परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विशà¥à¤µ वानिकी दिवस के अवसर पर संदेश देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि वन धरती के हरे-à¤à¤°à¥‡ फेफड़े हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 21 मारà¥à¤šà¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विशà¥à¤µ वानिकी दिवस के अवसर पर संदेश देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि वन धरती के हरे-à¤à¤°à¥‡ फेफड़े हैं। वन समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› वायॠऔर जल उपलबà¥à¤§ कराते हैं , वनों का संरकà¥à¤·à¤£ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ मानवता का संरकà¥à¤·à¤£ इसलिये आईये पौधों के रोपण का संकलà¥à¤ª लें। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि वन परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ और पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤• संतà¥à¤²à¤¨ बनाये रखने के साथ ही आजीविका, वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और जीवों की विविधता à¤à¤µà¤‚ जैव विविधता का à¤à¥€ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग और जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ पूरे विशà¥à¤µ की सबसे बडी समसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है इसके उबरने के लिये वन महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। धरती को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण मà¥à¤•à¥à¤¤ रखने के लिये सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ वन इको-सिसà¥à¤Ÿà¤® आवशà¥à¤¯à¤• हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के अनेक देशों में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² होने वाली औषधीयों में से लगà¤à¤— 25 से 40 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ पौधों से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की जाती हैं। पेड़ों से ही हमें सेनेटरी आइटम जैसे टॉयलेट पेपर, पेपर टॉवेल, टिशà¥à¤¯à¥‚ और सैनिटाइजर हेतॠइथेनॉल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है जो की आज की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जरूरतों में से à¤à¤• है इसलिये यह समय à¤à¤•-à¤à¤• पेड़ और जल की à¤à¤•-à¤à¤• बूंद को बचाने का है। हमें हमारी धरती और आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बेहतर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठमिलकर पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना होगा। जहां पर à¤à¥€ बंजर à¤à¥‚मि हैं वहां पर पौधे लगायें, गांवों और शहरों को हरा-à¤à¤°à¤¾ करें, घरों के आस-पास खाली पड़ी जमीनों को बाग-बगीचों में बदलें तà¤à¥€ à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण मà¥à¤•à¥à¤¤ वातावरण की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की जा सकती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में चारों ओर कांकà¥à¤°à¥€à¤Ÿ के जंगल बà¥à¤¤à¥‡ जा रहे हैं, तमाल कटते जा रहे हंै, कदमà¥à¤¬ छंटते जा रहे है। पानी कम हो रहा है, तापमान बà¥à¤¤à¤¾ जा रहा है, गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° पिघल रहे हैं जिससे हमारा पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ सा हरा à¤à¤°à¤¾ नीला गà¥à¤°à¤¹ तपते गोले में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो रहा है इसलिये धरती का शोषण नहीं, पोषण करें, दोहन नहीं संवरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨ करें और इसके लिये हमें गà¥à¤°à¥€à¤¡ कलà¥à¤šà¤° से नीड कलà¥à¤šà¤°; गà¥à¤°à¥€à¤¡ कलà¥à¤šà¤° से गà¥à¤°à¥€à¤¨ कलà¥à¤šà¤°; नीड कलà¥à¤šà¤° से नये कलà¥à¤šà¤°; यूज à¤à¤‚ड थà¥à¤°à¥‹ कलà¥à¤šà¤° से यूज à¤à¤‚ड गà¥à¤°à¥‹ कलà¥à¤šà¤° की ओर बà¥à¤¨à¤¾ होगा।