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एम्स ऋषिकेश के प्लास्टिक चिकित्सा विभाग में मिशन स्माईल अभियान के तहत कटे होंठ व तालू के निशुल्क आपरेशन


एम्स ऋषिकेश के प्लास्टिक चिकित्सा विभाग में मिशन स्माईल अभियान के तहत बच्चों व वयस्कजनों के जन्मजात कटे होंठ व तालू के निशुल्क आपरेशन किए जाएंगे। एम्स अस्पताल में बुधवार से शुरू होने वाले इस चार दिवसीय शिविर के तहत पंजीकृत 60 बच्चों व युवाओं की सर्जरी की जाएगी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के प्लास्टिक चिकित्सा विभाग में मिशन स्माईल अभियान के तहत बच्चों व वयस्कजनों के जन्मजात कटे होंठ व तालू के निशुल्क आपरेशन किए जाएंगे। एम्स अस्पताल में बुधवार से शुरू होने वाले इस चार दिवसीय शिविर के तहत पंजीकृत 60 बच्चों व युवाओं की सर्जरी की जाएगी। गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश वर्ष 2016 से मिशन स्माईल अभियान चला रहा है। जिसके तहत जन्म से कटे होंठों व मुहं के अंदर कटे तालू से ग्रसित मरीजों का निशुल्क आपरेशन किया जाता है। विभाग द्वारा बी.एच. ई.एल, हरिद्वार के सहयोग से जन्मजात कटे होंठ व मुहं के अंदर कटे तालू से ग्रसित बच्चों व वयस्कजनों का निशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा। संस्थान के प्लास्टिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डा.विशाल मागो व चिकित्सक डा.देवरति चटोपाध्याय ने बताया कि एम्स संस्थान में 2016 से अब तक 320 मरीजों की सफल सर्जरी की जा चुकी है, यह सभी मरीज बेहतर तरीके से अपनी निजी जिन्दगी जी रहे हैं। बताया गया कि मिशन स्माईल एक 80G- और FCRA- पंजीकृत मेडिकल चैरिटेबल ट्रस्ट है, जो कि कटे होंठ, कटे तालू और चेहरे की अन्य विकृतियों के साथ पैदा हुए बच्चों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए निशुल्क सर्जरी की सेवा प्रदान करता है। संस्था इस मुहिम को लेकर समर्पित होकर कार्य कर रही है। संस्था 2002 से मिशन स्माईल के तहत अब तक 61,000 से अधिक कटे होंठ व कटे तालू ग्रस्त रोगियों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान कर चुकी है। इस संस्था से एम्स ऋषिकेश वर्ष 2016 से जुड़कर इस तरह के ग्रसित मरीजों की सेवा में जुटा हुआ है। मिशन स्माईल ने इस मिशन के अंतर्गत भारत में अब तक 110 से अधिक चिकित्सा मिशन संचालित किए हैं। एम्स ऋषिकेश में 6 अप्रैल (बुधवार) से 9 अप्रैल-2022 तक भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की सीएसआर पहल के तहत मिशन स्माईल के तहत पंजीकृत 60 बच्चों, युवाओं व अन्य लोगों के कटे होंठ, कटे तालू की मुफ्त सर्जरी की जाएगी। इनमें उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश आदि प्रांतों के मरीज शामिल हैं। इस चिकित्सा मिशन में प्लास्टिक चिकित्सा विभाग, एनेस्थिसियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, डेंटिस्ट्री, स्पीच थैरपी और नर्सिंग स्टाफ मिलकर एम्स ऋषिकेश में एक टीम की तरह कार्य करेगी।

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