विरासत आरà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड हेरिटेज फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² 2022 के नौवें दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ डॉ. बी. आर. अंबेडकर सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤® (कौलागॠरोड) देहरादून में आरà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड कà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤Ÿ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के साथ हà¥à¤†à¥¤ इस वरà¥à¤•à¤¶à¥‰à¤ª में देहरादून के 5 सà¥à¤•à¥‚लों के लगà¤à¤— 98 छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— किया। इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के अंतरà¥à¤—त छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने शिलà¥à¤ªà¤•à¤¾à¤° मासà¥à¤Ÿà¤° के साथ मिलकर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कला और आरà¥à¤Ÿ बनाने का पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ लिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
देहरादून- विरासत आरà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड हेरिटेज फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² 2022 के नौवें दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ डॉ. बी. आर. अंबेडकर सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤® (कौलागॠरोड) देहरादून में आरà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड कà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤Ÿ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के साथ हà¥à¤†à¥¤ इस वरà¥à¤•à¤¶à¥‰à¤ª में देहरादून के 5 सà¥à¤•à¥‚लों के लगà¤à¤— 98 छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— किया। इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के अंतरà¥à¤—त छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने शिलà¥à¤ªà¤•à¤¾à¤° मासà¥à¤Ÿà¤° के साथ मिलकर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कला और आरà¥à¤Ÿ बनाने का पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ लिया। इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में पेबल आरà¥à¤Ÿ, चॉकलेट मेकिंग, टाई à¤à¤‚ड डाई, मिटà¥à¤Ÿà¥€ के बरà¥à¤¤à¤¨ बनाना, जà¥à¤Ÿ की गà¥à¥œà¤¿à¤¯à¤¾ बनाना, गà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¾à¤°à¥‡ पर कलाकृतियां उकेरना, फेस आरà¥à¤Ÿ, मंडना बà¥à¤²à¥‰à¤• पà¥à¤°à¤¿à¤‚टिंग à¤à¤µà¤‚ पतंग बनाने जैसे कला शामिल थी। सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठदीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¨ के साथ हà¥à¤† à¤à¤µà¤‚ अमरà¥à¤¤à¥à¤¯ चटरà¥à¤œà¥€ घोष दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कथक नृतà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया। जिसमे पहली पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ ओम नमः शिवाय, आमद और पà¥à¤°à¤¾à¤£ फिर ’यातà¥à¤°à¤¾ तीन ताल में’, उसके बाद कि पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पंडित बिरजू महाराज जी के याद में की गई à¤à¤µà¤‚ उनकी आखिरी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ कतà¥à¤¥à¤• सूफी संगीत à¤à¤°à¥€ सखी मोरे पिया घर आयो पर दी गई। इनके संगत में तबला पर आशीष मिशà¥à¤°à¤¾, सितार पर विशाल मिशà¥à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ वोकल में जाकिर अहमद रहे। बताते चले कि अमरà¥à¤¤à¥à¤¯ चटरà¥à¤œà¥€ घोष संजोग à¤à¤•à¥‡à¤¡à¤®à¥€ ऑफ परफॉरà¥à¤®à¤¿à¤‚ग आरà¥à¤Ÿà¥à¤¸ में कलातà¥à¤®à¤• निदेशक के साथ-साथ à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤•, कोरियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤° à¤à¤µà¤‚ à¤à¤• रिसरà¥à¤š सà¥à¤•à¥‰à¤²à¤° और मास कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ की लेकà¥à¤šà¤°à¤° à¤à¥€ हैं। वे डांस कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ पर शोध à¤à¥€ करती है। सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में बेगम परवीन सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीत पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में अपने गायन की शà¥à¤°à¥‚आत राग मारू बिहाग विलामà¥à¤¬à¤¿à¤¤ खà¥à¤¯à¤¾à¤² और दà¥à¤°à¥à¤¤ खà¥à¤¯à¤¾à¤² से की उसके बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मिरा बाई के à¤à¤œà¤¨ गया,फिर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ’हमें तà¥à¤®à¤¸à¥‡ पà¥à¤¯à¤¾à¤° कितान’ फिलà¥à¤® कà¥à¤¦à¤°à¤¤ का गाना गया जिसके लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गायक पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° मिला था। बेगम परवीन सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ पटियाला घराने गायिका हैं और वे परवीन जी असाम से आती है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 2014 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पदà¥à¤® à¤à¥‚षण और 1998 में संगीत नाटक अकादमी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संगीत नाटक अकादमी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° मिला है à¤à¤µà¤‚ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ और अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया हैं। सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ के पिता इकरामà¥à¤² मजीद ने 4 साल की उमà¥à¤° से ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संगीत सिखाना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया था। वे जनाब मजीद बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के संगीतकार गà¥à¤² मोहमà¥à¤®à¤¦ खान के शिषà¥à¤¯ थे जो पटियाला घराने के गायक थे। परवीन जी ने अपनी पहली पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ 12 साल की उमà¥à¤° में दी थी । उनके कई रिकॉरà¥à¤¡ हमें सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ मिलते हैं। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ गायन किया है। ।