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हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में उत्तराखंड की नव निर्वाचित सरकार के लिए आने वाली चुनौतियां एवं संभावनाओं विषय पर परिचर्चा


हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में उत्तराखंड की नव निर्वाचित सरकार के लिए आने वाली चुनौतियां एवं संभावनाओं विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

श्रीनगर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में उत्तराखंड की नव निर्वाचित सरकार के लिए आने वाली चुनौतियां एवं संभावनाओं विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। चर्चा में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० एमएम सेमवाल ने कहा की उत्तराखंड की नवनिर्वाचित सरकार के सामने बहुत सी चुनौतियां हैं लेकिन यह राज्य संभावनाओं से परिपूर्ण है इसलिए चुनौतियां ही संभावनाएं बन सकती हैं। सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पलायन पर गहन संवेदनशील होकर नीतियां बनाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए कठिन भौगोलिक परिस्थिति के कारण टेलीमेडिसिन की तरफ सरकार ध्यान दे सकती है। उत्तराखंड जैव विविधता का एक बड़ा केंद्र है जिसको युवाओं के स्वरोजगार के रूप में सरकार उपयोग कर सकती है। डॉ नरेश कुमार ने उत्तराखंड में नई सरकार के सम्मुख राजनीतिक अस्थिरता को सबसे बड़ी चुनौती बताया। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार और राजनीतिक दलों दोनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण उत्तराखंड में नीतियों के क्रियान्वयन में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उत्तराखंड असीमित संभावना वाला राज्य है इस राज्य की स्थानीयता ही रोजगार और कई समस्याओं का समाधान कर सकती है जिसके लिए सरकार काम कर सकती हैं। स्नातकोत्तर के छात्र दीपक ने कहा की उत्तराखंड में नदियों का एक विशाल तंत्र है जबकि यहां के कई गांव पानी की कमी से जूझ रहे हैं। यह उत्तराखंड सरकार के सम्मुख एक बड़ी चुनौती है जिसे सरकार नीति बना कर बहुत आसानी से सरकार सुलझा सकती है। स्नातकोत्तर की छात्रा अल्का ने कहा की उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और स्कूलों की बदहाल स्थिति है। जिसे सरकार को तत्काल सुधार करने की आवश्यकता है, इसी से पलायन को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। छात्रा कंचन ने कहा कि उत्तराखंड की समस्या पहाड़ी खेती को बचाना है जिसमें बंदर- भालू का कब्जा हो गया है।इस पर सरकार को कार्यवाही करने की आवश्यकता है। स्नातकोत्तर की छात्रा शीला, छात्र अमित व आशुतोष ने उत्तराखंड में महिलाओं की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि महिलाएं पर्वतीय क्षेत्रों की रीढ हैं। उनके लिए अलग से नीतियों को बनाने की आवश्यकता है, ताकि उनका बोझ कम हो सके। कार्यक्रम का संचालन स्नातकोत्तर के छात्र सौरभ ने किया। और कार्यक्रम में डॉक्टर सुभाष लाल, शोध छात्र तथा स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं मौजूद थे

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