विरासत आरà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड हेरिटेज फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² 2022 जो डॉ बी आर अंबेडकर सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤® कौलागॠरोड देहरादून में चल रहा है। इस विरासत फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में देहरादून के लोगों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² लगाठगठहैं। जहां पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कलाकृतियों से लेकर अनà¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² लगाया गया है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
देहरादून- 23 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2022- विरासत आरà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड हेरिटेज फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² 2022 जो डॉ बी आर अंबेडकर सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤® कौलागॠरोड देहरादून में चल रहा है। इस विरासत फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में देहरादून के लोगों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² लगाठगठहैं। जहां पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कलाकृतियों से लेकर अनà¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² लगाया गया है। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सà¥à¤Ÿà¥‰à¤²à¥à¤¸ में à¤à¤• अनोखा सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² “काबà¥à¤²à¥€ मेवा अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ डà¥à¤°à¤¾à¤ˆ फà¥à¤°à¥‚ट“ है जो अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आठहà¥à¤ चाचा à¤à¤¤à¥€à¤œà¥‡ ने पहली बार विरासत में लगाया है। हाजी अली, अकरम और शाही अजमल जो अपने सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² का संचालन कर रहे हैं बताते हैं कि हमसब विरासत में आने के लिठसबसे पहले हिंदी बोलना, लिखना और पà¥à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ किया। हमलोग पिछले 6 महीने से देहरादून में लगने वाले विरासत फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² का इंतजार कर रहे थे और इसी दौरान हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को सीख रहे थे। हम पहली बार देहरादून में आयोजित होने वाले इस विरासत फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में आयें हैं और अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोगों के लिठविà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पोसà¥à¤Ÿà¤¿à¤• डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤«à¥à¤°à¥‚टस और नटà¥à¤¸ लेकर आये हैं। जिसमें पिसà¥à¤¤à¤¾, अंजीर, काजू बादाम, मामरा बदाम, चिलगोजा, अखरोट, खà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥€, केसर, बदाम तेल, खजूर, अफगानी हींग के साथ-साथ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के किशमिश à¤à¥€ लायें है। चाचा हाजी अली और आसिफ नूरी बताते हैं कि हम जो अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से डà¥à¤°à¤¾à¤ˆ फà¥à¤°à¥‚टà¥à¤¸ लाठहैं उसमें आप आधे अखरोट के साथ दो खजूर खा ले तो वह आपके शरीर को दिन à¤à¤° के लिठऊरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करेगा और तरोताजा रखेगा। à¤à¤¸à¥‡ ही विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के डà¥à¤°à¤¾à¤ˆ फà¥à¤°à¥‚टà¥à¤¸ के अपने-अपने गà¥à¤£ हैं। वे अपने सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² में अफगानी गà¥à¤°à¥€à¤¨ टी à¤à¥€ लोगों को पिलाते हैं और बताते हैं कि यह बहà¥à¤¤ ही रिफà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¿à¤‚ग है और आपको सरà¥à¤¦à¥€ जà¥à¤•à¤¾à¤® के साथ -साथ थकान और आलस को à¤à¥€ दूर कर देगा। वही शाही अजमल आगे कहते हैं कि देहरादून के लोगों को मेरा सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² बहà¥à¤¤ पसंद आ रहा है à¤à¤µà¤‚ बहà¥à¤¤ लोगों ने हमसे सामान खरीदा है और हमारी तारीफ à¤à¥€ की है। वे कहते हैं मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगता है हिंदी में लोगों से बात करना वैसे तो मैं पहली बार इतने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही लोगों से हिंदी में बात कर रहा हूं। मà¥à¤à¥‡ देहरादून आकर पता चला कि अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आना चाहते हैं, हमें यहां की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परंपरा à¤à¥€ बहà¥à¤¤ पसंद आ रही है, मैं हर शाम विरासत में होने वाले सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤— लेता हूं और बैठकर वहां जो à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ चल रही होती है देखता हूं। कई बार हम चाचा à¤à¤¤à¥€à¤œà¥‡ में से à¤à¤• सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² पर रहता है और à¤à¤• पंडाल में पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® देखते रहते है। मैंने फैसला किया है कि अब जब à¤à¥€ विरासत देहरादून में आयोजित होगा मैं काबà¥à¤² से देहरादून अपना सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² लेकर जरूर आऊंगा और अगली बार मैं कोशिश करूंगा कि अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ देहरादून लेकर आऊं और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ परंपरा और लोगों से मिलवा शकू। मà¥à¤à¥‡ देहरादून के लोगों से बहà¥à¤¤ पà¥à¤¯à¤¾à¤° मिल रहा है और यह हमारे लिठगरà¥à¤µ की बात है कि अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोग इतनी मोहबà¥à¤¬à¤¤ करते हैं और अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤«à¥à¤°à¥‚टà¥à¤¸ को इतना पसंद कर रहे हैं। मैं विरासत को आयोजित करने वाले सà¤à¥€ लोगों को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करता हूं कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमें इस तरह की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ दी है जिसे मैं अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ आकर अपना वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° कर रहा हूं।