Latest News

युद्ध के बाद भारत अपने हथियार खरीदेगा कहां से


भारत रूस पर अपनी तत्काल निर्भरता को कम करने के लिए स्पेयर पार्ट्स के लिए नए ठिकाने की तलाश कर सकता है। ऐसे वेंडर भी मिल सकते हैं जिनके पास सोवियत और रूसी प्रणालियों के साथ काम करने का अनुभव है।यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से रूसी हथियारों के सबसे बड़े खरीददार भारत की दिक्कतें बढ़ गई हैं, ऐसा जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ने कहा है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

भारत रूस पर अपनी तत्काल निर्भरता को कम करने के लिए स्पेयर पार्ट्स के लिए नए ठिकाने की तलाश कर सकता है। ऐसे वेंडर भी मिल सकते हैं जिनके पास सोवियत और रूसी प्रणालियों के साथ काम करने का अनुभव है।यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से रूसी हथियारों के सबसे बड़े खरीददार भारत की दिक्कतें बढ़ गई हैं, ऐसा जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ने कहा है। एक्सपर्ट्स ने कहा है कि नई दिल्ली को यह चुनना होगा कि लंबे वक्त तक रूस से हथियारों का आयात किया जाए या नहीं और इसके साथ ही इस बात पर खासा ध्यान देना होगा कि मामले को लेकर सबसे बेहतर विकल्प क्या है।वॉर ऑन द रॉक्स के लिए वसबजीत बनर्जी और बेंजामिन त्काच ने एक रिपोर्ट लिखी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस के रक्षा उद्योग में चीन की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए भारत की सिरदर्दी बढ़ सकती है। ऐसे हालात में भारत अपने हथियारों की खरीद में विविधता लाना शुरू कर सकता है। इसके साथ ही भारत घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी करना शुरू करेगा और अपने स्वदेशी रक्षा उद्योग को विक्सित करने की राह पर आगे बढ़ेगा।वॉर ऑन द रॉक्स के लिए वसबजीत बनर्जी और बेंजामिन त्काच ने एक रिपोर्ट लिखी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस के रक्षा उद्योग में चीन की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए भारत की सिरदर्दी बढ़ सकती है। ऐसे हालात में भारत अपने हथियारों की खरीद में विविधता लाना शुरू कर सकता है। इसके साथ ही भारत घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी करना शुरू करेगा और अपने स्वदेशी रक्षा उद्योग को विक्सित करने की राह पर आगे बढ़ेगा।

Related Post