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कैसे बुखार का घरेलू उपचार करें


बुखार संक्रमण के खिलाफ शरीर की एक सुरक्षात्मक प्रक्रिया का हिस्सा है | सामान्यत: मानव शरीर का तापमान 37° सेल्सियस या 98.6° फारेनहाइट होता है | बुखार खुद कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक लक्षण है जो यह दर्शाती है कि शरीर किसी संक्रमण (infection) से ग्रस्त है | दूसरे शब्दों में यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा किसी सक्रमण से लड़ने का लक्षण है |

रिपोर्ट  - à¤µà¥ˆà¤§ दीपक कुमार

बुखार संक्रमण के खिलाफ शरीर की एक सुरक्षात्मक प्रक्रिया का हिस्सा है | सामान्यत: मानव शरीर का तापमान 37° सेल्सियस या 98.6° फारेनहाइट होता है | बुखार खुद कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक लक्षण है जो यह दर्शाती है कि शरीर किसी संक्रमण (infection) से ग्रस्त है | दूसरे शब्दों में यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा किसी सक्रमण से लड़ने का लक्षण है | हालांकि बुखार खुद कोई बीमारी नहीं है लेकिन यदि तापमान 40° सेल्सियस या 104° फारेनहाइट से ज्यादा हो जाये तो यह काफी खतरनाक हो सकता है | वैसे सामान्यतौर पर होने वाले बुखार घरेलू उपचार करने से ही ठीक हो जाते हैं | कुछ घरेलू नुस्खे निम्नवत हैं | ठन्डे पानी से स्नान करें: बुखार होने पर ठन्डे पानी का स्नान करने से काफी राहत मिलती है, और यह बुखार को ठीक करने बहुत मददगार होता है | स्नान करने के लिए बाल्टी, फब्बारा (शॉवर) या टब कोई भी तरीका बुखार में लाभकारी होता है | भीगे कपड़े से पोछना: अगर बुखार में स्नान करना अच्छा नहीं लगता तो भीगे कपड़े से बदन को पोछा जा सकता है | इसके लिए किसी साफ़ कपड़े या तौलिया को लेकर उसे ठन्डे पानी से गीला करके निचोड़ लें फिर उससे बदन पोछें और ऐसा कई बार करें | ऐसा करने से शरीर का तापमान कम करने में काफी मदद मिलती है | भीगे कपड़े की पट्टी माथे पर रखना भी बुखार में फायदा पहुंचाता है | ठन्डे कमरे में रहे बुखार से राहत पाने के लिए यह भी आवश्यक है कि आप जिस कमरे या घर में हों वो ठंडा हो | इसके लिए आप पंखा चला लें | घर ठंडा रखने से अच्छा महसूस होता है और इससे शरीर को भी ठंडा रखने में मदद मिलती है | ज्यादा कपड़े न पहने अक्सर ऐसा देखा गया है कि बुखार आने पर मोटे-मोटे कपडे पहन लिए जाते हैं जो बुखार में फायदे की जगह नुकसानदायक है | ऐसा करने से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और बुखार जल्दी ठीक नहीं होता | इसलिए इस समय हल्के कपड़े पहने जिससे शरीर को ठंडक पहुंचे और बुखार जल्दी ठीक हो सके | यदि कभी ठण्ड या कंपकंपी लगे तो उस समय कम्बल या मोटी चादर ओढ़ लेना ठीक रहता है | जब ठण्ड या कंपकंपी न लगे तो कम्बल या मोटी चादर हटा दें, और सोते समय एक चादर ओढ़कर सोयें | अपनी नाक साफ़ रखें अगर नाक साफ़ न हो तो गले में भी खराश पैदा होने की संभावना बनी रहती है जो आपकी तकलीफ को और बढ़ा सकती है | इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें और अपने पास कुछ टिश्यू पेपर ज़रूर रखें | शरीर को आराम दें ध्यान रखें कि बुखार का मतलब है कि आप का शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा है और ऐसे में आपके शरीर को काफी ऊर्जा की ज़रुरत होती है | इसलिए अपने शरीर को आराम दें और खूब सोयें | बेवज़ह इधर-उधर घूमना फिरना छोड़ कर और अगर आवश्यक हो तो छुट्टी लेकर आराम करें तरल भोजन करें फलों में एंटीऑक्सीडेन्ट्स अच्छी मात्रा में होते हैं इसलिए फलों का खूब सेवन करें | गरिष्ठ खाने से परहेज़ करें और हल्का-फुल्का खाएं जो आसानी से पच जाए | ऐसा करना बुखार से लड़ने में काफी मददगार साबित होता है | खूब पानी पियें बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को आराम और हल्के-फुल्के खान-पान के साथ-साथ खूब पानी पीने की भी ज़रुरत होती है | इसलिए दिन में कई बार पानी, फलों का रस सूप या दाल का पानी (ख़ासतौर पर मूँग दाल का पानी) लेना फायदेमंद होता है घर में रहें घर के अन्दर का तापमान प्रायः स्थिर ही होता है जो शरीर को अपना तापमान स्थिर रखने में मदद करता है | इसलिए जहां तक हो सके घर में रहें और अगर