पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में कथा, उमंग, à¤à¤œà¤¨-कीरà¥à¤¤à¤¨ के साथ ‘मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€™ कथा का पाà¤à¤šà¤µà¤¾ दिन संपनà¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मोरारी बापू से कथा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤ˆ जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रामनाम संकीरà¥à¤¤à¤¨ को सबसे बड़ी औषधि बताया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 06 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में कथा, उमंग, à¤à¤œà¤¨-कीरà¥à¤¤à¤¨ के साथ ‘मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€™ कथा का पाà¤à¤šà¤µà¤¾ दिन संपनà¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मोरारी बापू से कथा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤ˆ जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रामनाम संकीरà¥à¤¤à¤¨ को सबसे बड़ी औषधि बताया। वà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤ªà¥€à¤ से बापू ने कहा कि गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ऋषि विशà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤° कहते हैं कि राम हमारे सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž हैं, हमारे पूरà¥à¤µà¤œ हैं। हमें उनसे आचरण व मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ का पाठसीखना चाहिà¤à¥¤ हमें नापना नहीं पाना सीखना चाहिà¤à¥¤ जीवन के गहरे ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को पूजà¥à¤¯ बापू ने विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से समà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महरà¥à¤·à¤¿ पतंजलि, आदि शंकराचारà¥à¤¯, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद के जीवन पà¥à¤°à¤¸à¤‚गों की चरà¥à¤šà¤¾ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि साधॠका जीवन जल के समान निरà¥à¤®à¤² होता है। साधॠकà¤à¥€ निंदा नहीं करता, निदान ही करता है। सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ के आशà¥à¤°à¤¯ में जीवन की विविध समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान अनायास ही हो जाता है। जà¥à¤žà¤¾à¤¨, à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯, पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥, तेज, बल, रस आदि गà¥à¤£à¥‹à¤‚ की अà¤à¤¿à¤µà¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¿ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में गà¥à¤°à¥ के आशà¥à¤°à¤¯ में ही संà¤à¤µ है। शिषà¥à¤¯ का संकलà¥à¤ª इसमें अहम à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ है। संकलà¥à¤ª यदि शिवसंकलà¥à¤ª हो जाठतो उसे पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता। सतà¥à¤¯à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ व अहंकारमà¥à¤•à¥à¤¤ जीवन को पूजà¥à¤¯ बापू ने शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ जीवन बताया। जीव व शिव का à¤à¥‡à¤¦ बताते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जीव अनेक हैं, शिव à¤à¤• हैं। जीव माया के वश में है और माया शिव के वश में। जीव अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž है, ईशà¥à¤µà¤° सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥€ होनी चाहिठजो हमें सिखाठकि हमारा मूल कà¥à¤¯à¤¾ है? समय हमारी पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ कर रहा है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि हर दिन हम नये उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से, नये आननà¥à¤¦ से नव à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से बापू दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ जा रही राम कथा में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते जा रहे हैं। बापू जी की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ मातà¥à¤° से ही हम बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीखते हैं। पूजà¥à¤¯ महाराज जी ने कहा कि कोई राम जी को अवतारी पà¥à¤°à¥à¤· माने या अपना पूरà¥à¤µà¤œ या कोई महापà¥à¤°à¥‚ष, राम तो राम हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की 100 करोड़ की आबादी में किसी ने किसी रूप में राम समाहित हैं। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ कहते हैं कि सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ से पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ का जनà¥à¤® होता है। यहाठराम में हमारी पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ बढे़, और उपासना से हम à¤à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤® हो जाà¤à¤ तो इस कथा का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सफल हो जाà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि राम योग का सरà¥à¤µà¤¾à¥‡à¤ªà¤°à¤¿ सतà¥à¤¯ है, सनातन सतà¥à¤¯ है, यम-नियम-आसन राम है, धारणा राम है, राम à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—, करà¥à¤®à¤¯à¥‹à¤—, अषà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚ग योग, कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग, हठयोग, कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ योग हैं। सारे योग राम में ही समाहित हैं। यह संसार उस परम चेतना की ही अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है- सियाराम मय सब जग जानी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शूनà¥à¤¯ से सृजन की यातà¥à¤°à¤¾ पतंजलि गीत के माधà¥à¤¯à¤® से कहा कि हमने शूनà¥à¤¯ से सृजन à¤à¥€ देखा है। à¤à¤—वान को à¤à¤• अटूट सतà¥à¤¯ बताते हà¥à¤ कहा कि सारा असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ ही इसका पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है। यहाठइस पृथà¥à¤µà¥€ पर जो à¤à¥€ होता है वह à¤à¥€ à¤à¤—वानॠकी इचà¥à¤›à¤¾ अनà¥à¤°à¥‚प ही होता है।