à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨.पी.जी. काॅलेज में आज अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद, माठमंशा देवी मनà¥à¤¦à¤¿à¤° टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ व काॅलेज पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महनà¥à¤¤ रविनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¥€ जी महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शोध केनà¥à¤¦à¥à¤°, देहरादून à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨. काॅलेज के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया गया जिसमें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ के विशेष सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जल संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकिये जा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ व तकनीकों से जागरà¥à¤• किया गया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 23 मारà¥à¤š, 2022 । à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨.पी.जी. काॅलेज में आज अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद, माठमंशा देवी मनà¥à¤¦à¤¿à¤° टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ व काॅलेज पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महनà¥à¤¤ रविनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¥€ जी महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शोध केनà¥à¤¦à¥à¤°, देहरादून à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨. काॅलेज के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया गया जिसमें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ के विशेष सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जल संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकिये जा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ व तकनीकों से जागरà¥à¤• किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ वनà¥à¤¦à¤¨à¤¾ व दà¥à¤µà¥€à¤ª पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया गया। सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® काॅलेज में निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ शौरà¥à¤¯ दीवार पर शहीदों को नमन करते हà¥à¤ पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान गाया गया तथा देश के अमर शहीदों को पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤œà¤‚ली अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। काॅलेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾, कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® संयोजक डाॅ. संजय माहेशà¥à¤µà¤°à¥€ व डाॅ. शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पाठक आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¤à¥€ अतिथियों का मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर सà¤à¥€ को जल संरकà¥à¤·à¤£ की शपथ à¤à¥€ दिलायी। शà¥à¤°à¥€ महनà¥à¤¤ रविनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¥€ जी महाराज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¤à¥€ अतिथियों को हरित पौधा तथा गौरेया गृह à¤à¥‡à¤‚ट किया गया। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ आज मैती आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के पà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¤à¤¾ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सिंह रावत ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि जल की समसà¥à¤¯à¤¾ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठही नहीं अपितॠसमà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ में फैली हà¥à¤ˆ है। जल के तीन रूप-तरल, वाषà¥à¤ª व ठोस जो पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤µà¤¶ अपनी उपयोगिता को समय≤ पर दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है। à¤à¤• नदी का महतà¥à¤µ सिरà¥à¤« उसके कारण नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ छोटे-छोटे सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के सहयोग से उसका असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ बना रहता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धारà¥à¤®à¤¿à¤• परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• सà¥à¤¥à¤² हिमालय की उचà¥à¤šà¤¤à¤® शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¥‡ में विराजमान हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में धारà¥à¤®à¤¿à¤• यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥à¤¾à¤Ÿà¤¨ करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यहाठपर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के जल, जमीन à¤à¤µà¤‚ आॅकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ से अपने रोगों को दूर करते थे, कà¥à¤¯à¤¾à¥‹à¤‚कि वहाठबिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नहीं था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल व जंगल को तà¤à¥€ बचा सकेंगे जब हम सà¥à¤µà¤¯à¤‚ जमीन से जà¥à¥œà¥‡ रहेंगे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हमें परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ कर पृथà¥à¤µà¥€ की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤à¤¾à¤¨à¥€ होगी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की 42 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ आबादी गंगा पर निरà¥à¤à¤° है, लेकिन हमने गंगा को à¤à¥€ जहर बना दियाहै। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि ये नदियाठà¤à¥€ जब तक हैं जब तक हिमालय राज जिनà¥à¤¦à¤¾ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ से परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ करने का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया। की-नोट सà¥à¤ªà¥€à¤•à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦ पà¥à¤°à¥‹. बी.डी. जोशी ने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठहमें पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वसà¥à¤¤à¥ का संरकà¥à¤·à¤£ करना चाहिà¤à¥¤ जीवन की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में जल का उचित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करके जल संरकà¥à¤·à¤£ का किया जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सामाजिक सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जल संरकà¥à¤·à¤£ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिà¤, सà¥à¤•à¥‚ल, मनà¥à¤¦à¤¿à¤°, बैंक, आशà¥à¤°à¤®, काॅलोनी आदि सà¤à¥€ जगहों पर हमें पूरà¥à¤£ रूप से सहयोग देना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ से आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया कि राजà¥à¤¯ सरकार की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ योजनाओं में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेकर हम जल संरकà¥à¤·à¤£ कर सकते हैं। पà¥à¤°à¥‹. जोशी ने कहा कि आमतौर पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ नालियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सीधे जल को नदी में छोड़ देता है, जबकि आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ इस बात