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हरिद्वार में औद्योगिक व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ नगर क्षेत्र बिजली कटौती से बेहाल।


हरिद्वार क्षेत्र के औद्योगिक व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से जहां उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है। वहीं बिजली कटौती से इस भीषण गर्मी में बाहर और भीतर गर्मी से जूझना पड़ रहा है। आज हरिद्वार के लोगों को सीजन की सबसे बड़ी बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। राज्य में दिन प्रतिदिन बिजली संकट बढ़ता जा रहा है।

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 23 अप्रैल (विकास शर्मा) हरिद्वार क्षेत्र के औद्योगिक व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से जहां उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है। वहीं बिजली कटौती से इस भीषण गर्मी में बाहर और भीतर गर्मी से जूझना पड़ रहा है। आज हरिद्वार के लोगों को सीजन की सबसे बड़ी बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। राज्य में दिन प्रतिदिन बिजली संकट बढ़ता जा रहा है। वही मैदानी तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पारा बढ़ने के साथ-साथ गरम हवाएं चल रही है। जिसके कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। राज्य में बिजली की डिमांड 45.5 मिलियन यूनिट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है जबकि बिजली की उपलब्धता मात्र 38.5 मिलियन यूनिटी है। हरिद्वार के औद्योगिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 6 घंटे की कटौती हो सकती है। जबकि शहरी क्षेत्र में भी दो से अधिक घंटों की कटौती हो सकती है। यूपीसीएल अधिकारीयों के अनुसार राज्य को पहले से 1.5 एमयू बिजली गैस प्लांट से मिलती है जो कि यह पूर्णता बंद है। भीषण गर्मी के कारण 5 एमयू की डिमांड समय से पहले ही बढ़ गई है। इस तरह राज्य पर 12.5 एमयू का अतिरिक्त भार बढ़ गया है। बिजली संकट को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग को बैकअप प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री काफी गंभीर नजर आए। उन्होंने शीघ्र ही बिजली संकट की समस्या का समाधान के आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए।

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