समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड में पृथà¥à¤µà¥€ à¤à¤• मातà¥à¤° à¤à¤¸à¤¾ गà¥à¤°à¤¹ है जहां जीवन मौजूद है।à¤à¤¸à¥‡ में हमें पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन बनाठरखने के लिठइसका संरकà¥à¤·à¤£ करना होगा। 22 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को पूरे विशà¥à¤µ में अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पृथà¥à¤µà¥€ दिवस मनाया जाता है जिसका मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ लोगों को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ कर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠअपना सहयोग देने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करना है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड में पृथà¥à¤µà¥€ à¤à¤• मातà¥à¤° à¤à¤¸à¤¾ गà¥à¤°à¤¹ है जहां जीवन मौजूद है।à¤à¤¸à¥‡ में हमें पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन बनाठरखने के लिठइसका संरकà¥à¤·à¤£ करना होगा। 22 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को पूरे विशà¥à¤µ में अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पृथà¥à¤µà¥€ दिवस मनाया जाता है जिसका मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ लोगों को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ कर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠअपना सहयोग देने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करना है, ताकि पृथà¥à¤µà¥€ गà¥à¤°à¤¹ को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाने वाली मानव गतिविधियों को कम किया जा सके। लगातार हो रहे मौसमी बदलाव और उसके परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प बार बार आने वाली आपदाओं में मनà¥à¤·à¥à¤¯ का योगदान है । लगातार मानवीय हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª के कारण आज धरती का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ खतरे में पड़ता जा रहा है।जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ पर संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° फà¥à¤°à¥‡à¤®à¤µà¤°à¥à¤• कनà¥à¤µà¥‡à¤‚शन (UNFCCC) के à¤à¥€à¤¤à¤° पेरिस समà¤à¥Œà¤¤à¥‡ पर हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° किठगठथे। इस समà¤à¥Œà¤¤à¥‡ का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पूरà¥à¤µ औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• तापमान में वृदà¥à¤§à¤¿ को 2 डिगà¥à¤°à¥€ सेलà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¸ से नीचे रखना था और वृदà¥à¤§à¤¿ को 1.5 डिगà¥à¤°à¥€ सेलà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¸ तक सीमित करने के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना है। यदि हम आज à¤à¥€ पृथà¥à¤µà¥€ संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ कदम नहीं उठायेंगे या हमने इस ओर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया तो धरती जीवन जीने के अनà¥à¤•à¥‚ल नहीं रह जाà¤à¤—ी और आने वाले समय में यह आग के गोले में तबà¥à¤¦à¥€à¤² हो जाà¤à¤—ी। लोग चांद पर तो अपना आसियाना बसाने की सोच रहे हैं लेकिन वे धरती को धीरे-धीरे विषैला बनाते जा रहे हैं। हमें चांद पर जाने से पहले धरती के बारे में सोचना होगा और इस अनमोल गà¥à¤°à¤¹ को नषà¥à¤Ÿ होने से बचाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना चाहिठतà¤à¥€ हम पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को बचाठरख सकते हैं अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ यह धरती जीवन विहीन हो जायेगी। हमें लगातार बढ़ते पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को रोकना होगा और उन सà¤à¥€ गतिविधियों को रोकना होगा जो परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ विघटन हेतॠजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैं। हमें जागरूक होना होगा। हर शहर, कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ और गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में जाकर जन जागृति अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाना होगा और कैसे हम अपने इस वेशकीमती गà¥à¤°à¤¹ को बचाठरख सकें ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को बताना होगा। हमें समय रहते पृथà¥à¤µà¥€ के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को बचाने हेतॠआगे आना होगा। तà¤à¥€ ये धरा सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेगी और इस धरा पर जीवन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेगा।