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पतंजलि विश्वविद्यालय में आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया


पतंजलि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने अपने कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी जिसमें छात्राओं ने आज के दौर की नारी को जो किस तरह काम-काजी मां है कैसे वह जिम्मेदारी आने पर अपने परिवार की संरक्षक बन खड़ी होती है कैसे वह आज घर से लेकर अंतरिक्ष तक को संभालने का हौंसला रखती है। वैसे तो आज की नारी हर क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रही है साथ ही हर क्षेत्र में चुनौतियां भी दें रही हैं।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय में आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जिसकी थीम थी ‘‘सशक्त नारी सशक्त राष्ट्र यत्र् नार्यस्तु पूज्यंते रमते तत्र् देवताः’’ जैसा कि आज का दिन महिलाओं को समर्पित है उन्हें रोचक अंदाज से पतंजलि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने अपने कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी जिसमें छात्राओं ने आज के दौर की नारी को जो किस तरह काम-काजी मां है कैसे वह जिम्मेदारी आने पर अपने परिवार की संरक्षक बन खड़ी होती है कैसे वह आज घर से लेकर अंतरिक्ष तक को संभालने का हौंसला रखती है। वैसे तो आज की नारी हर क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रही है साथ ही हर क्षेत्र में चुनौतियां भी दें रही हैं। पतंजलि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने सांस्कृतिक नाट्यों के माध्यम से समाज मे फैल रही महिलाओं के प्रति दुराचार की घटनाओं को प्रस्तुत करने का कार्य किया। आज की नारी जब घर से बाहर निकलती है तो समाज में फैले कई भेड़िये उन्हें बुरी नजर से तो देखते ही हैं साथ ही कई दुराचारी मासूम लडकियों पर ऐसिड फेंकर उनकी हंसती-खेलती जिंदगी को बर्बाद कर देते हैं और जिसके कारण से वह शारीरिक व मानसिक तनाव का शिकार बन जाती है। कार्यक्रम का संचालन डॉ वैशाली गौड़ द्वारा किया गया जहाँ पर उन्होनें अपने संबोधन में कहा कि आज की महिलाओं को सशक्त होने की आवश्यकता है तभी वह अपना संरक्षण व अपना बचाव कर सकती हैं इसलिए पतंजलि विश्वविद्यालय एक ऐसा संस्थान है जहाँ पर छात्राओं को सशक्त करने के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाता है जिससे उनका आगे का भविष्य सुखमय और सुरक्षापूर्ण बन सके। पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल ने महिला दिवस पर बोलते हुए कहा कि आज का दिन विश्व तब मना रहा है जब दो देश आपस में लड़ रहे हैैं यह सभी जानते हैं कि रुस यूक्रेन से काफी शक्तिशाली है उसके बावजूद भी यूक्रेन के लोग रुस का डट कर सामना कर रहे हैं उसके पीछे उनका राष्ट्र प्रेम है जिस कारण आज यूक्रेन की महिलाओं ने अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए हथियारों को उठा लिया है और उन्होंने संकल्प लिया है कि वह मरते दम तक राष्ट्र की रक्षा के लिए लडते रहेगें जिस प्रकार रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजोें के आगे सिर नहीं झुकाया था और अपने जीवन की आखरी सांस तक वह लडीं, यही जज्बा आज की हमारी महिलाओं में विकसित हो रहा है जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए शौर्य का विषय है। आज के महिला दिवस के कार्यक्रम में डॉ बीना अग्रवाल को मुख्य अतिथि के रुप में सम्मानित किया गया जहाँ पर उन्होंने इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं व शिक्षक, शिक्षिकाओं का धन्यवाद किया।

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