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एस एम जे एन (पी जी) कालेज में एक रक्तदान शिविर


आन्तरिक गुणवत्ता विनिश्चयन प्रकोष्ठ एस एम जे एन पी जी कालेज में उत्तराचंल पजांबी महा सभा, ब्लड वालिंयिटर्स , मुस्कान फाउंडेशन ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में दिनांक 20 अप्रैल को स्थानीय एस एम जे एन (पी जी) कालेज में एक रक्तदान शिविर (ब्लड डोनेशन कैंप) का आयोजन किया जा रहा है।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार 19 अप्रैल आन्तरिक गुणवत्ता विनिश्चयन प्रकोष्ठ एस एम जे एन पी जी कालेज में उत्तराचंल पजांबी महा सभा, ब्लड वालिंयिटर्स , मुस्कान फाउंडेशन ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में दिनांक 20 अप्रैल को स्थानीय एस एम जे एन (पी जी) कालेज में एक रक्तदान शिविर (ब्लड डोनेशन कैंप) का आयोजन किया जा रहा है। डॉ सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि इस कैंप का आयोजन प्रातः 10 बजे से अपराह्न 3 बजे तक किया जायेगा। इस रक्तदान शिविर हेतु डॉ प्रदीप त्यागी को मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ संजय कुमार माहेश्वरी एवं डॉ श्रीमती सरस्वती पाठक, डॉ मनमोहन गुप्ता इस शिविर के सफल आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेंगे। रक्तदान वास्तव में जीवन दान हैं और इसका कोई विकल्प भी नहीं है। डॉ बत्रा ने छात्र छात्राओं , सहयोगी संगठनों, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों,एन सी सी के कैंडेटस, पूर्व छात्र छात्राओं, एवं अन्य रक्तदान करने के इच्छुक लोगों से अधिक से अधिक संख्या में इस शिविर में प्रतिभाग करने एवं रक्त दान करने की अपील की है। डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ संजय माहेश्वरी ने बताया कि इस शिविर का शुभारंभ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के श्री महंत रविन्द्र पुरी एवं एस पी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह दीप प्रज्ज्वलित करके करेंगे. रक्तदान के सम्बन्ध में चिकित्सा विज्ञान कहता है कि  वह व्यक्ति जिसकी उम्र 16 से 60  साल के बीच और वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो, जिसे एचआईवी(HIV), हैपिटाइटिस “बी” या “सी” (Hepatitis B,C) जैसी बीमारी न हुई हो, वह रक्तदान कर सकता है. एक बार में जो 350 मिलीग्राम रक्त दिया जाता है, उसकी पूर्ति शरीर में चौबीस घण्टे के अन्दर हो जाती है और गुणवत्ता की पूर्ति 21 दिनों के भीतर हो जाती है. दूसरे, जो व्यक्ति नियमित रक्तदान करते हैं  उन्हें हृदय सम्बन्धी बीमारियां कम परेशान करती हैं. तीसरी अहम बात यह है कि  हमारे रक्त की संरचना ऐसी है कि उसमें समाहित रेड ब्लड सेल (Red Blood Cell) तीन माह में स्वयं ही मर जाते हैं, लिहाजा प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है. आप रक्तदान की अहमियत इसी तथ्य से समझ सकते हैं कि हमारे द्वारा दिया गया एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है.

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