पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में मोरारी बापू की ‘मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€™ कथा के छठवें दिन मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी का आगमन हà¥à¤†à¥¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर पहà¥à¤à¤šà¤•à¤° मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ महोदय ने बापू तथा पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज से आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर कथाशà¥à¤°à¤µà¤£ किया। धामी ने कहा कि पूजà¥à¤¯ बापू की कथा सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ अदà¥à¤à¥à¤¤ अनà¥à¤à¤µ है। आपकी कथा में सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों का समावेश रहता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ साधकों को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि पूजà¥à¤¯ बापू की कथा सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ से आपको बहà¥à¤¤ कà¥à¤› मिलेगा तथा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होगा।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 07 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में मोरारी बापू की ‘मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€™ कथा के छठवें दिन मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी का आगमन हà¥à¤†à¥¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर पहà¥à¤à¤šà¤•à¤° मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ महोदय ने बापू तथा पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज से आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर कथाशà¥à¤°à¤µà¤£ किया। धामी ने कहा कि पूजà¥à¤¯ बापू की कथा सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ अदà¥à¤à¥à¤¤ अनà¥à¤à¤µ है। आपकी कथा में सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों का समावेश रहता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ साधकों को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि पूजà¥à¤¯ बापू की कथा सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ से आपको बहà¥à¤¤ कà¥à¤› मिलेगा तथा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होगा। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव महाराज ने कहा कि यह जीवन की पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ की यातà¥à¤° है और पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ जिन आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ से मिलती है- वह बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾, योगविदà¥à¤¯à¤¾, वेदविदà¥à¤¯à¤¾, अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ हम मानस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² का आशà¥à¤°à¤¯ लेकर बापू के पावन सनà¥à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ में उनके आशीषों व अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ तले हम पा रहे हैं। जीवन की पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾, दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾, अननà¥à¤¤à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठगà¥à¤°à¥à¤•à¥ƒà¤ªà¤¾ के अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ तले होता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि कà¥à¤› लोगों में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¥‡à¤¦ पैदा कर दिया। धरà¥à¤® के ठेकेदार बन बैठे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज धरà¥à¤®, अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®, वेद, उपनिषद को लेकर à¤à¥à¤°à¤® पैदा करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जा रहा है। सà¥à¤µà¤°à¥à¤— और नरà¥à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठतागे-ताबिज को साधन बताया जा रहा है, जबकि सà¥à¤µà¤°à¥à¤— पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ या मोकà¥à¤· का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° साधान हमारे वेद हैं। हमारे शासà¥à¤¤à¥à¤° कहते हैं कि तà¥à¤® आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° हो। आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° बनकर तà¥à¤® पूरà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥, पूरà¥à¤£ विवेकी, पूरà¥à¤£ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤µà¤¾à¤¨, पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤µà¤¾à¤¨, पूरà¥à¤£ बलवान होकर रह सकते हो। देवतà¥à¤µ और ऋषितà¥à¤µ को पा सकते हो, यह वेद का उदà¥à¤˜à¥‹à¤· है।