विगत कई दशकों से परम पूजà¥à¤¯ मोरारी बापू जी अपने मà¥à¤–ारविनà¥à¤¦ से पà¥à¤°à¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा वाचन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤°à¤¸ का पान करा रहे हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव के संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दिवस के पावन अवसर पर दिनांक 02 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² से 10 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² तक आगामी 9 दिन यह शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा रूपी अमृत गंगा पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण से बहेगी। कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ मà¥à¤°à¤¾à¤°à¥€ बापू ने ‘मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€™ बताया। कथा के पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव महाराज व आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ ने वà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤ªà¥€à¤ को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते हà¥à¤ पूजà¥à¤¯ मोरारी बापू से कथा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरने का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 02, अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ विगत कई दशकों से परम पूजà¥à¤¯ मोरारी बापू जी अपने मà¥à¤–ारविनà¥à¤¦ से पà¥à¤°à¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा वाचन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤°à¤¸ का पान करा रहे हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव के संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दिवस के पावन अवसर पर दिनांक 02 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² से 10 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² तक आगामी 9 दिन यह शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा रूपी अमृत गंगा पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण से बहेगी। कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ मà¥à¤°à¤¾à¤°à¥€ बापू ने ‘मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€™ बताया। कथा के पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव महाराज व आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ ने वà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤ªà¥€à¤ को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते हà¥à¤ पूजà¥à¤¯ मोरारी बापू से कथा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरने का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मोरारी बापू ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव सदैव Personally Reasonless Vission के साथ आगे बà¥à¥‡ हैं। इनका सपना है कि मेरा देश à¤à¤¸à¤¾ हो, देश में à¤à¤¸à¥‡ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² बनें, à¤à¤¸à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¯à¤¨ हो, à¤à¤¸à¥‡ चिकितà¥à¤¸à¤¾ केनà¥à¤¦à¥à¤° हों आदि। à¤à¤¸à¥‡ बाबा को मेरा पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤®à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम à¤à¤—वान पतंजलि की छाया में हैं, यहाठआकर दिवà¥à¤¯ अनà¥à¤à¥‚ति हो रही है। à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर ईशà¥à¤µà¤° की सनà¥à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ में कथा का वाचन करना मेरा सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है। यहाठआकर लगता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® है। पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन पूजà¥à¤¯ बापू ने बालकाणà¥à¤¡ पर चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ à¤à¤—वानॠराम, लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£, à¤à¤°à¤¤, शतà¥à¤°à¥à¤˜à¤¨ के चरितà¥à¤° पर विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ की। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि बापू जी मातà¥à¤° à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं अपितॠऋषि परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿, सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के गौरव व ऋषि चेतना के मूरà¥à¤¤ रूप हैं। à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ही बहà¥à¤¤ बड़ा आशीष है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि विटामिनà¥à¤¸, पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, आयरन आदि की डेफिशिà¤à¤‚सी आजकल आम बात हो गई है। इनकी पूरà¥à¤¤à¤¿ तो चिकितà¥à¤¸à¤¾ जगत किसी न किसी रूप में कर ही रहा है किनà¥à¤¤à¥ इमोशनल और मेंटल डेफिशिà¤à¤‚सी का उचपार चिकितà¥à¤¸à¤¾ जगत के पास नहीं है। इमोशनल और मेंटल डेफिशिà¤à¤‚सी का उपचार केवल मातà¥à¤° अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® में है और पूजà¥à¤¯ बापू कथा वाचन से इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ विकृतियों का उपचार कर रहे हैं। à¤à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤® होकर बापू को सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ और अपनी अपूरà¥à¤£à¤¤à¤¾à¤à¤ व दà¥à¤°à¥à¤¬à¤²à¤¤à¤¾à¤à¤ दूर करें।