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जल हमारे जीवन का आधार स्तम्भ है


अगर हमें अपना और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुनहरा बनाना है तो जल संरक्षण अपनाना पड़ेगा और लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ानी पड़ेगी, क्योंकि ‘जल है तो कल है।’ उक्त विचार निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड डाॅ. संदीप शर्मा ने आज एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं शोध केन्द्र, देहरादून तथा एस.एम.जे.एन. काॅलेज के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 24 मार्च, 2022 । जल हमारे जीवन का आधार स्तम्भ है। अगर हमें अपना और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुनहरा बनाना है तो जल संरक्षण अपनाना पड़ेगा और लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ानी पड़ेगी, क्योंकि ‘जल है तो कल है।’ उक्त विचार निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड डाॅ. संदीप शर्मा ने आज एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं शोध केन्द्र, देहरादून तथा एस.एम.जे.एन. काॅलेज के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। डाॅ. शर्मा ने महानगरों में फैले प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि देहरादून में रिस्पना नदी को पुनः जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में अन्य सूखती नदियांे के संरक्षण की भी आवश्यकता है। डाॅ. शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक जल स्त्रोतों के में आयी कमी गहन चिन्ता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य की पीढ़ी को शुद्ध जल मिल सके। वरिष्ठ पत्रकार संदीप रावत ने घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए, जल संरक्षण पर अपनी राय रखी। समाजसेवी रवीश भटीजा ने बताया कि उनके द्वारा जल संरक्षण हेतु ‘मिशन सेव वाटर’ चलाया जा रहा है जिसमें वह शहर के खुले व खराब नलों को ठीक करने की मुहिम चलाकर, लोगों से जल संचय की अपील करते हैं। काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों विशेष रुप से डाॅ. संदीप शर्मा, निदेशक, उच्च शिक्षा का स्वागत करते हुए कहा कि पानी की हर एक बूंद में हमारा अस्तित्व है। पृथ्वी के सभी छोटे, बड़े जीवों और पेड़ पौधों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है। डाॅ. बत्रा ने कहा कि जल की कमी का सीधा असर कुदरत के सन्तुलन पर पड़ता है, बिगड़ा हुआ कुदरत का सन्तुलन पृथ्वी के प्रत्येक जीव को संकट की ओर ले जाता है। डाॅ. बत्रा ने आह्वान किया कि हमें हमारी दैनिक गतिविधियांे के लिए कम से कम पानी का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि हमारे द्वारा किया गया एक छोटा सा प्रयास भी बड़ा परिणाम दे सकता है। वृक्षों का सीधा नाता पानी से है क्यांेकि वृक्षों के कारण ही वर्षा होती है। इसलिए हो सके तो ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। इस अवसर पर डाॅ. संदीप शर्मा, निदेशक उच्च शिक्षा व प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. जे.सी. आर्य व डाॅ. दीपा अग्रवाल केा एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। समाज सेवी रवीश भटीजा को उनके मिशन सेव वाटर के लिए विशेष पुरस्कार, मेहताब आलम को भी सम्मानित किया गया। छात्र-छात्राओं को उनके द्वारा बनाये गये प्रोजेक्ट हेतु पुस्कृत किया गया जिसमें विशाल व गौरव ने प्रथम, आयुष ने द्वितीय व उपासना, आईना व ज्योति ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। अर्शिका, मयंक, अर्चना, माधुरी, कलावती, अंजली व हर्षित ने सात्वंना पुरस्कार प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. विनीता चैहान, डाॅ. मधु, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. शिवकुमार चैहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. पदमावती तनेजा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, प्रियंका प्रजापति, डाॅ. निविन्धया शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, पूजा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. रेनू सिंह, वैभव बत्रा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, कविता छाबड़ा, आस्था आनन्द, मोहनचन्द्र पाण्डेय, आदि साहित काॅलेज के अनेक शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी व डाॅ. प्रज्ञा जोशी द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। अंत में आयोजक सचिव डाॅ. विजय शर्मा तथा डाॅ. प्रज्ञा जोशी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

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