की है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किये हà¥à¤ जल को जमीन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कराना चाहिà¤à¥¤ डीà¤à¤µà¥€ काॅलेज के डाॅ. पà¥à¤·à¥à¤ªà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने जानकारी देते हà¥à¤ कहा कि हमारी जीवन की पूरी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ ही जल से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होकर जल पर ही समापà¥à¤¤ होती है, किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ के लिठहमें उचित मातà¥à¤°à¤¾ में ही जल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤à¥¤ जल की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हमारे घर से ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होती है। देव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के अरूणेश पाराशर ने कहा कि जल संरकà¥à¤·à¤£ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ कहा कि पृथà¥à¤µà¥€ पर जल की मातà¥à¤°à¤¾ दिन-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ कम होती जा रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल अमूलà¥à¤¯ संसाधान है जिसके बिना जीवमणà¥à¤¡à¤² का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की अनेक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ समà¥à¤à¤µ नहीं है। कहा कि जल का संचय विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ से किया जा सकता है जिसमें वरà¥à¤·à¤¾ जल के संचय दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, तालाबों की जलधारण कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿, अनà¥à¤•à¥‚लतम जल संसाधन उपयोग हेतॠजागरà¥à¤•à¤¤à¤¾, जल सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के समीप टà¥à¤¯à¥‚बवेल आदि के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पर रोक, जलोपचार आदि मà¥à¤–à¥à¤¯ हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾ ने सà¤à¥€ अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त व धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ काॅलेज के कहा कि अगर जल का सही संचय नहीं किया गया तो यह सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के विनाश का कारण बन सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में अपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जल की समसà¥à¤¯à¤¾ किसी à¤à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° विशेष में नहीं अपितॠसमà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ में है और वह दिन दूर नहीं जब जल के लिठविशà¥à¤µà¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ छिड़ जाये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल ही जीवन है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बगैर जल के जीवन की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ समà¥à¤à¤µ नहीं है। जल मानव जीवन के लिठबहà¥à¤‰à¤ªà¤¯à¥‹à¤—ी है, जल की महतà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ के कारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ इसे सहेजकर रखने हेतॠबांधों, à¤à¥€à¤²à¥‹à¤‚, तालाबों à¤à¤µà¤‚ इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के विविध पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि बà¥à¤¤à¥€ जनंसखà¥à¤¯à¤¾ ने कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को जनà¥à¤® दिया है जिसमें à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– समसà¥à¤¯à¤¾ जल उपलबà¥à¤§à¥à¤¤à¤¾ में कमी à¤à¥€ है। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ को मदरहà¥à¤¡ यूनिसरà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¥€ के अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने à¤à¥€ समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ किया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का सफल संचालन कर रहे कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ संयोजक डाॅ. संजय कà¥à¤®à¤¾à¤° माहेशà¥à¤µà¤°à¥€ ने सà¤à¥€ अतिथियों का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि जल संरकà¥à¤·à¤£ को बचाने हेतॠसà¤à¥€ को जागरूक होने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में काॅलेज के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं अरà¥à¤¶à¤¿à¤•à¤¾, सबा, फैजा, हरà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¾, आयà¥à¤·, विशाल, गौरव, आईना, मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨, उपासना, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿, अरà¥à¤šà¤¨à¤¾, माधà¥à¤°à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जल संरकà¥à¤·à¤£ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ माॅडल की पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ à¤à¥€ लगायी गयी, जिसकी सà¤à¥€ अतिथियों की à¤à¥‚रि-à¤à¥‚रि पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की। इस अवसर पर डाॅ. पà¥à¤·à¥à¤ªà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. रशà¥à¤®à¤¿ रावत तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का पà¥à¤°à¥‹. बी.डी. जोशी, डाॅ. कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सिंह रावत व पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विमोचन à¤à¥€ किया गया। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से डाॅ. मन मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, डाॅ. सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पाठक, डाॅ. जगदीश चनà¥à¤¦à¥à¤° आरà¥à¤¯, डाॅ. विनीता चैहान, डाॅ. दीपा अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², डाॅ. मधà¥, डाॅ. ऋचा चैहान, डाॅ. धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤°, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रिंकल गोयल, डाॅ. शिवकà¥à¤®à¤¾à¤° चैहान, डाॅ. मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सोही, डाॅ. पदमावती तनेजा, डाॅ. पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤², पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿, डाॅ. निविनà¥à¤§à¥ ाया शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. सरोज शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. लता शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. आशा शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. मोना शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. रेनू सिंह, दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚श शरà¥à¤®à¤¾, वैà¤à¤µ बतà¥à¤°à¤¾, डाॅ. सà¥à¤—नà¥à¤§à¤¾ वरà¥à¤®à¤¾, कविता छाबड़ा, आसà¥à¤¥à¤¾ आननà¥à¤¦, मोहनचनà¥à¤¦à¥à¤° पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯, सोनू बोहरा ¬आदि साहित काॅलेज के अनेक शिकà¥à¤·à¤• उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन डाॅ. पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ जोशी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। अंत में आयोजक सचिव डाॅ. विजय शरà¥à¤®à¤¾ तथा डाॅ. पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ जोशी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¤à¥€ का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया गया।