यà¥à¤µà¤¾à¤“ के साथ à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे दो नà¥à¤•à¥à¤•à¤¡à¤¼ नाटक तैयार किये गये । कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤• और लेखक निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• रंगकरà¥à¤®à¥€ लेखक व जनकवि डा अतà¥à¤² शरà¥à¤®à¤¾ ने बताया कि दो नाटको मे " चिपको आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ " और " उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ " रहे ।कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे रंगमंचीय चेतना को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤µ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिये आवशयक बताया गया ।रंग वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® कराये गये ।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
देहरादून मे यà¥à¤µà¤¾à¤“ के साथ à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे दो नà¥à¤•à¥à¤•à¤¡à¤¼ नाटक तैयार किये गये । कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤• और लेखक निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• रंगकरà¥à¤®à¥€ लेखक व जनकवि डा अतà¥à¤² शरà¥à¤®à¤¾ ने बताया कि दो नाटको मे " चिपको आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ " और " उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ " रहे ।कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे रंगमंचीय चेतना को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤µ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिये आवशयक बताया गया ।रंग वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® कराये गये । इसमे आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¤à¤¾ देहà¤à¤¾à¤·à¤¾ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ के लिये विशेष वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® कराये गये । यà¥à¤µà¤¾ छातà¥à¤°à¤¾à¤“ व छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने दस दिन की इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रंग करà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹ की तरह कारà¥à¤¯ किया । इनमे से किसी ने à¤à¥€ पहले कà¤à¥€ नाटक नही किया था । पहले दिन की à¤à¤¿à¤à¤• को दूर करके सफलता पायी । उनà¥à¤¹à¥‡ चिपको आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ की मà¥à¤–à¥à¤¯ चेतना और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की घटनाओ और जनगीतो के बारे मे बताया गया । दोनो ही नाटक हिनà¥à¤¦à¥€ और गढवाली मे मंचित किये गये और सराहे गये । 23मारà¥à¤š से 3 अपà¥à¤°à¥‡à¤² तक यह चली कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ । अब इसके मंचन गढवाल और कà¥à¤®à¤¾à¤Š के कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹ पर होगे ।