परमारà¥à¤¥ निकेतन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ घाट, बाजार में निशà¥à¤²à¥à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤¾ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। नवरातà¥à¤°à¤¿ के पावन अवसर पर शकà¥à¤¤à¤¿ का पूजन तो करें पर शकà¥à¤¤à¤¿ की सेवा à¤à¥€ करें इस à¤à¤¾à¤µ से मायाकà¥à¤‚ड सà¥à¤²à¤® में शिकà¥à¤·à¤¾ और विकास हेतॠपरमारà¥à¤¥ निकेतन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ घाट बाजार में आज महिलाओं के लिये पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ केनà¥à¤¦à¥à¤° और छोटे ननà¥à¤¹à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ संसà¥à¤•à¤¾à¤° देने वाले शकà¥à¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤¾ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल का आज शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 9 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ घाट, बाजार में निशà¥à¤²à¥à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤¾ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। नवरातà¥à¤°à¤¿ के पावन अवसर पर शकà¥à¤¤à¤¿ का पूजन तो करें पर शकà¥à¤¤à¤¿ की सेवा à¤à¥€ करें इस à¤à¤¾à¤µ से मायाकà¥à¤‚ड सà¥à¤²à¤® में शिकà¥à¤·à¤¾ और विकास हेतॠपरमारà¥à¤¥ निकेतन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ घाट बाजार में आज महिलाओं के लिये पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ केनà¥à¤¦à¥à¤° और छोटे ननà¥à¤¹à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ संसà¥à¤•à¤¾à¤° देने वाले शकà¥à¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤¾ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल का आज शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और डिवाइन शकà¥à¤¤à¤¿ फाउंडेशन की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डा साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में आज अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ तिथि के दिवà¥à¤¯ अवसर पर महागौरी पूजन और हवन में विशेष आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर तिलक लगाकर कनà¥à¤¯à¤¾ पूजन किया ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर ‘शकà¥à¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤¾ मनà¥à¤¦à¤¿à¤°â€™ पà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‡ शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करेंगे तो देश आगे बà¥à¥‡à¤—ा। ’शकà¥à¤¤à¤¿ है तो सृषà¥à¤Ÿà¤¿ है और समृदà¥à¤§à¤¿ है। बिना नारी के घर केवल मकान होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि नारी ही उसे घर बनाती है। हम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को बदलने की बात करते हंै, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को बदलने के लिये बेटियों को शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जीवन देना, महिलाओं में कौशल विकसित करना तथा महिलाओं को रोेजगार से जोड़ना बहà¥à¤¤ ही जरूरी है। बचà¥à¤šà¥‡ शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ हांेगे तो न केवल परिवार समृदà¥à¤§ होगा बलà¥à¤•à¤¿ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¥€ उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के शिखर को छà¥à¤à¤—ा। हम इकà¥à¤•à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ सदी में जी रहे, लिंग आधारित हिंसा और लिंग असमानता को समापà¥à¤¤ करने के लिये वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय के सà¤à¥à¤¯ और सà¥à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤ समाज की सोच को बदलने की जरूरत है; बेटा तथा बेटी के बीच के अनà¥à¤¤à¤° को दूर करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि माठबचà¥à¤šà¥‡ की पहली शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ होती है। जब मातायें अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेगी तो वे अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ के मूलà¥à¤¯ को पूरी तरह से नहीं समठपायेगी। शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ मातायें बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ देखà¤à¤¾à¤² और पोषण बेहतर तरीके से कर सकती है इसलिये हम सà¤à¥€ को मिलकर सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, शिकà¥à¤·à¤¾ और मौलिक जरूरतों के बीच बà¥à¤¤à¥‡ अंतर को पाटने के लिये पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना होगा।