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सद्भावनाओं का संचार करता है शास्त्रीय संगीतः डाॅ. चिन्मय पण्ड्या


देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रार्थना सभागार में स्पिक मैके कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आॅल इंडिया रेडियो और टेलीवीजन के ए ग्रेड के जाने माने भारतीय शास्त्रीय संगीत के गायक बनारस घराने से पधारे पंडित रितेश मिश्र और रजनीश मिश्र ने कार्यक्रम के दौरान विभिन्न रागों की प्रस्तुती दी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 11 अप्रैल। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रार्थना सभागार में स्पिक मैके कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आॅल इंडिया रेडियो और टेलीवीजन के ए ग्रेड के जाने माने भारतीय शास्त्रीय संगीत के गायक बनारस घराने से पधारे पंडित रितेश मिश्र और रजनीश मिश्र ने कार्यक्रम के दौरान विभिन्न रागों की प्रस्तुती दी। जिसमें भवसागर से पार करो प्रभु, जो राग रंग का भर-भर प्याला पिवे और पिलावे साधु बोल के गायन ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में संगीत की भावनाओं से सराबोर दिया। गौरतलब है कि स्पिक मैके यानि सोसायटी फाॅर द प्रमोशन आॅफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चरअमंग असिस्टेंट यूथ, एक गैरराजनीतिक, राष्ट्रव्यापी, स्वैच्छिक आंदोलन है। स्कूल-काॅलेजों में पढ़ रही युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए इस सांस्कृतिक मुहिम की शुरुआत वर्ष 1977 में की गई थी। इस संस्था का उद्देश्य समाज के युवाओं में भारतीय शास्ंत्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देना है। इससे पूर्व पंडित रितेश मिश्र और पंडित रजनीश मिश्र जिन्हें मिश्र बन्धु के नाम से भी जाना जाता है ने देसंविवि के प्रतिकुलपति डाॅ. चिन्मय पण्ड्या से भेंट की। प्रतिकुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के बौद्धिक एवं भावनात्मक सभी पक्षों के विकास पर ध्यान दिया जाता है। संगीत भावनात्मक विकास में अत्यंत सहायक है, यहाँ संगीत चिकित्सा पर नवीन शोध कार्य हो रहे हैं तथा कई रोगों के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। विश्वविद्यालय में संगीत एवं वादन में बी.ए एवं एम.ए के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें विद्यार्थी शास्त्रीय संगीत, प्रज्ञासंगीत एवं अन्य कई रागों को सीखकर देश के विभिन्न राज्यों में सद्भावनाओं का संचार कर रहे हैं।

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