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10 से 12 जनवरी में गुरुकुल विश्वविद्यालय में साहित्य से जुड़ी हस्तियों का कुंभ भरेगा


इस तीन दिवसीय साहित्य कुंभ में जुटे कलाकार साहित्यकार फिल्मकार सभी समाज की विभिन्न समस्याओं पर मंथन करेंगे और महिला सशक्तिकरण का मुद्दा भी इस साहित्य कुंभ का प्रमुख हिस्सा रहेगा।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

हरिद्वार 6 जनवरी।10 से 12 जनवरी में गुरुकुल विश्वविद्यालय में साहित्य से जुड़ी हस्तियों का कुंभ भरेगा । इस तीन दिवसीय साहित्य कुंभ में जुटे कलाकार साहित्यकार फिल्मकार सभी समाज की विभिन्न समस्याओं पर मंथन करेंगे और महिला सशक्तिकरण का मुद्दा भी इस साहित्य कुंभ का प्रमुख हिस्सा रहेगा। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और आज तक न्यूज़ चैनल के तेज चैनल के प्रभारी जाने-माने पत्रकार कथाकार संजय सिन्हा इस साहित्यिक महोत्सव के प्रमुख आकर्षण होंगे ।दूसरे हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के नाम से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश की कई जानी-मानी हस्तियां हिस्सा लेंगी और स्थानीय साहित्य और अन्य क्षेत्रों की विभूतियों को भी इस महोत्सव में हिस्सा लेने का अवसर दिया जाएगा और उन्हें मंच प्रदान किया जाएगा। हिंदी , अंग्रेजी, संस्कृत के अलावा भारत की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के कवियों ,साहित्यकारों ,कथा कारों को भी इस महोत्सव में बुलाया गया है। इस साहित्य महोत्सव का आयोजन सामाजिक साहित्यिक संस्था अंतः प्रवाह और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। महोत्सव के संबंध में गुरुकुल विवि के सीनेट हाॅल में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक प्रो. श्रवण कुमार और अंतः प्रवाह संस्था के प्रमुख संजय हांडा ने संयुक्त रूप से बताया कि 10 जनवरी को महोत्सव का आगाज होगा। महोत्सव का शुभारम्भ जाने माने गीतकार समीर, पर्यावरणविद क्लाउड एलवारिस व नेपाल के बसंत चौधरी करेंगे। महोत्सव में कुल 13 सत्र होंगे। जिनमें से प्रथम दिन 3 सत्र आयोजित किए जाएंगे। नेपाल से आने वाले बसंत चौधरी साहित्य पर चर्चा करेंगे, जबकि क्लाउड एलवारिस पर्यावरण पर और गीतकार समीर फिल्म जगत में साहित्य का योगदान और फिल्म से समाज को मिलने वाले ज्ञान के संबंध में चर्चा करेंगे। इस साहित्यिक महोत्सव का मूल उद्देश्य यह है कि जो लोग साहित्य से विमुख हो गए है, उनके अन्दर साहित्य की चेतना जगाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, समाज का प्रतिबिम्ब है, समाज का मार्गदर्शक है और समाज का लेखा-जोखा है। किसी भी राष्ट्र या सभ्यता की जानकारी उसके साहित्य से प्राप्त होती है। साहित्य लोकजीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल समाज और शिक्षण संस्थानों को साहित्य से जोड़ने का एक सेतु बनेगा। साहित्य का समाज से वही संबंध है, जो संबंध आत्मा का शरीर से होता है। साहित्य समाज रूपी शरीर की आत्मा है। साहित्य अजर-अमर है। उन्होंने बताया कि गीता के मर्मज्ञ विद्वान स्वामी ज्ञानानंद का गीता पर एक विशेष सत्र रखा गया है, जिसको अंग्रेजी लेखिका चिंतक विचारक डॉ राधिका नागरथ संचालित करेंगी। प्रो. श्रवण कुमार ने बताया कि तीन दिनों में दो सत्र महिलाओं के लिए होंगे। जिसमें प्रीता एम ठाकुर चर्चा करेंगी। इसके साथ ही स्थानीय रचनाकारों की भी इस सत्र में भागीदारी सुनिश्चित की गई है। बताया कि अन्य दो सत्रों में देश की गंगा-जमुनी तहजीब, संस्कृत कविता और ऊर्दु शायरी पर मंथन किया जाएगा। साहित्य के साथ अशोक, पूजा पंवार, शशी, गुरुदीप धीमान की पेंटिंग व फोटाग्राफी की प्रदर्शनी भी इस दौरान लोगों को देखने को मिलेगी। बताया कि साहित्य के साथ गजल का भी इस महोत्सव में समावेश किया गया है। बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी पहलुओं को समाहित करने का प्रयास किया गया है। प्रोफेसर कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य साहित्य पर चर्चा के साथ यह भी है कि शिक्षण संस्थान केवल शिक्षा देने तक ही सीमित न हों। बड़े शिक्षण संस्थानों को छोटे संस्थानों से जोड़ना और छोटों को समाज से जोड़कर एक व्यापक स्तर पर कार्य करना भी है। बताया कि इस कार्यक्रम में 9 राज्यों के अतिथियों के साथ नेपाल व भूटान के विद्वान भी शिरकत कर रहे हैं। जिनमें डॉ विष्णु दत्त राकेश ,कपिल कपूर, डॉक्टर निरंजन मिश्रा, मोना वर्मा, अर्पणा शर्मा, अंघा जोगलेकर, दिलदार देहलवी, शैलेष तिवारी, रूबी गुप्ता श्वेता दिप्ती व एसके शर्मा समेत अनेक विद्वान शमिल होंगे। प्रेसवार्ता में डा. वीके सिंह, एलपी पुरोहित, संजय हांडा, डॉ राधिका नागरथ आदि मौजूद थे।

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