à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• महामंतà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिनारायणानंद महाराज के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने पर संत समाज ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज के संयोजन में जयराम आशà¥à¤°à¤® में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि सà¤à¤¾ का आयोजन कर संत समाज को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ करने में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिनाराणानंद के योगदान को सà¥à¤®à¤°à¤£ किया|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 11 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• महामंतà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिनारायणानंद महाराज के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने पर संत समाज ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज के संयोजन में जयराम आशà¥à¤°à¤® में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि सà¤à¤¾ का आयोजन कर संत समाज को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ करने में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिनाराणानंद के योगदान को सà¥à¤®à¤°à¤£ किया और दो दिन मिनट का मौन रखकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि सà¤à¤¾ को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• महामंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिनारायणानंद ने जीवन परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ अपनी तप साधना, सेवा व लोककलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ कारà¥à¤¯à¥‹ के माधà¥à¤¯à¤® से समाज को à¤à¤• नयी चेतना दी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज का गठन कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मत व समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में विà¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के समसà¥à¤¤ संत समाज को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ किया और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ परंपराओं के संरकà¥à¤·à¤£ के साथ सामाजिक चेतना व राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आपदाओं में अहरà¥à¤¨à¤¿à¤¶ सेवाà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की। संत समाज को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाà¤à¤—ा। संत समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ à¤à¤¸à¥‡ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी महापà¥à¤°à¥‚ष के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने से समसà¥à¤¤ संत समाज वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ है। उनके विचारों को आगे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाà¤à¤—ा। समसà¥à¤¤ संत समाज की कामना है कि गंगा मैया उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने शà¥à¤°à¥€à¤šà¤°à¤£à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दे।