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चमोली में जिलाधिकारी ने कृषि, उद्यान, उद्योग, मनरेगा आदि विभागों के विकास कार्यो की समीक्षा की


जड़ी बूटी उत्पादन के लिए चमोली जनपद में बेहतर पर्यावरण एवं परिस्थितियां मौजूद है और किसानों को जड़ी बूटी उत्पादन का प्रशिक्षण देकर इससे लाभान्वित किया जा सकता है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भटट धिल्डियाल

चमोली 04 जनवरी,2020,जड़ी बूटी उत्पादन के लिए चमोली जनपद में बेहतर पर्यावरण एवं परिस्थितियां मौजूद है और किसानों को जड़ी बूटी उत्पादन का प्रशिक्षण देकर इससे लाभान्वित किया जा सकता है। यह बात जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शनिवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में कृषि, उद्यान, उद्योग, मनरेगा आदि विभागों के विकास कार्यो की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने सभी रेखीय विभागों को आपस में समन्वय बनाकर जिले में जड़ी बूटी की खेती को बढावा देने के लिए ठोस पहल शुरू करने पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कुटकी, अतीश, रोजमेरी, काशनी, सूरजमुखी, कालमेघ, अजवाइन, तिलपुष्पी, आंवला, बहेड़ा, अश्वगंधा, लेमनग्रास, जंबु फरण, सतावर, केशर, पत्थरचट्टा, राम, श्याम और लेमन तुलसी आदि औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन की भरपूर संभावनाएं है। इसके अलावा डैमस्क रोज की खेती से भी किसानों को अच्छा फायदा मिल सकता है। उन्होंने अधिक से अधिक किसानों को जड़ी बूटी उत्पादन से जोड़कर जिले में क्लस्टर बेस पर जड़ी बूटी उत्पादन को बढावा देने की बात कही, ताकि किसानों को इसका अच्छा लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को एग्रीकल्चर, हाॅटिकल्चर, भेषज, जड़ी बूटी आदि रेखीय विभागों से चर्चा करते हुए औषधीय जड़ी बूटी, एरोमैटिम प्लांट एवं डैमस्क रोज उत्पादन बढाने और जिले के ज्यादा से ज्यादा किसानों को इससे जोड़कर लाभान्वित करने पर जोर दिया। कहा कि मनरेगा से कन्वर्जेन्स कर डैमस्क रोज एवं जड़ी बूटी के उत्पादन को और बढाया जा सकता है। इससे श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने के साथ साथ उनकी आजीविका भी बढेगी। जिलाधिकारी ने चाय नर्सरी एवं चाय बागान तैयार करने हेतु मनरेगा से कनवर्जेन्स करने एवं इन चाय बागानों में पर्यटन गतिविधियों के संचालन पर भी जोर दिया। कहा कि गैरसैंण, नौटी, पोखरी, देवाल एवं अन्य ब्लाकों में भी आर्गेनिक चाय उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद है। इसके अलावा जिले में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आते है, ऐसे में चाय बागानों में पर्यटकों को सुविधाएं देकर अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने चाय बागान को विकसित कर पर्यटक गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। बैठक में कृषि, उद्यान, एनआरएलएम, खादी ग्रामोद्योग एवं जिले में उद्यम स्थापना को बढावा देने पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, पीडी प्रकाश रावत, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र डा0 एमएस सजवाण, जिला पर्यटन विकास अधिकारी बृजेन्द्र पांडे, मुख्य कृषि अधिकारी राम कुमार दोहरे, डीएचओ तेजपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

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