेर ये यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨-रूस यà¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¥€ देखने को मिलेगा, लेकिन जब à¤à¤• जैसी घटना या निरà¥à¤£à¤¯ को दो अलग à¤à¤‚गल से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जाता है, तब लगता है कि यà¥à¤¦à¥à¤§ के कई छिपे हà¥à¤ पहलू à¤à¥€ होते हैं। यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ बà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥€à¤®à¥€à¤° जेलेंसà¥à¤•à¥€ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के लोगों का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया कि वे रूस से लड़ने के लिठयूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ की सेना में शामिल हों। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कथित अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सेना बनाने की बात कही। बताया गया है कि यà¥à¤¦à¥à¤§ शà¥à¤°à¥‚ होने के पहले दस दिन में ही इस सेना में 16 हजार लोग शामिल हो गठहैं। आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात यह है कि अमेरिका के 3 हजार लोगों ने à¤à¥€ इस सेना में शामिल होने के लिठआवेदन किया है। ये सब à¤à¤¾à¥œà¥‡ के सैनिक हैं। पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया ने इस खबर को इस तरह से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है कि ये à¤à¤¾à¥œà¥‡ के सैनिक यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के लिठमà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿-योदà¥à¤§à¤¾ हैं। इसके समानांतर रूस ने अपने मितà¥à¤° देशों, खासतौर से सीरिया से सैनिकों की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ की कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे शहरों के अंदर लड़ने में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सकà¥à¤·à¤® हैं। इस खबर पर पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया ने बहà¥à¤¤ तीखी टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ की हैं। चूंकि, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मीडिया पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया का ही अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करता है इसलिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€, हिंदी और अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के समाचार माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ में रूस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¥œà¥‡ के सैनिकों की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ को सनसनीखेज खबर की तरह परोसा गया है। यह बताया गया है कि सीरियाई लड़ाकों की आमद ने यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ जगह बन जाà¤à¤—ा। लेकिन, सवाल यह है कि जिन 16 हजार विदेशी लड़ाकों की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ ने की है कà¥à¤¯à¤¾ उनके कारण यूकà¥à¤°à¤¨ सà¥à¤µà¤°à¥à¤— बन जाà¤à¤—ा ? यà¥à¤¦à¥à¤§ के बारे में à¤à¤• बहà¥à¤¤ मशहूर कथन है कि यà¥à¤¦à¥à¤§ में सबसे पहले ‘सतà¥à¤¯â€™ की हतà¥à¤¯à¤¾ होती है। इसके बाद की हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को गिनने की जरूरत ही नहीं रहती कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को à¤à¤• पकà¥à¤· ‘शहादत’ और दूसरा ‘कतà¥à¤²à¥‡à¤†à¤®â€™ करार देता है। इस वकà¥à¤¤ चिंता की बात यह है कि मीडिया ने à¤à¥€ अपने पकà¥à¤· का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ कर लिया है और वह पकà¥à¤· निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और तटसà¥à¤¥à¤¤à¤¾ नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ अपने पंसद के समूह के पकà¥à¤· में खड़ा होना है। à¤à¤¸à¥‡ में, इस बात की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ नहीं बचती है कि मीडिया का पेशेवर चरितà¥à¤° बचा रह सकेगा और सरकारें उसे अपने हित में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² नहीं कर सकेंगी। à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में मीडिया के बीच सà¥à¤¯à¤¾à¤¹-सफेद का अंतर ही खतà¥à¤® हो गया है। रूस तथा उसके समरà¥à¤¥à¤• देशों का मीडिया जिस सच को दिखा रहा है, उस सच को पशà¥à¤šà¤¿à¤® सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं कर रहा है और अमेरिका तथा पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों ने इन मीडिया माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ को अपने यहां रोक दिया है। इसके जवाब ने रूस ने मीडिया से संबंधित à¤à¤• कड़ा कानून बना दिया, जिसमें सेना के बारे में गलत सूचनाà¤à¤‚ देने पर 15 साल तक की सजा का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है। इसके बाद बीसीसी, सीà¤à¤¨à¤à¤¨ और डीडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ आदि ने रूस से अपना तामà¤à¤¾à¤® समेट लिया है। अब ये सब रूस की सीमाओं परे अपने ‘कमà¥à¤«à¤°à¥à¤Ÿ जोन’ में खड़े होकर वैसे ही रिपोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग कर रहे हैं जैसे कि जी नà¥à¤¯à¥‚ज हिंदी के सà¥à¤§à¥€à¤° चैधरी पोलेेंड की सीमा से यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ का यà¥à¤¦à¥à¤§ दिखा रहे हैं। गलत सूचनाà¤à¤‚ और दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° हमेशा से ही यà¥à¤¦à¥à¤§ का हिसà¥à¤¸à¤¾ रहे हैं, इसके बावूजद मीडिया के à¤à¥€à¤¤à¤° सही और गलत को लेकर à¤à¤• समठà¤à¥€ मौजूद रही है। इस बार गलत सूचनाओं और दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° ने मीडिया की समठको गहरी चोट पहà¥à¤‚चाई है। चूंकि, बीते कà¥à¤› दशकों में सूचनाओं के चयन और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाठकों/दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤‚à¥à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ का काम संपादकों-पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की बजाय मीडिया मालिकों और नà¥à¤¯à¥‚ज मैनेजरों के पास है इसलिठपाठक या शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ के सामने सही सूचना हासिल कर पाना à¤à¤• बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बन गई है। इस यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान à¤à¤• और बात परेशान करने वाली ये है कि यà¥à¤¦à¥à¤§ के दृशà¥à¤¯ ठीक à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किठजा रहे हैं, जैसे वे किसी मनोरंजक फिलà¥à¤® का हिसà¥à¤¸à¤¾ हों। इस यà¥à¤¦à¥à¤§ ने नठसिर से इस बात को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया है कि मीडिया उतना सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° नहीं है, जितना कि वह अपने आदरà¥à¤¶ रूप में दिखाया जाता है या फिर जितनी कि उससे उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की जाती है। आम लोगों के बीच इसलिठà¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤® की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है कि à¤à¤• पकà¥à¤· के समरà¥à¤¥à¤• मीडिया घराने जिस सूचना को सही बताते हैं, दूसरा पकà¥à¤· उन सूचनाओं और घटनाओं को गलत साबित करने में जान लगा देता है। पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया के सच को देखना हो तो कà¥à¤› दिन के लिठबीबीसी हिंदी पोरà¥à¤Ÿà¤² और डीडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ हिंदी पोरà¥à¤Ÿà¤² की खबरों को टà¥à¤°à¥ˆà¤• कीजिठतो साफ पता चलेगा कि ये नामी संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ अपनी सरकारों के à¤à¥‹à¤‚पू की तरह ही वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° कर रही हैं। इन माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ पर यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ से बच निकलने के दौरान गैर यूरोपीय और अशà¥à¤µà¥‡à¤¤ लोगों के साथ किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ किया गया है, इसकी खबरें न बराबर दिखाई देंगी, जबकि à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान नसà¥à¤²à¥€à¤¯ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ नहीं हà¥à¤† है। इस संदरà¥à¤ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मीडिया, खासतौर से टीवी चैनलों और उनके à¤à¤‚करों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ लगà¤à¤— हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ है। लगà¤à¤— इसलिठकि अपवाद हर जगह हो सकते हैं। कई चैनलों के रिपोरà¥à¤Ÿà¤° जिस à¤à¤¾à¤·à¤¾ और लहजे के साथ खबरें परोस रहे हैं, वह केवल चिंताजनक ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ खेदजनक à¤à¥€ है। हिंदी टीवी चैनलों पर महायà¥à¤¦à¥à¤§, शंखनाद, विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ जैसे विशेषणों की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° है। चूंकि, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ चैनलों की फीडिंग पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ से हो रही है इसलिठरूस के खिलाफ निगेटिव टोन को साफ-साफ महसूस किया जा सकता है। रही-सही कसर सरकार की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के कारण पूरी हो जाती है। अंततः हमारे चैनलों का चरितà¥à¤° सूचना की आड में मनोरंजन पेश करने वालों का बन जाता है। सारतः ये दौर लोगों को ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ सतà¥à¤¯ को à¤à¥€ à¤à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ का दौर है। à¤à¤¸à¥‡ में सही सूचना हासिल करना रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में मीठे पाने के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ को पा लेने जैसा ही है।