अटारी-वाघा बॉरà¥à¤¡à¤° पर सीमा के इस पार और उस पार, दोनों तरफ गेहूं की सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥€ फसल लहलहा रही है, दोनों ही तरफ फसल काटी जा रही है। अंतर करना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² है कि कौन-सा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ गेहूं है और कौन-सा हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€à¥¤ लोहे के कंटीले तारों की बाड़ से पता चलता है कि ये हमारा है और वो उनका है। हर शाम होने वाले धà¥à¤µà¤œ-अवतरण समारोह से à¤à¥€ पता चलता है कि हमारे बीच à¤à¤• गहरी विà¤à¤¾à¤œà¤• रेखा है। इस तरफ से à¤à¥€ है और उस तरफ से à¤à¥€ है। यहां à¤à¥€ फौजी साजो-सामान सजा हà¥à¤† है और वहां à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही हाल है। अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸, नफरत और बंदूकों के साये के बीच हर रोज à¤à¤‚डे आरोहित और अवरोहित हो रहे हैं, होते हैं।
रिपोर्ट - सà¥à¤¶à¥€à¤² उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯
à¤à¤¾à¤°à¤¤ से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को अलग करती रेखा जितनी जमीन पर खिंची है, उससे कहीं गहरी दिलों में खिंची हà¥à¤ˆ है। अटारी-वाघा बॉरà¥à¤¡à¤° पर सीमा के इस पार और उस पार, दोनों तरफ गेहूं की सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥€ फसल लहलहा रही है, दोनों ही तरफ फसल काटी जा रही है। अंतर करना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² है कि कौन-सा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ गेहूं है और कौन-सा हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€à¥¤ लोहे के कंटीले तारों की बाड़ से पता चलता है कि ये हमारा है और वो उनका है। हर शाम होने वाले धà¥à¤µà¤œ-अवतरण समारोह से à¤à¥€ पता चलता है कि हमारे बीच à¤à¤• गहरी विà¤à¤¾à¤œà¤• रेखा है। इस तरफ से à¤à¥€ है और उस तरफ से à¤à¥€ है। यहां à¤à¥€ फौजी साजो-सामान सजा हà¥à¤† है और वहां à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही हाल है। अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸, नफरत और बंदूकों के साये के बीच हर रोज à¤à¤‚डे आरोहित और अवरोहित हो रहे हैं, होते हैं। अटारी-वाघा बॉरà¥à¤¡à¤° पर अपà¥à¤°à¥ˆà¤² के महीने में 40 डिगà¥à¤°à¥€ टेंपरेचर के बीच खà¥à¤²à¥‡ आसमान के नीचे हजारों लोग मौजूद हैं। पूरा माहौल जय और जिंदाबाद के नारों से लबरेज है। देश à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के गाने माहौल को और गरम बना रहे हैं। à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ अरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¿à¤•, जो किसी फिलà¥à¤®à¥€ नायक की तरह लग रहा है, परेड सà¥à¤¥à¤² पर हर तरफ घूम-घूमकर लोगों में जोश à¤à¤° रहा है। उसके दैहिक à¤à¤¾à¤µ और संकेत अपनी पूरी ताकत के साथ लोगों तक संपà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ हो रहे हैं। à¤à¥€à¥œ इस कदर है कि उसके सामने बैठने के इंतजाम छोटे पड़ने लगते हैं। अलबतà¥à¤¤à¤¾, वीआईपी शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में कà¥à¤› कà¥à¤°à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ खाली हैं। (हालांकि, वीआईपी शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ से à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ होने की जरूरत नहीं है। बस, इतना ही अंतर है कि वीआईपी लोगों के लिठपà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤•/लोहे की कà¥à¤°à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं और सामानà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में बैठने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ सीमेंटिड है।) जब तक à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ रोक नहीं दी जाती, लोगों की आवाजाही बनी रहती है। वे देश के अलग-अलग हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ से आठहैं। उनकी शकà¥à¤²-सूरत, बोली-à¤à¤¾à¤·à¤¾ और बरà¥à¤¤à¤¾à¤µ-वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° से आसानी से पता चलता है कि वे किस हिसà¥à¤¸à¥‡ से आठहैं। इन सबमें à¤à¤• ही बात कॉमन है, वे पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ नाम की पहेली को समà¤à¤¨à¤¾ चाहते हैं। गानों का शोर इतना है कि दूसरी तरफ से कà¥à¤› à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² है। ‘‘मेरा मà¥à¤²à¥à¤•, मेरी शान...’’ पर लोग à¤à¥‚म रहे हैं। संगीत तेज होता जाता है और फिर कॉरीडोर में महिलाà¤à¤‚, लड़कियां नाचने लगती हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤‚डा पूरे माहौल को नई रंगत दे रहे है। इस तरफ की à¤à¥€à¥œ बार-बार उस तरफ देख रही है, लेकिन वहां लगà¤à¤— सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¾ है। गिनती के लोग मौजूद हैं। कोई à¤à¥€à¥œ नहीं है, न कोई विदेशी मेहमान हैं और न ही अफसरों की लाइन दिख रही है। à¤à¤• गाना पूरा होकर नया गाना बजने के बीच कà¥à¤› सेकेंड के सà¥à¤ªà¥‡à¤¸ में सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देता है कि उधर ‘‘पाक जमीं मेरा मà¥à¤²à¥à¤•.....’’ बजाया जा रहा है। बीच-बीच में ढोल की आवाज à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दे रही है। तीन-चार लोग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का à¤à¤‚डा लिठहà¥à¤ इधर से उधर टहल रहे हैं। करीब घंटे à¤à¤° के नाच-गाने के बाद महिलाà¤à¤‚ थक गई हैं। पर, माहौल में थकान नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी सीटों पर जाने के लिठकहा जाता है ताकि बीà¤à¤¸à¤à¤« की परेड शà¥à¤°à¥‚ हो सके। नारे अब à¤à¥€ गूंज रहे हैं। हर कोई à¤à¤•-दूसरे से तेज आवाज में नारे लगा रहा है कि कहीं कोई ये न मान ले कि वो कम देशà¤à¤•à¥à¤¤ है। जैसे, नारा ही देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सबसे सशकà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है। अधेड़ उमà¥à¤° की à¤à¤• महिला अचानक अपनी सीट पर खड़ी होती है और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के नारे लगाने लगती है उसके साथ और à¤à¥€ कई सà¥à¤µà¤° जà¥à¥œ जाते हैं। कà¥à¤› ही देर में हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ जिंदाबाद की जगह पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ का शोर फैल जाता है। कोलà¥à¤¡ डिंªक, पॉपकोरà¥à¤¨, चॉकलेटà¥à¤¸, चिपà¥à¤¸, तिरंगी कैप और रंगीन छतरियों वाली आजादी अपने मà¥à¤²à¥à¤• की बजाय दूसरे मà¥à¤²à¥à¤• के मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾ होने की कामना से सराबोर होने लगती है। उधर à¤à¥€ यही माहौल होगा, लेकिन वहां की आवाजें बहà¥à¤¤ दबी हà¥à¤ˆ हैं। आखिर, वहां à¤à¥€à¥œ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं है! इसका जवाब बराबर में मौजूद यà¥à¤µà¤¾ सिख सà¥à¤–दीप सिंह देता है, जो कि अकà¥à¤¸à¤° इस परेड को देखने आता है-सामानà¥à¤¯ दिनों में à¤à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की तरफ उतनी à¤à¥€à¥œ कà¤à¥€ नहीं जà¥à¤Ÿà¤¤à¥€ जितनी कि हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की तरफ जà¥à¤Ÿà¤¤à¥€ है। दूसरी बात, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में राजनीतिक उठापटक चल रही है इस कारण लोगों की संखà¥à¤¯à¤¾ कम है। à¤à¤• कारण रमजान à¤à¥€ हो सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रोजे रखे हà¥à¤ हैं, वे 40 डिगà¥à¤°à¥€ टेंपरेचर में जिंदाबाद के नारे लगाने नहीं पहà¥à¤‚चेंगे। सारा मामला सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ का है। उन लोगों को सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ नहीं है तो नहीं आ रहे हैं, यहां सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ है तो लोग खूब आ रहे हैं। देश के हर हिसà¥à¤¸à¥‡ से आ रहे हैं और समवेत सà¥à¤µà¤° में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दे रहे हैं। अचà¥à¤›à¥€ बात ये कि परेड को संचालित कर रहा यà¥à¤µà¤¾ अफसर माहौल को तारà¥à¤•à¤¿à¤• बनाने की कोशिश करता है-उसके संबोधन में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और पाक रेंजरà¥à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ घृणा का कोई à¤à¤¾à¤µ नहीं है, केवल सूचनाà¤à¤‚ हैं कि इस तरफ बॉरà¥à¤¡à¤° सिकà¥à¤¯à¥‹à¤°à¤¿à¤Ÿà¥€ फोरà¥à¤¸ यानि बीà¤à¤¸à¤à¤« सीमा को संà¤à¤¾à¤²à¤¤à¥€ है और उस तरफ पाक रेंजरà¥à¤¸ के पास जिमà¥à¤®à¤¾ है। ठीक इसी तरह की सूचना उस तरफ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ होती है। काले कपड़ों में पाक रेंजरà¥à¤¸ à¤à¥€ वैसे ही मà¥à¤¸à¥à¤¤à¥ˆà¤¦ दिख रहे हैं जैसे कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जवान। हालांकि, उनकी वरà¥à¤¦à¥€ किसी à¤à¥€ लिहाज से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ नहीं है, वे किसी पंजाबी बैंड पारà¥à¤Ÿà¥€ के कारकून जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लगते हैं। à¤à¤• बड़ा अंतर और दिखता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की तरफ से परेड की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ महिला अरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की जाती है और इसके बाद पà¥à¤°à¥à¤· अरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का दल इसे आगे बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है, लेकिन पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अà¤à¥€ पीछे है। उस तरफ दूर तक कोई महिला नहीं हैं। कà¥à¤› साल पहले पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की तरफ से à¤à¥€ महिला रेंजरà¥à¤¸ को आगे लाने की कोशिश हà¥à¤ˆ थी, लेकिन यह जारी नहीं रह सकी। लोगों में उतà¥à¤¸à¥à¤•à¤¤à¤¾ है कि परेड के बाद उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की सीमा के पास जाने दिया जाà¤à¤—ा ताकि वे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नजदीक से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देख सकें, लेकिन à¤à¤¸à¤¾ नहीं हो पाता। अब कà¥à¤› साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को बदल दिया गया है। पहले सीमा के पीलरà¥à¤¸ के नजदीक जाकर लोग आपस में बात कर सकते थे, हाथ मिला सकते थे और वहां तक कि à¤à¤•-दूसरे के फोटों पर à¤à¥€ ले सकते थे। पर, अब परेड के बाद बॉरà¥à¤¡à¤° के पास जाने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं है। ये à¤à¤• बड़ा बदलाव है। अकà¥à¤¸à¤° कहा जाता है कि दोनों देशों के रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को ‘टà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤²-सी’ के जरिये बेहतर किया जा सकता है-कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ, कलà¥à¤šà¤° और कॉमरà¥à¤¸à¥¤ लेकिन, दà¥à¤–द यह है कि अब अब ये तीनों ही बकà¥à¤¸à¥‡ में बंद हैं। परेड सà¥à¤¥à¤² के शीरà¥à¤· पर बापू का फोटो लगा हà¥à¤† है। लगà¤à¤— वैसा, जैसा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नोटों पर छपा होता है। बापू पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की ओर मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ देख रहे हैं। उनके ठीक सामने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की तरफ समानांतर सà¥à¤¤à¤° पर मोहमà¥à¤®à¤¦ अली जिनà¥à¤¨à¤¾ की तसà¥à¤µà¥€à¤° मौजूद है। जिनà¥à¤¨à¤¾ की तसà¥à¤µà¥€à¤° में उनके चेहरे के तनाव को साफ देखा जा सकता है। ये à¤à¥€ कह सकते हैं कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मानस को ये तनाव हमेशा ही दिखता है और यही तनाव पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ à¤à¥€ है। तनाव खतà¥à¤® हो जाठऔर बॉरà¥à¤¡à¤° खà¥à¤² जाà¤à¤‚ तो शायद कायदे आजम के चेहरे पर à¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨ आ जाà¤à¥¤ कायदे आजम का फोटो वाला पहनावा उनकी विलायती जीवन-शैली से बिलà¥à¤•à¥à¤² मेल नहीं खाता। पर, राजनीतिक मजबूरी बहà¥à¤¤ बड़ी चीज होती है। परेड से लौटती हà¥à¤ˆ à¤à¥€à¥œ अपने पीछे अब उन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर खड़े होकर फोटो खिंचवाने की जà¥à¤—त में है, जहां उनके पीछे पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का कोई निशान दिखता हो। हर कोई पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के वजूद को उसकी मौजूदगी को नकारते हà¥à¤ à¤à¥€ उसे अपने साथ लेकर जाना चाहता है। घर का कोई हिसà¥à¤¸à¤¾ छिन जाà¤, बंट जाठया बिक जाठतो à¤à¥€ उसकी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ खतà¥à¤® नहीं होती। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मानस में यही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को लेकर है। परेड सà¥à¤¥à¤² के बाहर कई तरह के सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² लगे हैं, जहां वो सब कà¥à¤› बिक रहा है, जिससे लोग याद रखें कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ देखा है, à¤à¤²à¥‡ ही लोहे की कंटीली तार-बाड़ के इस तरफ से देखा हो। बॉरà¥à¤¡à¤° से अमृतसर लौटते हà¥à¤ पीछे मà¥à¥œà¤•à¤° देखते हैं तो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का à¤à¤‚डा दिखने लगता है। उसी की सीधी रेखा में à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤‚डा दिखता है। तिरंगे का आकार और हवा में उसका विसà¥à¤¤à¤¾à¤° à¤à¤• अलग तरह की आशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿ देता है। और इस आशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿ के लिठजरूरी नहीं है कि हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ जिंदाबाद के साथ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ à¤à¥€ कहा जाà¤à¥¤