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डिजिटल एग्रीकल्चर के सपने को साकार करने का कार्य, आचार्य बालकृष्ण के दिशा-निर्देशन एवं भारत सरकार के कृषि मंत्रलय के साथ आरंम्भ किया।


पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल एग्रीकल्चर के सपने को साकार करने का कार्य, आचार्य बालकृष्ण के दिशा-निर्देशन एवं भारत सरकार के कृषि मंत्रलय के साथ आरंम्भ किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 15 मार्च। पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल एग्रीकल्चर के सपने को साकार करने का कार्य, आचार्य बालकृष्ण के दिशा-निर्देशन एवं भारत सरकार के कृषि मंत्रलय के साथ आरंम्भ किया। जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दुगना करना है। पतंजलि द्वारा किए गये कार्यों के मूल्यांकन के लिए भारत सरकार में मुख्य कृषि विज्ञान सलाहकार के श्री राजीव चावला द्वारा हरिद्वार के सीडीओ सौरव गैहरवार व मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवरानी व पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के सम्मुख किया गया। श्री चावला द्वारा पतंजलि द्वारा कृषि क्षेत्र में किये गये नूतन व वैज्ञानिक प्रयोगों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या व उसके लिए पतंजलि द्वारा किये गये समाधान के प्रयास देश में कृषि विकास व अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगें। इसमें उत्तराखण्ड सरकार व हरिद्वार प्रशासन की भी भूमिका सराहनीय है। उक्त अवसर पर कृषि अनुसंधान में पतंजलि द्वारा लिखित दस हजार से अधिक पृष्ठों का अनुसंधान संग्रह को भी टीम के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। इस सरकारी परियोजना में पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान ने चार जिलों का चयन किया हैं, जिसमें उत्तराखण्ड का हरिद्वार, उत्तर प्रदेश का वाराणसी, हमीरपुर व मध्यप्रदेश का मुरैना जिला इस परियोजना में शामिल हैं। इन जिलों में आने वाले हर गांव के किसानों की आवश्यक जानकारी व डाटाबेस तैयार किया गया, जिसमें उसकी जमीन की उर्वरक क्षमता को मापने के साथ-साथ, उस जमीन पर कौन सी फसल कितने क्षेत्र में उपज रही हैं एवं उसे कैसे बढ़ाया जा सकता है, उसे भी सेटेलाईट के माध्यम से देखा जा सकेगा। इसी क्रम में इस कार्य प्रणाली से किसानों को यह भी ज्ञात हो जायेगा कि उसने कितना बीज अपनी जमीन में लगाया था और कितनी फसल तैयार होकर खड़ी हैं। इसके लिए हरित क्रान्ति व अन्नदाता के रूप में मोबाइल ऐप्स भी बनाया गया है, जो किसानों को पुनः जैविक खेती की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करता है। आज किसान अधिक उपज की प्राप्ति के लिए वह अपने खेतों में अनावश्यक फर्टिलाइजर का उपयोग कर रहा है, जिस कारण भूमि की उर्वरा शक्ति का दोहन हो रहा है। इस बैठक में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी के साथ कर्नाटक सरकार के सेवानिवृत्त मुख्य सचिव व वर्तमान में भारत सरकार के मुख्य कृषि ज्ञान सलाहकार राजीव चावला, हरिद्वार जनपद के मुख्य विकास अधिकारी सौरव गैहरवार, विजय देवरानी, मुख्य कृषि अधिकारी, हरिद्वार सम्मिलित हुए। पतंजलि की ओर से कार्यक्रम में कविन्द्र जी, पवन, डॉ. के.एन. शर्मा , निशांत सिरोही, ऋषि आर्य जी, डॉ. वेदप्रिया आर्य जी आदि अनेक विद्वानों व वैज्ञानिकों ने अपने विचार व अनुभवों को समस्त अधिकारीगण के सामने प्रस्तुत किया।

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