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" हरिद्वार अंधेर नगरी चौपट राजा श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट" कौन असली कौन नकली" जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी अंजान"


विश्व विख्यात तीर्थ नगरी हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर की सुचारू व्यवस्था हेतु उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पदेन सदस्य के रूप में नियुक्त चले आते हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस आदेश से अंजान हैं।

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार(अजय शर्मा) विश्व विख्यात तीर्थ नगरी हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर की सुचारू व्यवस्था हेतु उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पदेन सदस्य के रूप में नियुक्त चले आते हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस आदेश से अंजान हैं जिसका लाभ उठाकर कुछ लोग फर्जी तरीके से खुद को ट्रस्ट का अध्यक्ष व ट्रस्टी घोषित कर आम जनता से धोखाधड़ी करते हुए धनराशि बसूल रहे हैं इस संबंध में एक व्यक्ति अनिल शर्मा (कथित ट्रस्टी) जो एक प्रभावशाली महंत का सहयोगी है ने नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है आरोप है कि मंदिर के पुजारी ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी ट्रस्ट बना लिया है तथा यह लोग मंदिर में आने वाले श्रदालुओं से धन ऐंठ रहे हैं। आपको बता दें कि श्री मनसा देवी मंदिर राजाजी टाइगर रिजर्व की आरक्षित वन भूमि पर सिथत है मंदिर हेतु आवंटित भूमि के अतिरिक्त 0.75 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा कर श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट(अपंजीकृत) वन क्षेत्र को व्यवसायिक केंद के रूप में तब्दील कर लिया इसके बाद विभिन्न शिकायतों व न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद राजाजी टाइगर रिज़र्व के अधिकारी नींद से जागे तब जाकर केस दर्ज हुआ श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट आज भी अपंजीकृत श्रेणी में है जिसका लाभ उठाकर मंदिर के पुजारी ने भी एक ट्रस्ट पँजिकृत कराकर खुद को ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित कर दिया है लेकिन चिंताजनक यह है कि आखिर उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा नामित पदेन सदस्य हरिद्वार के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किस तरह की सुचारू व्यवस्था कर रहे हैं क्या जिम्मेदार अधिकारियों के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश कोई मायने नहीं रखते-? और क्या हरिद्वार आने वाले करोड़ो आस्थावान श्रदालु ऐसे ही ठगे जाएंगे यह कैसी व्यवस्था है।

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