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जिलासू-लंगासू जल्द ही आयुर्वेदा विलेज के रूप में देखने को मिलेगा


जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से चमोली में जिलासू-लंगासू जल्द ही आयुर्वेदा विलेज के रूप में देखने को मिलेगा। कुछ दिनों में पूरा जिलासू व लंगासू क्षेत्र एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनकर उभरेगा और पर्यटकों को यहाॅ पर पहाड की लाइफ का अनुभव मिलेगा।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 10 जनवरी,2020, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से चमोली में जिलासू-लंगासू जल्द ही आयुर्वेदा विलेज के रूप में देखने को मिलेगा। कुछ दिनों में पूरा जिलासू व लंगासू क्षेत्र एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनकर उभरेगा और पर्यटकों को यहाॅ पर पहाड की लाइफ का अनुभव मिलेगा। यहाॅ पर आयुर्वेदा विलेज के तहत पंचकर्मा हाॅल, मेडिटेशन सेंटर, योगा सेंटर, हर्बल गार्डन, ईको पार्क, रीवर व्यू प्वांइट, पहाडी शैली में होम स्टे का निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि ग्रामीण हाट बनकर लगभग तैयार हो चुका है। शुक्रवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आला अधिकारियों के साथ जिलासू का भ्रमण कर निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया। उन्होंने जिलासू में पहाडी शैली में निर्माणाधीन होम-स्टे एवं ग्रामीण हाट के निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। जिलासू में ग्रामीण हाट ब्लाक को हैडओवर कर अच्छे तरीके से संचालन कराने की बात कही। ताकि स्थानीय काश्तकारों एवं लोगों को ग्रामीण हाट से भरपूर लाभ मिल सके। जिलासू में लगभग 13 लाख की लागत से खूबसूरत पहाडी शैली में होमस्टे भी बनाया जा रहा है ताकि यहाॅ पर पर्यटकों को पहाडी जीवन का अनुभव मिल सके। जिलाधिकारी ने पर्यटन अधिकारी को जिलासू में एक और बडा सा होमस्टे निर्माण हेतु अगली जिला योजना में प्रस्ताव उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। पर्यटकों को अलकनंदा नदी की लहरों का करीब से दीदार हो सके इसके लिए जिलासू में रीवर ब्यू प्वाइंट भी तैयार किया जा रहा है। लगभग 70 मीटर के रीवर ब्यू प्वाइंट में आस्था पथ बनकर तैयार हो चुका है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने रीवर ब्यू प्वांइट में प्रवेश द्वार को आकर्षक एवं सुन्दर ढंग से निर्माण कराने, इंड सीटिंग बैंच एवं राउंड कैनोपी बनवाने, बीच में पत्थरों को रंगरोगन कराने, बीच के पास मंदिर का सौन्दर्यीकरण कराने, झाडियों की सफाई कराने तथा नदी के किनारे आंवले के पौधे लगाने के निर्देश दिए। जिलासू में रीवर ब्यू प्वाइंट पर आस्था पथ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही यह टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में संचालित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने लंगासू में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पंचकर्मा हाॅल, योगा वेलनेस सेंटर, हर्बल गार्डन, मेडिटेशन सेंटर के निर्माण कार्यो का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पंचकर्मा हाॅल में सभी निर्माण कार्यो को 10 दिनों के भीतर पूरा कराने और शीघ्र पंचकर्मा सेंटर से लोगों को पंचकर्मा सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सालय में योगा वेलनेस सेंटर, मेडिटेशन हट और हर्बल गार्डन का निर्माण कार्य भी शीघ्र पूरा कराने और प्रत्येक दिन सुबह और शाम योगा व मेडिटेशन के लिए रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा के आयुर्वेदा विलेज के तहत लंगासू व जिलासू दोनों विलेज को जोड़ने के लिए लकडी या ग्लास का पुल निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है। उन्होंने आरडब्लूडी को लकडी या ग्लास के पुल का प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग पर मंगरोली गांव का भ्रमण कर कंडाली के रेशे से कपडे बनाने वाली महिलाओं को भी प्रोत्साहित किया। यहाॅ पर उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद् के द्वारा नंदाकिनी स्वायत सहकारिता से जुड़ी महिलाओं के माध्यम से कंडाली के रेशों से जैकेट, मफलर, शाल, दुपट्टे आदि कपडे तैयार किए जा रहे है। बांस एवं रेशा विकास परिषद के मास्टर ट्रेनर फिरतुराम देवांगन द्वारा महिलाओं को फाइबर से यार्न एवं कपडे बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बांस एवं रेशा विकास बोर्ड को नंदाकिनी स्वायत सहकारिता से जुड़ी महिलाओं के साथ प्रोफिट शेयर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान से जुड़ी महिलाएं जितना काम करती है उसी हिसाब से उसको प्रोफिट भी मिलना चाहिए, ताकि महिलाएं इससे जुडी महिलाएं अच्छी आजीविका अर्जित कर सके। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से यहाॅ पर काम करने वाली महिलाओं को एकीकृत आजीविका सहायता परियोजना के आधार पर महिलाओं में प्रोफिट शेयर की व्यवस्था कराने को कहा। साथ ही उन्होंने महिलाओं को कंडाली के रेशों से अधिक से अधिक कपडो का स्टाॅक तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। कहा कि आगामी गौचर मेले में कंडाली से बने उत्पादों के विपणन की व्यवस्था कराई जाएगी, ताकि इस कार्य से जुड़ी महिलाओं को सीधा लाभ मिल सके। नंदाकिनी स्वायत सहकारिता की महिलाओं ने जिलाधिकारी को कडाली के रेशे से बना शाॅल भेंट करना चाहा, लेकिन जिलाधिकारी ने महिलाओं की कठिन मेहनत और परिश्रम को देखते हुए पांच सौ रुपये कीमत वाले शाॅल के बदले एक हजार रूपये देकर महिलाओं का हौसला भी बढाया।

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