हिंदू नववरà¥à¤· चैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होता है। परमारà¥à¤¥ निकेतन में नव वरà¥à¤· की परà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर दीपदान कर विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। नव वरà¥à¤· का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤¯à¥‡ परमारà¥à¤¥ परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में माठगंगा के पावन तट पर दीपदान किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 1 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ हिंदू नववरà¥à¤· चैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होता है। परमारà¥à¤¥ निकेतन में नव वरà¥à¤· की परà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर दीपदान कर विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। नव वरà¥à¤· का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤¯à¥‡ परमारà¥à¤¥ परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में माठगंगा के पावन तट पर दीपदान किया। हिंदू पंचांग, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· और धारà¥à¤®à¤¿à¤• आधार पर चैतà¥à¤° माह की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि का विशेष महतà¥à¤µ है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ ने चैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ को समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ और समसà¥à¤¤ लोकों का सृजन किया था और इसी पावन तिथि को à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का मतà¥à¤¸à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¤à¤¾à¤° à¤à¥€ हà¥à¤† था। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि चैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ नई आशा, आनंद और खà¥à¤¶à¥€ का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° है। यह परà¥à¤µ देश की समगà¥à¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और समृदà¥à¤§ विरासत का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। हिंदू शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नव संवतà¥à¤¸à¤° चैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होता है और इसी दिन सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤†à¥¤ इस पवितà¥à¤° दिन से हम सà¤à¥€ मिलकर सदà¥à¤à¤¾à¤µ, समरसता, समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और समानता की सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ करें ताकि समाज का तानाबाना वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ बना रहे। हम सà¤à¥€ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ अपने मूल से; मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से; अपनी जड़ों से; अपने धरà¥à¤® की जड़ों से तथा सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विचारों से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ रहे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि विचार ही सबसे बड़ी वैकà¥à¤¸à¥€à¤¨ है। विकà¥à¤°à¤® संवत नववरà¥à¤· की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ को चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ करता है जिसे वैदिक हिंदू, कैलेंडर के रूप में à¤à¥€ जाना जाता है। विकà¥à¤°à¤® संवत उस दिन से संबंधित है जब समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ ने शकों को हराया और à¤à¤• नठयà¥à¤— का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया। तब खगोलविदों ने चंदà¥à¤°-सौर पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ के आधार पर à¤à¤• नया कैलेंडर बनाया जिसमें चैतà¥à¤° माह हिंदू कैलेंडर का पहला माह है और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि चैतà¥à¤° माह के ‘वरà¥à¤¦à¤¿à¥à¤§à¤¤ चरण’ का पहला दिन है। जिसमें चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ का दृशà¥à¤¯ हर रात बड़ा होता जाता है इसलिये इसे उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ और समृदà¥à¤§à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• माना गया है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ की तिथि ऋतॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। इस समय चारों ओर पूरे वातावरण में à¤à¥€à¤¨à¥€-à¤à¥€à¤¨à¥€ सà¥à¤—ंध फैली होती है, नयी फसलें à¤à¥€ पककर तैयार हो जाती हैं जिसके à¤à¤¾à¤°à¤¤ जैसे कृषि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ देश में नवजीवन का संचार होता है इसलिये हिंदू सौर नववरà¥à¤· को समृदà¥à¤§à¤¿ और समरसता का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• à¤à¥€ कहा जाता है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में कहा गया है कि इस समय नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° शà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में होते हैं इसलिये किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ करने का यह शà¥à¤ अवसर होता है।