Latest News

श्रीनगर गढवाल को धर्मनगरी बनाने के संकल्प के साथ हिमालय ज्योतिष परिषद् का गठन


श्रीनगर गढवाल के अत्यंत पावन सिद्धपीठ श्री कमलेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में श्री क्षेत्र श्रीनगर गढवाल को धर्मनगरी बनाने के संकल्प के साथ हिमालय ज्योतिष परिषद् का गठन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

आज दिनांक 09 मार्च 2022 को श्रीनगर गढवाल के अत्यंत पावन सिद्धपीठ श्री कमलेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में श्री क्षेत्र श्रीनगर गढवाल को धर्मनगरी बनाने के संकल्प के साथ हिमालय ज्योतिष परिषद् का गठन किया गया। इसमें समस्त ज्योतिष विद्वानों द्वारा ज्योतिष संबंधी चर्चा-परिचर्चा की गई एवं कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत १०८ श्री आशुतोष पुरी जी को सर्वसम्मति से संगठन का संरक्षक घोषित किया गया। संगठन के पदाधिकारियों का चुनाव भी सर्वसम्मति से किया गया, जिसमें श्री भाष्करानंद अण्थवाल जी को अध्यक्ष, प्रो. रामानंद गैरोला जी को उपाध्यक्ष, डॉ. प्रकाश चमोली जी को सचिव, श्री राकेश थपलियाल जी को सहसचिव, चैतन्य कुकरेती जी को मीडिया प्रभारी एवं श्री नितिन नवानी जी को संगठन का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। हिमालय ज्योतिष परिषद् के नवनियुक्त अध्यक्ष आचार्य अण्थवाल जी ने कहा कि ज्योतिष एक विद्या ही नहीं अपितु विज्ञान है और जिसप्रकार एक चिकित्सक रोगी को पूछकर उसके रोग का निदान करता है, उसीप्रकार यदि जातक का जन्म समय सही हो तो एक ज्योतिष चिकित्सा विज्ञान के द्वारा जातक को यह बता सकता है कि आगे वह किस रोग से पीड़ित होगा और कहाँ पर उसकी मारकेश की दशा है और आगे आने वाली दशाओं, विपत्तियों के प्रति सचेत कर सकता है। यदि लग्नेश मृत्यु भाव में है, चतुर्थ भाव, चतुर्थेश यदि मृत्यु भाव में है, ६४वें द्रेष्काण में है, चतुर्थेश मारकेश के साथ युति-दृष्टि से संलग्न है, तो चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार उस जातक की निश्चित रूप से ओपन हार्ट सर्जरी होगी। एक जो बच्चा है, ज्योतिष उसकी कुंडली को देखकर बता सकता है कि उसकी कुंडली में विदेश अध्ययन (Foreign Study) के योग हैं या नहीं, विदेश यात्रा के योग हैं या नहीं, विदेश में सेटल होने के योग हैं या नहीं इत्यादि के रूप में ज्योतिष निर्विवाद रूप से अपने परामर्श को दे सकता है। कार्यक्रम के अंत में संगठन के संरक्षक श्री महंत जी ने अपने शुभाशीष पूर्ण वचनों से कार्यक्रम की समाप्ति की। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रतिष्ठित ज्योतिष विद्वान श्री शांति प्रसाद बहुगुणा जी, श्री अखिलेश भट्ट जी, श्री गिरीश चंद्र भट्ट जीष आचार्य जगदीश प्रसाद नैथानी जी, पंडित दुर्गा प्रसाद बमराड़ा जी, पंडित प्रकाश चन्द्र खंकरियाल जी, आचार्य प्रेमवल्लभ नैथानी जी, श्री दिनेश प्रसाद जोशी जी ने प्रतिभाग किया।

Related Post