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रोजगार के क्षेत्र में लकड़ी की कलाकृतियों को रोजगार के रुप में देखना इस स्टॉल का उद्धेश्य था।


काष्ठ को आम भाषा में लकड़ी कहा जाता है इस कला में लोग लकड़ी पर विभिन्न प्रकार के कलाकारी वस्तुएं बनाते हैं। कलाकार एक बेजान लकडी को विभिन्न आकृतियों में बनाकर एक आकृति प्रदान करता है। इसी कला के महारथी हाईस्कूल खंन्दूखाल में एल० टी० गणित के पद पर कार्यरत अरविन्द नेगी की कला भी अविस्मरणीय हें।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

श्रीनगर के चमराडा गांव में जननायक पन्थ्या दादा स्मृति महोत्सव चमराड़ा मेले लगाई गई हस्तकला प्रदर्शनी में काष्ठ कला (Wooden Arts) एक हस्तकला है जो भारतीय राज्य राजस्थान में बहुत प्रसिद्ध है। काष्ठ को आम भाषा में लकड़ी कहा जाता है इस कला में लोग लकड़ी पर विभिन्न प्रकार के कलाकारी वस्तुएं बनाते हैं। कलाकार एक बेजान लकडी को विभिन्न आकृतियों में बनाकर एक आकृति प्रदान करता है। इसी कला के महारथी हाईस्कूल खंन्दूखाल में एल० टी० गणित के पद पर कार्यरत अरविन्द नेगी की कला भी अविस्मरणीय हें। हर कला में माहिर और विषय से इतर आप इन लकडियों में जान फूंक कर उन्हें एक जीवन प्रदान करते है। ऐसे कलाकर की आकृतियों को दुनिया के सामने लाने चाहिए जो दुनिया देख सके कि हस्तकला से निर्जीव लकड़ी भी कैसे कलाकारी से जान डाल दी जाती है ऐसे कलाकार को मेले के आयोजकों ने निमंत्रण दिया और ऐसे हस्तकलाकर ने निंमंत्रण को स्वीकार किया और जननायक पन्थ्या सदा महोत्सव चमराड़ा में अपनी जीवन्त कलाकृतियों को स्टॉल में स्थान दिया। आपकी इन कलाकृतियों द्बारा नई पीढी को एक समझ व रोजगार के क्षेत्र में लकड़ी की कलाकृतियों को रोजगार के रुप में देखना इस स्टॉल का उद्धेश्य था। ऐसे प्रयास से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। ऐसे कलाकार दुनिया के लिए मिशाल होते है जो अपनी कला से दुनिया को रोशनी दिखाते है ओर युवाओं के प्रेरणास्रोत बन जाते है।

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