बाहर जाना ही पड़े तो छाँव में रहें और शारीरिक गतिविधियाँ कम-से-कम रखें | ठंडक देने वाले पदार्थों का इस्तेमाल करें अपने शरीर को बाहर से ठंडा करने के साथ-साथ उसे अन्दर से भी ठंडक पहुँचाना तापमान को कम कर बुखार में राहत देता है | दही, फल एवं फलों का रस बहुत लाभकारी होता है | कभी-कभी बर्फ की चुस्की भी फायदा पहुंचाती है | हर्बल चाय बना कर पियें आपके रसोई या बागीचे में उपलब्ध जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल न सिर्फ खाना बनाने बल्कि आपके बुखार को कम करने में भी होता है जैसे पुदीना, अदरक, शहद, निम्बू, तुलसी, बड़ी का फूल, मीठी पत्ती, दालचीनी, मुलेठी और ऐसी कई और | इनमे से कोई एक या अगर आप चाहें तो कुछेक को मिलाकर किसी बर्तन में उबाल लेवें और उसके बाद उसमे शहद मिला दें | ठंडा होने के बाद दिन में कई बार पियेंशोधित अर्गल (cream of tartar) की चाय बनाकर पिए | इसे बनाने के लिए छोटे चम्मच से डेढ़ चम्मच शोधित अर्गल (cream of tartar) लेवें | उसे आधा चम्मच जूस और आधा चम्मच शहद के साथ ढाई कप (600 मि.ली.) पानी में खूब अच्छे से मिला लें और इसका आनंद लेवें |तुलसी की चाय पियें | इसे बनाने के लिए एक छोटा चम्मच तुलसी और 3-4 दाने काली मिर्च का पाउडर डेढ़ कप पानी में मिलाकर पांच मिनट तक उबालें | इसके बाद घोल को एक कप में छानकर पियें |एक छोटा चम्मच ओरेगानों और एक छोटा चम्मच मार्जोरम को आधे लीटर (500 मि.ली.) पानी में मिलकर धीमे आंच पर 2-3 मिनट तक रखें | इसके बाद इसे ठंडा होने देवें और इसे पिए | यदि आप चाहें तो इस घोल को थोडा ज्यादा मात्रा में बनाकर फ्रिज में रख सकते हैं और जैसा आवश्यक हो वैसा सेवन करें सेब का पानी बनाकर पियें एक मध्यम आकार के सेब को डेढ़ कप पानी (350 मि.ली.) में तब तक उबालें जब तक सेब मुलायम न हो जाये | इसके बाद घोल को छान ले और स्वादानुसार शहद मिलाकर पियें | किशमिश का जूस भी बना सकते हैं इसको बनाने का तरीका थोडा अलग है | इसे बनाने के लिए तीन चौथाई कप (115 ग्राम) किशमिश को साढ़े सात कप (1.75 लीटर) पानी में मिलकर उबाल लेवें फिर ठंडा होने दें के बाद छान लेवें | इस जूस को दिन में 5-6 बार पियें | लहसुन का पानी पियें इसे बनाने के लिए एक कच्चे लहसुन को एक कप पानी (225 मि.ली.) में मिलाकर उबाल लेवें फिर उसे छानकर धीरे-धीरे पियें | यह बुखार दुबारा होने से बचाता है और बुखार के लक्षणों से भी आराम दिलाता है अदरक, तुलसी का काढ़ा पए इसे बनाने के लिए अदरक का एक चम्मच कुटी हुई अदरक, एक चम्मच तुलसी, 3-4 काली मिर्च के दाने और स्वादानुसार शहद या चीनी को डेढ़ कप पानी में मिलाकर कुछ देर उबालें फिर उसे छान लेवें | इसे गरम रहते ही धीरे-धीरे पिए | इस काढ़े से बंद नाक और गले की खराश के साथ-साथ बुखार में भी आराम मिलेगा | लेमनग्रास (Cymbopogon) का प्रयोग करें:लेमनग्रास की 6 जड़ें लेकर उसके हरे हिस्से को काट कर अलग कर दें और उसके सफ़ेद हिस्से यानी जड़ वाले हिस्से को कूट लेवें | फिर इस पांच कप पानी मिलकर मध्यम आंच पर लगभग 5 मिनट तक उबाल लेवें | फिर इसे आंच से उतारकर किसी बर्तन में रख लेवें और लगभग 4 मिनट तक गुनगुना होने दें फिर आराम से पियें | सूती कपडा या तौलिया भिगोकर माथे पर रखे और आराम करें |कई माँ-बाप डरतें हैं कि कहीं बुखार से दिमाग पर असर न हो | यदि तापमान 106° फारेनहाइट या 41° सेल्सियस से नीचे रखा जाए तो सामान्यतौर पर दिमाग पर असर नहीं होता | वैसे अगर बुखार 104° फारेनहाइट या 40° सेल्सियस से ज्यादा है तो खतरनाक माना जाता है |यदि आराम न हो तो डॉक्टर से सलाह लें |अगर आप सामान्य रूप से सक्रिय हैं तो बुखार प्रायः एक दिन में ठीक हो जाता है यदि आपको बुखार है तो कसरत न करें अगर बुखार 104° फारेनहाइट या 40° सेल्सियस से ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह लें |अपनी नाक साफ़ रखें |यदि तापमान 106° फारेनहाइट या 41° सेल्सियस से ऊपर है तो दिमाग पर असर हो सकता है ये टिप्स सामान्य जानकारी हेतु है आराम नही मीलता है डा से सलाह ले Dr. (Vaid) Deepak Kumar Adarsh Ayurvedic Pharmacy Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com 9897902760

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